सुपरकम्प्यूटिंग में अग्रणी मार्गदर्शक के रूप में उभर रहा है भारत
भारत में जमाव और विनिर्माण के साथ सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए भारत के कुल 14 प्रमुख संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
भारत राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन (NSM) के साथ उच्च शक्ति कंप्यूटिंग में एक अग्रणी मार्ग दर्शक के रूप में तेजी से उभर रहा है, जो इसे शिक्षा या शोध के क्षेत्र, शोधकर्ताओं, एमएसएमई की बढ़ती कम्प्यूटेशनल मांगों को पूरा करने और तेल की खोज, बाढ़ की भविष्यवाणी और जीनोमिक्स और मादक पदार्थों की बरामदगी जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअपके लिए प्रोत्साहित रहा है।
कम्प्यूटिंग बुनियादी ढांचे को पहले से ही चार प्रमुख संस्थानों में स्थापित किया जा चुका है और 9 और संस्थानों में तेजी से स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। सितंबर 2021 में NSM के दूसरे चरण के पूरा होने के साथ ही देश की कंप्यूटिंग शक्ति 16 पेटाफ्लॉप्स (पीएफ) हो जाएगी। भारत में जमाव और विनिर्माण के साथ सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए भारत के कुल 14 प्रमुख संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें आईआईटी, एनआईटी, राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं और आईआईएसईआर शामिल हैं।
NSM के पहले चरण में नियोजित बुनियादी ढांचे को पहले ही स्थापित किया जा चुका है और जल्द ही इसका दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। इस वर्ष शुरू किया गया चरण III, कंप्यूटिंग गति को लगभग 45 पेटाफ्लॉप तक ले जाएगा। इसमें राष्ट्रीय सुविधा के रूप में प्रत्येक 3 पीएफ की तीन प्रणालियां और 20 पीएफ की एक प्रणाली शामिल होगी।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन को देश में अनुसंधान क्षमताओं और सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था ताकि उन्हें सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड बनाने के लिए रीढ़ के रूप में राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के साथ जोड़ा जा सके। NSM पूरे देश में शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं का एक ग्रिड स्थापित कर रहा है। इसका कुछ हिस्सा विदेश से आयात किया जा रहा है और इसका कुछ हिस्सा स्वदेश में बनाया गया है। मिशन को संयुक्त रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा चलाया जा रहा है और पुणे के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग (सी-डैक), और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी),बेंगलुरु द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है
स्वदेश में तैयार पहला सुपर कम्प्यूटर परम शिवाय, आईआईटी (बीएचयू) में स्थापित किया गया, इसके बाद परम शक्ति, परम ब्रह्मा, परम युक्ति, परम संगणक को क्रमश: आईआईटी खड़गपुर आईआईएसईआर, पुणे, जेएसीएएसआर, बेंगलुरू और आईआईटी खड़गपुर में स्थापित किया गया।
एचपीसी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को जोड़कर सुपरकंप्यूटिंग में अग्रणी स्थान प्राप्त करने की दिशा में भारत के सफर में एक नया आयाम जोड़ा गया है। एक 200 एआई पीएफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम बनाया गया है और सी-डैक में स्थापित किया गया है, जो एआई से जुड़े कम्प्यूटिंग से सम्बद्ध स्पीड को बढ़ाकर अविश्वसनीय रूप से बड़े पैमाने पर एआई वर्कलोड का प्रबंध कर सकता है। उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटिंग-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एचपीसी-एआई) परम सिद्धि - एआईसुपर कंप्यूटर, ने 16 नवंबर 2020 को जारी दुनिया के टॉप 500 सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर सिस्टम में 62 की वैश्विक रैंकिंग हासिल की है।
मिशन ने 4500 से अधिक एचपीसी जागरूक श्रमशक्ति और संकायों को प्रशिक्षित करके सुपर कंप्यूटर विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी भी तैयार की है। एचपीसी प्रशिक्षण की गतिविधियों का विस्तार करने के लिए, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मद्रास, आईआईटी गोवा और आईआईटी पलक्कड़ में एचपीसी और एआई में प्रशिक्षण के लिए चार NSM नोडल केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों ने एचपीसी और एआई में ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
NSM द्वारा संचालित, भारत के अनुसंधान संस्थानों का नेटवर्क, उद्योग के सहयोग से, भारत में अधिक से अधिक कलपुर्जे बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमता को बढ़ा रहा है। जबकि प्रथम चरण में, भारत में 30 प्रतिशत मूल्यवर्धन किया गया है जिसे द्वितीय चरण में 40 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। भारत ने एक स्वदेशी सर्वर (रुद्र) विकसित किया है, जो सभी सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों की एचपीसी आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
सुपरकंप्यूटिंग प्रणाली की रीढ़ राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के माध्यम से तीन चरणों में लगभग 75 संस्थानों और हजार से अधिक सक्रिय शोधकर्ताओं, काम करने वाले शिक्षाविदों को उच्च-प्रदर्शन कम्प्यूटिंग (HPC) की सुविधा प्रदान की जाएगी।