जानिए आखिर कैसे भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चुनावों में आसानी से जीतना तय है
संयुक्त राष्ट्र, भारत को बुधवार को सुरक्षा परिषद के चुनावों में आसान जीत मिलने की उम्मीद है, जिससे वह 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन जाएगा।
193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराएगी। कोविड-19 से संबंधित पाबंदियों के कारण संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मतदान के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
भारत का अस्थायी सदस्य के तौर पर 15 देशों की सुरक्षा परिषद में शामिल होना लगभग तय है। भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवार है।
भारत की जीत इसलिए तय मानी जा रही है, क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार है। चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।
महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है।
ये 10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं।
परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इस परिषद में भारत की मौजूदगी से ‘वसुदैव कुटुम्बकम्’ के उसके लोकाचार को दुनिया तक लाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबिंत करने और विश्वसनीय बने रहने के लिए बदलने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।