सेना के शहीद जवानों की पत्नियों और बच्चों को स्कॉलरशिप देगी Infosys
इंफोसिस फाउंडेशन (Infosys Foundation) ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने सेना के शहीद जवानों की पत्नियों और उनके बच्चों को करीब 30 करोड़ रुपये का शैक्षणिक अनुदान और छात्रवृत्ति देने के लिए भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों का निदेशालय (DIAV) के साथ ज्ञापन समझौता किया है. इंफोसिस फाउंडेशन परोपकारी संस्थान है और आईटी कंपनी इंफोंसिस की नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) की इकाई है.
फाउंडेशन ने यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस ज्ञापन समझौते से देशभर में करीब 14 हजार वीरांगनाएं (शहीद जवानों की पत्नियां) और बच्चे अपनी शैक्षणिक यात्रा को आगे बढा़ने में सक्षम होंगे.
बयान में कहा गया कि इसकी सुविधा उन्हें प्रदान की जाएगी जो पहली से 12वीं कक्षा की स्कूली शिक्षा, स्नातक, स्नात्तकोत्तर, पेशेवर पाठ्यक्रम और कंप्यूटर साक्षरता के लिए अनुदान चाहते हैं.
फाउंडेशन के ट्रस्टी सुनील कुमार धारेश्वर ने कहा, "हमारी लंबे समय से रक्षा बलों के साथ साझेदारी रही है और इंफोसिस फाउंडेशन के दृष्टिकोण का मुख्य आधार शिक्षा रहा है. इस पहल से वीरांगनाओं और उनके बच्चों शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलेगी ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सकें."
फाउंडेशन ने बुधवार को कहा कि इस सिलसिले में DIAV के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. 2016 से, इसने सेना के पुनर्वास और कल्याण अनुभाग को 40 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की है, ताकि विधवाओं और शारीरिक दुर्घटना से प्रभावित कर्मियों के परिजनों को वित्तीय सहायता दी जा सके.
DIAV के ब्रिगेडियर विकास भारद्वाज ने कहा कि साझेदारी से कई परिवारों को शिक्षा के साथ सशक्त बनाकर वित्तीय सहायता मिलेगी.
आपको बता दें कि साल 2016 में इंफोसिस के संस्थापकों में से एक एसडी शिबूलाल की अध्यक्षता वाले सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन (SDF) ने गृह मंत्रालय के साथ साझेदारी कर विद्या रक्षक छात्रवृत्ति की शुरुआत की थी.
कार्यक्रम के पहले चरण में, आयोजित एक समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से शहीद अर्धसैनिक बल के जवानों के 300 बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति मिली.
इनमें देश भर के बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स के शहीदों के बच्चे शामिल थे.
गौरतलब हो कि एसडीएफ की संरक्षक कुमारी शिबूलाल हैं, जो इंफोसिस के पूर्व सीईओ और एमडी शिबूलाल की पत्नी हैं.
विद्या रक्षक स्कॉलरशिप को 12वीं कक्षा तक शिक्षा का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह 6,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक है.
शिबूलाल ने 1999 में एसडीएफ की शुरुआत छोटे पैमाने पर अलाप्पुझा, उनके गृह नगर में कुछ वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए की थी.
Edited by रविकांत पारीक