ब्रिटेन में पढ़ाई के बाद कार्य वीजा में विस्तार के लिए भारतीय छात्र संगठन ने शुरू की मुहिम
ब्रिटेन में भारतीय छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि पढ़ाई के बाद दो वर्ष के लिए कार्य वीजा की सुविधा देश में इस समय पढ़ रहे सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दी जाए।
‘नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड अलम्नाई ब्रिटेन’ (एनआईएसएयू-यूके) ने कहा कि ब्रिटेन सरकार के पिछले सप्ताह जिस नए ‘स्नातक वीजा’ कार्यक्रम की घोषणा की थी, उसे 2020-21 अकादमिक वर्ष के छात्रों के लिए वैध बनाने की योजनाओं ने उन छात्रों के बीच ‘‘अशांति और दुविधा’’ की स्थिति पैदा कर दी है, जिनका 2019-20 अकादमिक वर्ष इस महीने से आरंभ हो रहा है।
एनआईएसएयू यूके ने ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ को रविवार को जारी पत्र में अनुरोध किया कि इस स्नातक वीजा के लिए वे सभी अंतरराष्ट्रीय छात्र योग्य होने चाहिए जिनके पास 10 सितंबर 2019 को इस वीजा की घोषणा के समय वैध टियर 4 छात्र वीजा था।
उसने कहा,
‘‘हम इस बात को समझते हैं कि स्नातक वीजा पर अब भी काम किया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि सितंबर 2020 से पहले पढ़ाई शुरू करने वाले छात्र इससे बाहर रखे जा सकते हैं। इसके कारण मौजूदा और सितंबर 2019-20 अकादमिक वर्ष के लिए आ रहे छात्रों के बीच काफी अशांति और दुविधा है।’’
एनआईएसएयू यूके ने सरकार की इस घोषणा का स्वागत किया, लेकिन साथ ही आशंका जताई कि मौजूदा और आगामी छात्र इस बात को लेकर चिंतित हैं कि नियोक्ता उनके साथ मतभेद कर सकते हैं क्योंकि वे मौजूदा व्यवस्था के अनुसार पढ़ाई के बाद चार महीने ही काम कर सकेंगे जबकि उनके बाद स्नातक करने वाले छात्रों को दो वर्ष तक काम करने की अनुमति होगी। इस पत्र पर एनआईएसएयू-यूके की संस्थापक सनम अरोड़ा और अध्यक्ष मोहनीश बोराना के हस्ताक्षर हैं।
संगठन ने दावा किया है कि ब्रिटेन के विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 42 प्रतिशत की मौजूदा वृद्धि का सीधा संबंध इस उम्मीद से है कि अध्ययन के बाद काम करने के प्रस्ताव को फिर से पूरी तरह लागू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या को बढ़ावा देने की पुरानी मांग के तहत कदम उठाते हुए ब्रिटेन सरकार ने सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद दो वर्षों का कार्य वीजा जारी करने की घोषणा की है। नयी ‘स्नातक’ योजना अगले वर्ष शुरू होगी और यह उन सभी विदेशी छात्रों के लिए होगी जिनके पास छात्र के तौर पर ब्रिटेन का वैध आव्रजन दर्जा है और जिन्होंने सरकार से मंजूरी प्राप्त ब्रिटेन के किसी उच्च शिक्षण संस्थान से स्नातक स्तर या इससे अधिक के लिए सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा किया है।
ब्रिटेन ने पूर्व प्रधानमंत्री टेरेसा मे के गृह मंत्री रहने के दौरान 2012 में पढ़ाई बाद दो वर्ष की कार्य वीजा पेशकश को खत्म किया था जिसके बाद भारत जैसे देशों से छात्रों की संख्या में काफी कमी आई थी। बोरिस जॉनसन सरकार की हालिया घोषणा का विश्वविद्यालय के प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने स्वागत किया है।