पिछले 4 सालों में कितनी बढ़ी औसत कृषि आय, SBI Research रिपोर्ट ने बताया

कृषि आय बढ़ने के पीछे एक कारक मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP में बढ़ोतरी भी है.

पिछले 4 सालों में कितनी बढ़ी औसत कृषि आय, SBI Research रिपोर्ट ने बताया

Monday July 18, 2022,

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किसानों की आय वित्त वर्ष 2017-18 के स्तर से वित्त वर्ष 2021-22 में औसतन 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी है, जबकि अनाज का निर्यात इस दौरान बढ़कर 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिसर्च रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. कुछ राज्यों में कुछ फसलों के लिए किसानों की आय (जैसे महाराष्ट्र में सोयाबीन और कर्नाटक में कपास) वित्त वर्ष 2017-18 के स्तर से वित्त वर्ष 2021-22 में दोगुने से अधिक हो गई, जबकि अन्य सभी मामलों में यह 1.3-1.7 गुना की सीमा में बढ़ी.

SBI के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने रविवार को एक विस्तृत रिपोर्ट में कहा कि नॉन-कैश फसल उगाने वाले किसानों की तुलना में कैश फसलों में लगे किसानों की आय में अधिक वृद्धि हुई. महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात जैसे प्रमुख कृषि राज्यों पर बेस्ड रिपोर्ट में कहा गया है कि संबद्ध/गैर-कृषि आय में अधिकांश राज्यों में 1.4 से 1.8 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

GDP में कृषि की हिस्सेदारी भी बढ़ी

रिपोर्ट में कहा गया कि इससे सकल घरेलू उत्पाद में कृषि की हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत से बढ़कर 18.8 प्रतिशत हो गई है. यह वृद्धि महामारी की घातक दूसरी लहर के कारण अर्थव्यवस्था में औद्योगिक और सेवाओं के योगदान के कम होने के कारण भी थी. जहां तक कृषि निर्यात की बात है तो यह वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 50 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

MSP में भी इजाफा

कृषि आय बढ़ने के पीछे एक कारक मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी में बढ़ोतरी भी है. 2014 के बाद से एमएसपी 1.5-2.3 गुना बढ़ी है. यह किसानों के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका अदा कर रही है. रिपोर्ट में सरकार से हर साल कम से कम 10 लाख किसानों को लक्षित करके आजीविका क्रेडिट कार्ड और पांच लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण प्रोत्साहन के लिए एक सर्वव्यापी क्रेडिट गारंटी फंड शुरू करने का भी आग्रह किया गया है.


Edited by Ritika Singh