सोशल मीडिया पर 'जहरीले' कमेंट हटाएगा ये सॉफ्टवेयर, ट्रोल करने वालों से मिलेगी निजात
सोशल मीडिया पर आए दिन कोई-न-कोई इनफ्लुएंसर, सेलेब्रिटी, नेता या कोई और मशहूर शख्स ट्रोल्स का शिकार हो रहा है. किसी पोस्ट पर कई यूजर ऐसे होते हैं जो नफरत भरे कमेंट्स करते हैं. ऐसी गतिविधियां बढ़ती ही जा रही है. लेकिन अब इन पर लगाम लग सकती है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT), नया रायपुर के शोधकर्ताओं की एक टीम एक अनूठे रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जो सोशल मीडिया से नकारात्मक टिप्पणियों (negative comments) को रोकने में मददगार साबित हो सकता है. इस प्रोजेक्ट को ‘Comment Toxicity Prediction using Deep Learning’ का नाम दिया गया है. उम्मीद है कि यह उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने और सोशल मीडिया में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
इस रिसर्च प्रोजेक्ट को तीन छात्रों — सायंतन रॉय, ऋषि शौनक और विवेक कुमार ने मिलकर तैयार किया है. इन छात्रों ने विवेक तिवारी के मार्गदर्शन में काम किया और इसे संभव बनाया है.
इस प्रोजेक्ट के जरिए स्टूडेंट्स ने एक खास तरह के सॉफ्टवेयर पर काम किया है, जो सोशल मीडिया पर फिल्टर का काम करेगा. सॉफ्टवेयर का अपना डेटा होता है जिसके आधार पर यह तय करेगा कि कमेंट नकारात्मक है या सकारात्मक. यदि कोई नकारात्मक कमेंट पोस्ट करता है, तो फ़िल्टर उसे अपने आप हटा देगा. यह सॉफ्टवेयर फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम करेगा. यह सॉफ्टवेयर सोशल मीडिया की प्रोडक्टिविटी में सुधार करने में भी मदद करेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवेक तिवारी ने कहा, "आज के समय में इस तरह के सॉफ्टवेयर समय की जरूरत है क्योंकि लोग असंवेदनशील हो गए हैं और सोशल मीडिया का इस्तेमाल दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कर रहे हैं." लोग सोशल मीडिया का उपयोग सरकारी नियमों को तोड़ने के लिए भी करते हैं, इसलिए सॉफ्टवेयर सोशल मीडिया पर संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि वे एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए भी प्रयास करेंगे.
सॉफ्टवेयर मशीन लर्निंग मॉडल पर काम करता है. इसमें सॉफ्टवेयर मशीन लर्निंग प्रोसेस के जरिए कमेंट्स की जांच करता है. कमेंट के पढ़ने के बाद मशीन कमेंट को स्कोर करेगी, यदि स्कोर नकारात्मक है, तो कमेंट अपने आप हटा दिया जाएगा और यदि कमेंट सकारात्मक है, तो इस वॉल पर पोस्ट कर दिया जाएगा. सॉफ्टवेयर के पास अपना डेटा है जिसके आधार पर सॉफ्टवेयर कमेंट की विषाक्तता का अनुमान लगाता है.
वर्तमान में, छात्रों ने परीक्षण के उद्देश्य से इस सॉफ्टवेयर के लिए एक वेब ऐप तैयार किया है और कोई भी आसानी से लिंक डाउनलोड कर सकता है. और अपने सोशल मीडिया से सभी नकारात्मक कमेंट्स को हटा सकता है. सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता को पहले यह तय करने की अनुमति देता है कि वह कमेंट देखना चाहता है या इसे तुरंत हटाना चाहता है.
छात्रों में से एक, ऋषि शौनक ने बताया कि सॉफ्टवेयर में अभी भी कुछ मुद्दे हैं क्योंकि यह व्यंग्यात्मक (sarcastic) कमेंट्स को पहचानने में विफल है. उन्होंने कहा कि उनकी टीम इस पर कड़ी मेहनत कर रही है और जल्द ही इसे दूर कर देगी. उन्होंने कहा कि वे समस्या को सुधारने के लिए और डेटा सेट जोड़ेंगे.
आपको बता दें कि इससे पहले, हाल ही में लोकप्रिय माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter ने Twitter Circle नाम से एक नया फीचर लॉन्च किया है. यह फीचर इंस्टाग्राम के क्लोज फ्रेंड्स फीचर की तरह काम करता है. ट्विटर सर्कल आपको अपने विचार साझा करने के लिए छोटे ग्रुप बनाने देता है. इससे आपको अधिक कंट्रोल मिलता है. इस ग्रुप में अधिकतम 150 लोग हो सकते हैं.
150 लोगों के सर्कल में कौन होगा, इसे तय करने का पूरा अधिकार आपके पास ही रहेगा. हालांकि जब जब कोई आपको ट्विटर सर्कल में जोड़ेगा या निकालेगा तो आपको इसकी नोटिफिकेशन नहीं मिलेगी. कंपनी का कहना है कि यूजर्स को सर्कल रिमूव करने की इजाजत भी नहीं मिलेगी. यूजर्स को अगर सर्कल का हिस्सा नहीं बनना है तो वह सर्कल क्रिएट करने वाले शख्स को ब्लॉक कर सकता है. ऐसा करने से वह सर्कल से हट जाएगा. इस फीचर की एक और खास बात ये है कि सर्कल में किए गए ट्वीट ग्रीन बैज के अंदर दिखेंगे. इस ट्वीट को कोई न तो रिट्वीट कर पाएगा और न ही शेयर कर पाएगा. इन ट्वीट पर किए गए सभी रिप्लाई प्राइवेट ही रहेंगे.
इस फीचर को प्राइवेसी के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कहीं न कहीं यूजर्स, खासकर सेलेब्रेटीज और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को ट्रोल होने से बचाने में मददगार होगा ये नया फीचर.