IIT से पढ़े इस भारतीय वैज्ञानिक को मिला प्रतिष्ठित नाटो अवॉर्ड
आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र डॉ. प्रकाश पटनायक को एयरोस्पेस मटीरियल साइंस के क्षेत्र में अद्भुद कार्य करने के लिए दुनिया के जाने माने नाटो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन (एसटीओ) के पैनल उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पटनायक एयरोस्पेस मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक हैं। 30 वर्षों से अधिक के कैरियर में, उनके योगदान में सरकारों, उद्योगों और शैक्षणिक संगठनों के साथ वैश्विक सहयोग शामिल हैं।
उन्हें नाटो-एसटीओ के एप्लाइड व्हीकल टेक्नॉलॉजी पैनल में दी गई उनकी दीर्घकालिक सेवा और असाधारण वैज्ञानिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। ओडिशा के बेरहामपुर के रहने वाले, पटनायक ने एनआईटी राउरकेला से बीई में मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग में स्नातक किया और 1978 में आईआईटी खड़गपुर में धातुकर्म और सामग्री इंजीनियरिंग विभाग से एमटेक किया। उन्होंने मैकमास्टर विश्वविद्यालय, कनाडा से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. पटनायक अब ओटावा, कनाडा में एनआरसी के एयरोस्पेस रिसर्च सेंटर में प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में नेशनल रिसर्च काउंसिल कनाडा (NRCC) में रक्षा प्रौद्योगिकी और स्थिरता कार्यक्रम का नेतृत्व करते हैं। वह 2002 में एयरोस्पेस सामग्री के प्रमुख के रूप में परिषद में शामिल हुए और 2006 में NRC में R&D के निदेशक बने।
इंडिया टुडे के अनुसार डॉ पटनायक ने एयरोस्पेस मैटेरियल्स और प्रोटेक्टिव कोटिंग टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अवॉर्ड देते हुए नाटो-एसटीओ के एप्लाइड व्हीकल टेक्नोलॉजी पैनल के अध्यक्ष ने गैस टरबाइन इंजन में प्रयुक्त उच्च तापमान धातु मिश्र धातुओं और कोटिंग्स के क्षेत्र में डॉ पटनायक की विशेषज्ञता का हवाला दिया जिसकी वजह से नाटो का एप्लाइड व्हीकल प्रौद्योगिकी की जड़ मजबूत हुई है।
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