ईकॉमर्स के बाद गेमिंग इंडस्ट्री में हैं सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर, हर महीने जुड़े रहे 20 लाख पेड गेमरः रिपोर्ट
रेडसीयर स्ट्रैटजी कंसल्टेंट्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया में 2030 तक इंटरनेट यूजर्स की संख्या 1 अरब को पार कर जाएगी. यूजर सबसे ज्यादा समय ऑनलाइन मैसेजिंग, सोशल मीडिया, यूट्यूब स्ट्रीमिंग, ओटीटी कंटेंट और शॉर्ट वीडियो पर बिता रहे हैं.
इंटरनेट और स्मार्टफोन के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर इंडिया में 2030 तक इंटरनेट यूजर्स की संख्या 1 अरब को पार कर जाएगी. फिलहाल इंडिया में 78 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं जो दुनिया में इंटरनेट यूजर्स का दूसरा सबसे बड़ा बेस है. रेडसीयर स्ट्रैटजी कंसल्टेंट्स की हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक औसतन हर एक भारतीय प्रति दिन 7.3 घंटे अपने स्मार्टफोन पर बिताता है, जो दुनिया में सबसे अधिक है. सबसे ज्यादा समय ऑनलाइन मैसेजिंग, सोशल मीडिया, यूट्यूब स्ट्रीमिंग, ओटीटी कंटेंट और शॉर्ट वीडियो पर बिताया जा रहा है.
बीते 2-3 सालों में डेटा के साथ-साथ स्मार्टफोन्स भी काफी किफायती हुए हैं. ऑनलाइन बिताए जाने वाले समय में इजाफे के पीछे इसे भी एक बड़ी वजह माना गया है. कंज्यूमर इंटरनेट प्लेयर्स के लिए ये बड़ा अवसर माना जा रहा है.
ये आबादी इस्तेमाल कर रही इंटरनेट
इंटरनेट यूजर्स के बेस का एनालाइज करने पर कुछ नई जानकारियां सामने आई हैं. रिपोर्ट में इंटरनेट यूजर्स को तीन कैटिगरी में बांटा गया है- एक्स्प्लोर्स, ट्रांजैक्टर्स, मैच्योर यूजर्स.
इंटरनेट यूजर्स की कुल आबादी में एक बड़ा हिस्सा करीबन 40 से 45 करोड़ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अभी हाल ही में इंटरनेट इस्तेमाल करना शुरू किया है. जैसे जैसे ये आबादी डिजिटल सर्विसेज के इस्तेमाल को लेकर कंफर्टेबल हो जाते हैं वो इंटरनेट यूजर्स की दूसरी कैटिगरी में आ जाते हैं.
रेडसीयर स्ट्रैटजी कंसल्टेंट्स में इंगेजमेंट मैनेजर मुकेश कुमार का कहना है, 'भारत में 35 करोड़ ऑनलाइन ट्रांजैक्टर्स हैं जो ईकॉमर्स, शॉपिंग, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी और ओटीटी सर्विसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि 2030 तक ऑनलाइन ट्रांजैक्टर्स की संख्या दोगुना हो जाएगी. वहीं, 40-45 करोड़ मैच्योर यूजर्स हैं. ये वो आबादी है जो अपने जेब का 50 फीसदी ऑनलाइन खर्च करती है. इस आबादी की ऑनलाइन स्पेंडिंग 2030 तक 400 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी.
टियर-2 में हैं ज्यादा ऑनलाइन यूजर्स
ऑनलाइन सर्विसेज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल टियर-2 और उससे छोटे शहरों में हो रहा है. सबसे ज्यादा हलचल प्रॉडक्ट कॉमर्स, ओटीटी वीडियो प्लैटफॉर्म्स, शॉर्ट वीडियो, गेमिंग और ओटीटी ऑडियो प्लैटफॉर्म्स पर दर्ज की गई है. इन इलाकों में एक नया ट्रेंड सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक यूजर जेनरेटेड कंटेंट पर दोगुना समय दे रहा है.
टियर-2 में कौन दे रहा है सर्विस
रिपोर्ट के मुताबिक न्यू-एज डोमेस्टिक कंपनियां छोटे शहरों के लोगों की समस्याओं का समाधान ऑफर कर रही हैं. मिसाल के तौर पर सोशल कॉमर्स ने अपने रिसेलर मॉडल के जरिए छोटे शहरों में भरोसा पैदा किया है. इन प्लैटफॉर्म पर कई ऐसे यूजर्स भी दर्ज किए गए हैं जो पहली बार ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं.
इसके अलावा ये डोमेस्टिक ऐप टियर-2 और उससे शहरों के लोगों को उन्हीं की भाषा में कंटेंट दे रहे हैं. लिहाजा, बीते एक दो साल में टियर2+ शहरों में इंटरनेट यूजर्स की आबादी में तेजी से इजाफा दर्ज किया गया है.
ऑनलाइन पेमेंट्स को लेकर भी इंटरनेट यूजर्स के मन से धीरे-धीरे झिझक दूर हो रही है. जैसे जैसे उनका डिजिटल सर्विसेज का कंज्मप्शन बढ़ रहा है वैसे-वैसे ट्रांजैक्टिंग यूजर्स की संख्या में इजाफा होगा.
गेमिंग सबसे तेजी से बढ़ता मार्केट
ईकॉमर्स के बाद सबसे ज्याद यूजर्स गेमिंग फील्ड में दिखे हैं. यूपीआई पेमेंट में ग्रोथ और ऑनलाइन पेमेंट में सहूलियत से इंडिया में 11 करोड़ नए पेड ऑनलाइन गेमर्स जुड़े हैं.
गेमिंग इंडस्ट्री से हर महीने 20 लाख पेड यूजर्स जुड़ रहे हैं. 2022 में इंडिया में करीबन 45 करोड़ गेमिंग यूजर्स हैं, 2026 में इसमें 33 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है. इस यूजर बेस में पूरे इंडिया के लोग शामिल हैं. ये यूजर रमी, पोकर या इन-ऐप पर्चेज पर पैसे खर्च कर रहे हैं.