रेलवे ने यात्रियों के किराए से इस वित्त वर्ष में नवंबर तक कमाए 43,324 करोड़ रुपये
यात्रियों के किराए से अर्जित रेलवे के रेवेन्यू में 76 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसके साथ ही रेलवे ने आरक्षित यात्री खंड में 50% और अनारक्षित यात्री खंड में 422% की बढ़ोतरी दर्ज की है.
भारतीय रेलवे (Indian Railways) की कुल अनुमानित आय अप्रैल से नवंबर 2022 के दौरान प्रारंभिक आधार पर 43,324 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान अर्जित 24,631 करोड़ रुपये की तुलना में 76 प्रतिशत अधिक है.
आरक्षित यात्रियों के खंड में 1 अप्रैल से 30 नवंबर, 2022 की अवधि के दौरान बुक किए गए यात्रियों की कुल अनुमानित संख्या 5365 लाख है, जो बीते साल की इसी समयावधि के दौरान 4860 लाख की तुलना में 10% की वृद्धि को दर्शाती है. 1 अप्रैल से 30 नवंबर, 2022 की अवधि के दौरान आरक्षित यात्री खंड से 34,303 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ है. यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान प्राप्त 22,904 करोड़ रुपये की तुलना में 50% की बढ़ोतरी को दिखाता है.
1 अप्रैल से 30 नवंबर, 2022 की अवधि के दौरान अनारक्षित यात्री खंड में बुक किए गए यात्रियों की कुल अनुमानित संख्या 35,273 लाख है. यह संख्या पिछले वर्ष में इसी अवधि के दौरान 13,813 लाख रही थी, जो बीते साल की तुलना में अब 155% की वृद्धि दर्शाती है. 1 अप्रैल से 30 नवंबर, 2022 की अवधि में अनारक्षित यात्री खंड से हासिल रेवेन्यू 9021 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान प्राप्त 1728 करोड़ रुपये की तुलना में 422% की वृद्धि दर्शाता है.
आपके बता दें कि इससे पहले भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों में कबाड़ बेचकर मोटी कमाई की थी. इस बिक्री के जरिए भारतीय रेलवे ने सितंबर 2022 तक; पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि के 2003 करोड़ रुपये की तुलना में कुल 2582 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जो 28.91 प्रतिशत अधिक है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए स्क्रैप की बिक्री से होने वाली आय का लक्ष्य 4400 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है.
2021-22 के 3,60,732 मीट्रिक टन की तुलना में 2022-23 में 3,93,421 मीट्रिक टन लौह स्क्रैप का निपटान किया गया है. साथ ही 2022-23 में सितंबर, 2022 तक 1751 वैगनों, 1421 कोचों और 97 इंजनों का निपटान किया गया, जबकि 2021-22 में इसी अवधि के दौरान 1835 वैगनों, 954 कोचों और 77 इंजनों का निपटान किया गया था.
अनुपयोगी/स्क्रैप रेलवे सामग्री का जमा होना और इसकी बिक्री एक सतत प्रक्रिया है और इसकी निगरानी क्षेत्रीय रेलवे तथा रेलवे बोर्ड में उच्चतम स्तर पर की जाती है.
भारतीय रेलवे ने स्क्रैप का संग्रह करने और इसकी ई-नीलामी के जरिये बिक्री करने के माध्यम से संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए हर संभव प्रयास किये हैं.