भारत में 5G को बढ़ावा दे रहा IIT कानपुर, लॉन्च किए 5G, 6G में ई-मास्टर्स कोर्स
IIT कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा डिजाइन और विकसित, ई-मास्टर डिग्री प्रोग्राम का उद्देश्य 5G, 6G और Edge कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म पर आधारित मॉडर्न कम्यूनिकेशन सिस्टम्स को डिजाइन करने में पेशेवरों को कुशल बनाना है.
भारत 5G टेक्नोलॉजी में अग्रणी देशों के समूह में शामिल होने की ओर अग्रसर है. 5G टेस्टबेड लॉन्च में हाल के घटनाक्रम और 6G तकनीकों पर चल रहे शोध ने इस संबंध में एक नए कार्यबल के लिए नेतृत्व करने की क्षमता लाई है. इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए, IIT कानपुर (IIT Kanpur) ने कम्यूनिकेशन सिस्टम्स में एक ई-मास्टर डिग्री प्रोग्राम तैयार किया है.
IIT कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा डिजाइन और विकसित, ई-मास्टर डिग्री प्रोग्राम का उद्देश्य 5G, 6G और Edge कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म पर आधारित मॉडर्न कम्यूनिकेशन सिस्टम्स को डिजाइन करने में पेशेवरों को कुशल बनाना है. यह प्रोग्राम अपने अपने कार्यक्षेत्रों में काम करते हुए पेशेवरों के लिए 1-3 वर्षों के बीच कहीं भी अपनी डिग्री पूरी करने के लिए बहुत अधिक लचीलापन माहौल प्रदान करता है.
पिछले साल आधुनिक तकनीकों के कार्यक्षेत्रों में नौकरियों के लिए 28% की भारी प्रतिभा की कमी का सामना करने के बाद, भारत आज 5G और इसके सहायक उद्योगों के लिए विश्व स्तरीय कुशल कार्यबल बनाने की राह पर है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस कार्यक्षेत्रों के लिए 2025 तक 22 मिलियन कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होने की उम्मीद है और कहा जाता है कि आने वाले 15 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में उनका $ 450 बिलियन का योगदान होगा.
5Gi नाम के भारत के पहले 5G टेस्टबेड का हालिया लॉन्च इस भविष्य की तकनीक को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम साबित हुआ है जो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रभावी सुविधाओं का निर्माण करेगी. IIT कानपुर को 5G NR बेस स्टेशन के बेसबैंड यूनिट (BBU) को टेस्टबेड के हिस्से के रूप में विकसित करने का काम सौंपा गया था. हालाँकि, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और चीन जैसे देशों ने विभिन्न शहरों में शक्तिशाली 5G तकनीकों को तैनात किया जा चुका है, वहीं भारत उद्योग की प्रतिभा, पूंजी और उन्नति बाधाओं की कमी के कारण संघर्ष कर रहा है.
दूरसंचार मंत्री, अश्विनी वैष्णव द्वारा परीक्षण के लिए की गई पहली 5G कॉल की सफलता ने संभावित एंड-टू-एंड नेटवर्क के बारे में बहुत कुछ बयां किया, जिसे भारत में डिजाइन और विकसित किया गया था. जिससे पता चलता है कि आने वाले समय में कम्यूनिकेशन इकोसिस्टम की सेवा के लिए 5G और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के लिए अत्यधिक कुशल कार्यबल की मांग बढ़ेगी.
कम्यूनिकेशन सिस्टम्स में IIT कानपुर की सावधानीपूर्वक तैयार की गई ई-मास्टर्स डिग्री, मौजुदा समय की इन जरूरतों को पूरा करेगी. यह डिग्री उन सभी दूरसंचार और अन्य पेशेवरों की जरूरतों को पूरा करने जा रही है जो संचार प्रणालियों के बारे में सीखना चाहते हैं और संबंधित क्षेत्र के उद्योग के लिए तैयार होना चाहते हैं.
इस डिग्री प्रोग्राम में IIT कानपुर कैंपस विजिट, मेंटरशिप, करियर सपोर्ट, प्लेसमेंट सेल तक पहुंच और इनक्यूबेशन सपोर्ट शामिल है.
5G, जो कि पहले ही हमें प्रभावित कर चुकी है, उसे गति प्रदान करने के साथ संचार उद्योग को ऐसे पेशेवरों की आवश्यकता है जो इस तकनीक को जल्द से जल्द गति देने के लिए कमर कस सकें. इस डिग्री प्रोग्राम के लिए साइन अप करने वाले पेशेवर अब भारत में 5G क्रांति बल के प्रमुख चालक बन जाएंगे. डिग्री उन्हें देश के संचार भविष्य को आकार देने और बनाने के लिए आवश्यक 360-डिग्री विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करेगी.
डिग्री के लिए अंतिम आवेदन विंडो 3 जून, 2022 तक खुली है.