कोरोनावायरस: भारतीय-अमेरिकी NGO ने जुटाये 10 लाख डॉलर, जरूरतमंदों को देंगे राशन
इस मदद के जरिये अमेरिका में लोगों को 4,700,000 भोजन के पैकेट और भारत में प्रवासी मजदूरों को 1,06,000 राशन के पैकेट मुहैया कराए जा सकते हैं
वाशिंगटन, एक भारतीय-अमेरिकी गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच भारत और अमेरिका में भुखमरी से लड़ने के लिए 10 लाख डॉलर की राशि जुटाई है।
एनजीओ इंडियाजपोरा के संस्थापक और बोर्ड के चेयरमैन एम आर रंगास्वामी ने बताया कि इससे अमेरिका में लोगों को 4,700,000 भोजन के पैकेट और भारत में प्रवासी मजदूरों को 1,06,000 राशन के पैकेट मुहैया कराए जा सकते हैं जिससे सात से 10 दिन के लिए उनके लिए भोजन की व्यवस्था होगी।
निवेशक, उद्यमी और परोपकारी रंगास्वामी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यह देखना काफी सुखद है कि यह महज भारतीय-अमेरिकियों का समूह है जो एक स्वयंसेवी समूह है। उन्होंने खुद से ही यह सेवा करने का फैसला किया।’’
‘चलोगिव फॉर कोविड-19’ ऑनलाइन अभियान के जरिए इंडियाजपोरा द्वारा जुटाई धनराशि का दोनों देशों में कमजोर वर्गों को सीधे राहत मुहैया कराने में इस्तेमाल किया जाएगा।
इंडियाजपोरा को प्राप्त हुई राशि दो संगठनों को दी जाएगी जिनमें अमेरिका में फीडिंग अमेरिका है और भारत में गूंज है।
फीडिंग अमेरिका देशभर में अपने 200 खाद्य बैंकों को यह धन दे रहा है। गूंज भारत के 18 राज्यों में विस्थापित प्रवासियों को भोजन, सूखा राशन और स्वच्छता संबंधी किट देकर इस निधि का इस्तेमाल कर रही है।
रंगास्वामी ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि सिर्फ इंडियाजपोरा को ही दान मिला। सिख लोग लंगर करके लोगों को खाना खिला रहे हैं, युवा स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए मास्क बना रहे हैं। देशभर से जबरदस्त सहयोग देखने को मिल रहा है जो मैंने पहले कभी नहीं देखा।’’
एक अन्य गैर लाभकारी संस्था सेवा इंटरनेशनल ने कोरोना वायरस राहत कार्य के लिए 5,00,000 डॉलर से अधिक की धनराशि जुटाई है।
‘चलोगिव फॉर कोविड-19’ के मौजूदा दूत पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नुई, प्रख्यात परोपकारी रोहिणी और नंदन नीलेकणी, पूर्व अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति और अभिनेत्री नंदिता दास के अलावा इंडियाजपोरा ने गिवइंडिया के सीईओ अतुल सतीजा और अमेरिका में ‘हंगरमिटाओ’ अभियान के अग्रदूत रहे राज तथा अराधना (अन्ना) असावा को भी जोड़ने की घोषणा की।