ट्रायल पर जाएंगी पिता को दिल्ली से दरभंगा तक साइकिल पर लाने वाली ज्योति, लेकिन पहले पूरा करेंगी ये काम!
ज्योति के पिता गुरुग्राम में रिक्शा चलाते थे और उनके दुर्घटना का शिकार होने के बाद वह अपनी मां और जीजा के साथ गुरुग्राम आई थी और फिर पिता की देखभाल के लिए वहीं रुक गई।
कोलकाता, साइकिल पर अपने पिता को बैठाकर गुरूग्राम से बिहार के दरभंगा तक की 1200 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली 15 साल की ज्योति कुमार पासवान ने भारतीय साइकिल महासंघ से मिले ट्रायल के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है लेकिन उनकी पहली प्राथमिकता 10वीं की पढाई को पूरा करना है।
ज्योति के पिता मोहन पासवान ने दरभंगा के सिरहुल्ली से पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ लॉकडाउन खत्म होने के बाद हम निश्चित तौर पर उसे ट्रायल के लिए भेजेंगे। उसका कल ही नौवीं कक्षा में नामांकन हुआ है। फिलहाल हम चाहते है कि वह 10वीं की पढ़ाई पूरी करें।’’
ज्योति के पिता गुरुग्राम में रिक्शा चलाते थे और उनके दुर्घटना का शिकार होने के बाद वह अपनी मां और जीजा के साथ गुरुग्राम आई थी और फिर पिता की देखभाल के लिए वहीं रुक गई। इसी बीच कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की घोषणा हो गई और ज्योति के पिता का काम ठप्प पड़ गया। ऐसे में ज्योति ने पिता के साथ साइकिल पर वापस गांव का सफर तय करने का फैसला किया।
ज्योति की कहानी वायरल होने के बाद सीएफआई का ध्यान भी उनकी प्रतिभा की ओर गया।
पासवान ने कहा, ‘‘ हां, हमारे पास नयी दिल्ली (सीएफआई) से फोन आया था। मैंने उन्हें कहा कि ज्योति को अभी आराम की जरूरत है। शायद दो-तीन महीने बाद हम इस पर विचार करेंगे।’’
ज्योति इससे पहले गांव से पांच किलोमीटर दूर स्कूल जाती थी। पासवान ने कहा, ‘‘ गांव आने के लिए ज्योति लगातार कई घंटे तक साइकिल चलाती रहती थी। वह रात में भी साइकिल चलाती रहती थी। बीच-बीच में हमें ट्रक और टैक्टर वाले थोड़ा सहारा दे देते थे।’’
गांव पहुचने के बाद दरभांगा के जिलाधिकारी ने भी ज्योति से मुलाकात कर उन्हें नयी साइकिल भेंट की और कक्षा नौ में उसका नामांकन कराया।