Brands
YS TV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

दिसंबर-2022 में नॉन-टेक्नीकल सेक्टर में नौकरियां बढ़ीं: रिपोर्ट

दिसंबर-2022 में नॉन-टेक्नीकल सेक्टर में नौकरियां बढ़ीं: रिपोर्ट

Monday January 30, 2023 , 4 min Read

मल्टीनेशनल टेक कंपनियों से लोगों को निकाले जाने की खबरों के बीच हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में चिकित्सा, खाद्य सेवा, निर्माण और शिक्षा जैसे नॉन-टेक्नीकल सेक्टर्स में कुशल युवाओं की मांग बढ़ गई है.

वैश्विक रोजगार वेबसाइट Indeed के मासिक आंकड़ों के अनुसार, उसके मंच पर दिसंबर, 2022 में सबसे ज्यादा दंत चिकित्सा या नर्सिंग जैसे चिकित्सा संबंधी क्षेत्रों में नौकरियों के आवेदन मांगे गए.

रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद खाद्य सेवाओं (8.8 फीसदी), निर्माण (8.3 फीसदी), आर्किटेक्ट (7.2 फीसदी), शिक्षा (7.1), थेरेपी (6.3 फीसदी) और विपणन (6.1 फीसदी) क्षेत्र की नौकरियों के विज्ञापन निकाले गए.

रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्माण और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में कोरोना काल के बाद कारोबार की स्थिति तेजी से सामान्य हो रही र्है. रिपोर्ट में कहा गया कि यहां तक कि कोरोना महामारी काल में लोगों को सबसे पहले नौकरी से निकालने वाले विपणन या मार्केटिंग क्षेत्र ने भी गति पकड़ ली है.

पिछले साल ब्रांड्स ने ग्राहकों के अनुभव को बढ़ाने के साथ-साथ व्यापार और बिक्री से मांग वृद्धि कराने के लिए विपणन की जरूत को समझा है. यह रिपोर्ट इंडीड मंच पर दिसंबर, 2021 से दिसंबर, 2022 तक डाले गए नौकरियों के आंकड़ों पर आधारित है.

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि नौकरियों के विज्ञापन के मामले में 16.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ बेंगलूरु सबसे आगे रहा. इसके बाद मुंबई (8.23 फीसदी), पुणे (6.33 फीसदी) और चेन्नई (6.1 फीसदी) का नंबर आता है.

अहमदाबाद, कोयंबटूर, कोच्चि, जयपुर और मोहाली जैसे दूसरी श्रेणी के शहर से 6.9 फीसदी नौकरियों के लिए आवेदन मांगे गए. इससे पता चलता है कि छोटे शहरों में भी नौकरियों की मांग बढ़ रही है.

भारत में 57% कर्मचारी नौकरियों से ऊब चुके

वहीं, Indeed के डेटा से ये भी पता चलता है कि भारत में सभी कर्मचारियों में से आधे से अधिक (57%) अपनी वर्तमान नौकरियों से ऊब चुके हैं, 50% से अधिक कर्मचारी नए कौशल/अपस्किलिंग द्वारा नए अवसरों की तैयारी कर रहे हैं.

नए निष्कर्ष इनडीड के अक्टूबर'22 से दिसंबर'22 तिमाही हायरिंग ट्रैकर से हैं जो 2022 में नौकरियों और 2023 के लिए नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं की अपेक्षाओं पर अंतर्दृष्टि साझा करता है.

नौकरी की तलाश करने वालों में, 28% ने कहा कि वे खुशी और लचीलेपन को प्राथमिकता देंगे, और 19% ने संकेत दिया कि एक अच्छा वर्क-लाइफ बैलेंस एक प्राथमिकता है.

नौकरी चाहने वालों (65%) का एक बड़ा हिस्सा मानता है कि चल रही छंटनी उनकी नौकरियों में आगे जाने की इच्छा में बाधा डाल सकती है.

बाजार की अनिश्चितताओं और आर्थिक माहौल को देखते हुए, नौकरी चाहने वाले अपने वर्तमान जॉब में हिचकिचा रहे हैं, छंटनी से निराश हैं और अपनी वर्तमान नौकरी के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध नहीं हैं.

नियोक्ता 2023 के दौरान अपनी हायरिंग एक्टिविटी के बारे में आशावादी हैं - सर्वे में शामिल 45% नियोक्ताओं ने हायरिंग में 20% तक की वृद्धि की उम्मीद की है.

नियोक्ता महसूस करते हैं कि मुद्रास्फीति (नियोक्ताओं का 18%) और चल रही छंटनी (नियोक्ताओं का 15%) क्रमशः 2023 में देखने वाली चीजें हैं.

आने वाले वर्ष में, नियोक्ता भी अपने हायरिंग प्रक्रिया को बढ़ाने के इच्छुक होंगे. 35% नियोक्ता प्रतिभा अधिग्रहण के लिए एआई/डिजिटल/सोशल मीडिया को अपनाने के लिए उत्सुक हैं और 26% हाइपर-लोकल/आला नौकरी बोर्डों का पता लगाने की योजना बना रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल 45% नियोक्ताओं ने 2022 के दौरान सावधानी से हायरिंग करने की बात कही, साथ ही अंतिम तिमाही में धीमी हायरिंग के साथ वर्ष भी समाप्त हो गया. प्रत्येक तीन नियोक्ताओं में से लगभग दो (सर्वे में शामिल 64%) ने अक्टूबर और दिसंबर में हायरिंग की थी.

यह एक महत्वपूर्ण गिरावट (78% से नीचे) को बयां करता है और पिछली दो तिमाहियों की तुलना में हायरिंग एक्टिविटी की धीमी गति को दर्शाता है, जो वैश्विक आर्थिक बदलावों के कारण हो सकती है.

यह भी पढ़ें
उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग ने निकाली 3,544 पदों पर भर्ती