सफदरजंग अस्पताल में रोबोट करेगा किडनी ट्रांसप्लांट, अस्पताल में पिछले 3 महीनों से सर्जरी कर रहा है रोबोट
नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में अब बहुत जल्द रोबोट की मदद की किडनी प्रत्यारोपण किया जाएगा। अस्पताल में पिछले तीन महीनों से रोबोट करीब 100 से अधिक सर्जरी कर चुका है। अब इस रोबोट की मदद से सर्जरी आसान हो जाएगी।
नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जल्द ही रोबोट की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि सफदरजंग अस्पताल में पिछले तीन महीनों से रोबोट के द्वारा सर्जरी की जा रही हैं, जिसके तहत रोबोट ने अब तक 100 से अधिक सर्जरी की हैं। सफदरजंग अस्पताल केंद्र सरकार के अधीन है।
अब टीम हुई तैयार
रोबोट के इस्तेमाल में जुटी टीम अब पूरी तरह प्रशिक्षित हो गई है, ऐसे में अब रोबोट का इस्तेमाल किडनी ट्रांसप्लांट जैसे जटिल सर्जरी के लिए भी किया जा सकता है। सफदरजंग अस्पताल में पिछले साल नवंबर में इस रोबोट को स्थापित किया गया था, तब से रोबोट मरीजों की सर्जरी कर रहा है। इसका उद्घाटन तब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने किया था।
बेहतर हैं रिजल्ट
अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार रोबोट ने अब तक सकारात्मक रिजल्ट ही दिये हैं। रोबोट से सर्जरी के दौरान ज्यादा बेहतर रिजल्ट आने की संभावना होती है। शुरुआत में इस रोबोट को यूरोलॉजी और रेनल ट्रांसप्लांट विभाग में स्थापित किया गया था। अस्पताल में रोबोट का इस्तेमाल एडवांस कैंसर, किडनी क़ैसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्लड कैंसर समेत अन्य कई तरह के कैंसर में हो रहा है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार रोबोटिक सर्जरी के चलते अब सर्जरी में कम समय लग रहा है, जिसके चलते दो गुना मरीजों को फायदा हो रहा है।
इन मरीजों की का होगा किडनी प्रत्यारोपण
चिकित्सकों के अनुसार शुरुआती दौर में रोबोट द्वारा उन्ही मरीजों की किडनी प्रत्यारोपण की जाएगी, जिन मरीजों में जोखिम की संभावना कम होगी। ऐसे में अधिक वजन वाले मरीजों को इससे लाभ मिल सकेगा। इस मरीजों शरीर में जमा चर्बी के चलते अंग स्पष्ट रूप से नज़र नहीं आते हैं, इसके चलते रोबोट के द्वारा अंगों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
रोबोटिक सर्जरी है फायदेमंद
रोबोटिक सर्जरी की खास बात यह है कि जब ओपन सर्जरी होती है तब बड़ा सा चीरा लगाया जाता है, वहीं रोबोटिक सर्जरी में छोटे चीरे में ही सर्जरी पूरी कर ली जाती है। इसके चलते रोबोटिक सर्जरी में खून भी कम बहता और घाव के भरने में भी कम समय लगता है।
किडनी प्रत्यारोपण की बात करें तो यह हर मरीज के लिए संभव नहीं है, इसके लिए चिकित्सक उन्ही मरीजों का चयन करेंगे जो रोबोटिक सर्जरी के लिए मुफीद होंगे।