Year Ender 2022: MSMEs के हित के लिए सरकार ने इस साल उठाए ये अहम कदम
2022 में MSME को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कवर करने वाली सरकार की ओर से की गईं 10 प्रमुख घोषणाएं..
साल 2022 सरकार द्वारा घोषित कई नीतिगत उपायों का वर्ष रहा. इन उपायों में से कई उपाय या तो MSME सेक्टर की रिकवरी में मदद करने के उद्देश्य से मौजूदा पहलों के लाभों का विस्तार करने से जुड़े थे या फिर नए थे. साल 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आर्थिक मंदी, मुद्रास्फीति, भू-राजनीतिक तनाव, आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं, बढ़ती ब्याज दरों आदि कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इसने छोटे व्यवसायों को प्रभावित किया और उस प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए. 2022 में एमएसएमई को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कवर करने वाली सरकार की ओर से की गईं प्रमुख घोषणाएं इस तरह हैं...
ECLGS विस्तार
2022 में MSMEs के लिए पहली बड़ी घोषणा बजट 2022 में हुई. यह घोषणा थी कि सरकार ने अपनी आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) को मार्च 2022 से मार्च 2023 तक बढ़ा दिया. साथ ही 50,000 करोड़ रुपये के बढ़े हुए गारंटी कवर से इस योजना के तहत कुल लिमिट पहले के 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है. इसने नकदी संकट से जूझ रहे नागरिक उड्डयन क्षेत्र की घरेलू एयरलाइनों को भी कवर किया. घरेलू एयरलाइनों को और समर्थन देने के लिए, सरकार ने अक्टूबर में क्रेडिट सीमा बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये या एयरलाइनों के फंड-आधारित या गैर-फंड-आधारित ऋण बकाया का 100 प्रतिशत, जो भी पहले के 400 करोड़ रुपये से कम हो, करने की घोषणा की.
ड्राफ्ट नेशनल MSME पॉलिसी
फरवरी में एमएसएमई मंत्रालय एमएसएमई के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित नेशनल पॉलिसी का ड्राफ्ट लेकर आया. इस ड्राफ्ट में प्रतिस्पर्धात्मकता, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, क्लस्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, एमएसएमई उत्पादों की खरीद और समर्पित ऋण सहायता को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव किया गया है. भारत में आज तक एमएसएमई नीति नहीं है, लगभग 2015 से प्रयास चल रहे हैं.
PMEGP विस्तार
मई में सरकार ने 13,554.42 करोड़ रुपये के आउटले के साथ रोजगार सृजन के लिए अपनी योजना 'पीएमईजीपी' के 15वें वित्त आयोग साइकिल के उपर 2021-22 से 2025-26 तक विस्तार की घोषणा की. इसके अलावा, कई संशोधन भी किए गए जैसे कि नई निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए उद्यमियों के लिए वित्तीय सहायता की मैक्सिमम लिमिट को मौजूदा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया जाना. इसके अलावा नई सेवा इकाइयों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करना.
RAMP लॉन्च
जून माह में 6000 करोड़ रुपये की 'रेजिंग एंड एक्सीलरेटिंग MSME परफॉरमेंस' (RAMP) योजना को लॉन्च किया. स्कीम का उद्देश्य मौजूदा MSME योजनाओं के प्रभाव में वृद्धि के साथ राज्यों में MSME की कार्यान्वयन क्षमता और कवरेज को बढ़ाना है. यह इनोवेशन को बढ़ावा देने, विचार को प्रोत्साहित करने, गुणवत्तापूर्ण मानकों को विकसित करके नए व्यवसाय और उद्यमिता को बढ़ावा देने, प्रैक्टिसेज और प्रक्रियाओं में सुधार करने, बाजार पहुंच बढ़ाने और तकनीकी उपकरण व उद्योग 4.0 के जरिए आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरक समर्थन प्रदान करेगी. साथ ही MSME उद्यमों को प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाएगी. यह 80.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर या 6,062.45 करोड़ रुपये का विश्व बैंक से सहायता प्राप्त कार्यक्रम है.
उद्योग आधार लाइसेंस की समाप्ति
उद्योग आधार मेमोरेंडम (यूएएम) रजिस्ट्रेशंस 30 जून, 2022 को एमएसएमई के लिए एक वैध लाइसेंस के रूप में समाप्त हो गए. एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न स्कीम्स का फायदा लेने की चाह रखने वाले एमएसएमई के लिए 1 जुलाई 2020 को यूएएम को उद्यम रजिस्ट्रेशन से रिप्लेस कर दिया गया. सरकार ने मूल रूप से 31 मार्च, 2021 तक यूएएम की वैधता की घोषणा की थी और इसे इस साल जून तक अंतिम विस्तार देने से पहले 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया था.
MSE से सेवाओं की खरीद
सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद के दायरे का विस्तार करने के लिए, एमएसएमई मंत्रालय ने अक्टूबर में कई सेवाओं को जोड़ा और विशेष रूप से एमएसई से खरीद के लिए आरक्षित 358 वस्तुओं की मौजूदा सूची में सामानों की संख्या भी बढ़ा दी. 469 मदों की संशोधित मसौदा सूची में विभिन्न हितधारकों से सुझाव भी मांगे गए हैं. अतिरिक्त 111 मदों में 16 सेवाएं शामिल थीं, जैसे वास्तु और इंजीनियरिंग परामर्श, कैंटीन का संचालन, हाउसकीपिंग सेवाएं आदि, जबकि माल श्रेणी में कृषि उपकरण, बैग, सेनेटरी वेयर, पेंट, कागज और अन्य सामान शामिल थे.
नॉन-टैक्स बेनिफिट्स का विस्तार
अक्टूबर माह में सरकार ने घोषणा की कि रजिस्टर्ड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) 3 साल के लिए पुनर्वर्गीकरण (Re-Classification) के बाद अपनी संबंधित श्रेणियों में सभी गैर-कर लाभ (Non-Tax Benefits) प्राप्त करना जारी रख सकेंगे. पहले यह अवधि 1 वर्ष की थी. गैर-कर लाभों में सार्वजनिक खरीद नीति और विलंबित भुगतान सहित सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ शामिल हैं.
GSTN को एए नेटवर्क में शामिल करना
नवंबर में आरबीआई ने फैसला किया कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) को नवीनतम वित्तीय सूचना प्रदाता (एफआईपी) के रूप में अकाउंट एग्रीगेटर (एए) ढांचे के तहत शामिल किया जाएगा.
CGTMSE में सुधार
सूक्ष्म और लघु इकाइयों से संबंधित शायद सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में आई, जब सरकार ने सीजीटीएमएसई के तहत अपनी क्रेडिट गारंटी योजना में बदलाव किया. किए गए परिवर्तनों की बात करें तो महिलाओं और एससी-एसटी उद्यमियों, जीरो डिफेक्ट एंड जीरो इफेक्ट (जेडईडी) योजना से प्रमाणित एमएसई, और देश में आकांक्षी जिलों में स्थित एमएसई के लिए योजना का विस्तार किया गया. इसके अलावा क्रेडिट गारंटी कवर के साथ नए उद्यमों को ऋण देने में सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं की सूची में माइक्रोफाइनेंस संस्थानों को जोड़ा गया, उधारदाताओं के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क (एजीएफ) को 10 प्रतिशत कम किया गया ताकि एमएसई को क्रेडिट फ्लो बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके और एमएसई के खुदरा और थोक व्यापार को योजना के तहत क्रेडिट गारंटी कवर के लिए पात्र अन्य क्षेत्रों या गतिविधियों के बराबर लाया गया.
GST अधिनियम संशोधन
GST अधिनियम के तहत अनरजिस्टर्ड ई-कॉमर्स विक्रेताओं को प्रोत्साहित करने के लिए, GST परिषद ने दिसंबर में GST अधिनियम और GST नियमों में संशोधन को मंजूरी दी. दिशानिर्देश 1 अक्टूबर 2023 से लागू होंगे. ये दिशानिर्देश जीएसटी पंजीकरण के बिना इंट्रा-स्टेट आपूर्ति करने के लिए 40 लाख रुपये तक के कारोबार और 20 लाख रुपये तक के कारोबार के साथ सेवाओं की आपूर्ति करने वाले विक्रेताओं को अनुमति देते हैं. जीएसटी कंपोजीशन स्कीम के तहत पंजीकृत 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले ई-कॉमर्स विक्रेताओं पर भी छूट लागू होती है.
Edited by Ritika Singh