स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिये असम और अरुणाचल प्रदेश में KVIC का बड़ा प्रयास
KVIC के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 50 शिल्पकारों को काष्ठकला (wood craft) की मशीनें बांटी। इसी तरह उन्होंने गुवाहाटी, असम में शिल्पकारों को अगरबत्ती बनाने वाली 50 मशीनें और अचार बनाने वाली 50 मशीनें बांटी।
खादी और ग्रामीण उद्योग आयोग (KVIC) ने असम और अरुणाचल प्रदेश में 100 महिलाओं सहित 150 प्रशिक्षित खादी शिल्पकारों को स्व-रोजगार की विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा है।
KVIC के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 50 शिल्पकारों को काष्ठकला (wood craft) की मशीनें बांटी। इसी तरह उन्होंने गुवाहाटी, असम में शिल्पकारों को अगरबत्ती बनाने वाली 50 मशीनें और अचार बनाने वाली 50 मशीनें बांटी।
पहली बार KVIC ने मशीनों द्वारा वुडक्राफ्ट की ट्रैनिंग देने के लिए प्रोग्राम शुरू किया है। यह ट्रैनिंग अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय युवाओं को दी जा रही है, जिससे तवांग के स्थानीय जनजातीय युवाओं के लिये स्थायी रोजगार उत्पन्न हो सकें। इसका उद्देश्य है राज्य की ट्रेडिशनल वुडक्राफ्ट को दोबारा जीवित करना। सभी वुडक्राफ्ट आर्टिस्ट बीपील परिवारों से हैं। KVIC 20 दिनों में पूरी ट्रैनिंग देता है। ट्रैनिंग पूरी हो जाने के बाद इन आर्टिस्ट को मशीनें दी जाती हैं।
सक्सेना ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 50 महिला शिल्पकारों को अगरबत्ती बनाने वाली 50 मशीनें बांटी, ताकि वे अपनी अगरबत्ती बनाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग युनिट्स लगा सकें। इसका एक और उद्देश्य है कि लोकल अगरबत्ती इंडस्ट्री को मजबूत किया जाये।
उल्लेखनीय है कि असम में अगरबत्ती निर्माण में बहुत रोजगार हैं। KVIC ने इसके लिये एक व्यापारिक साझीदार को भी जोड़ा है, जो असम का सफल लोकल अगरबत्ती मैन्युफैक्चरर है। वह कच्चा माल उपलब्ध करायेगा तथा इन 50 महिला उद्यमियों को मजदूरी चुकाते हुये उनके द्वारा बनाई गई पूरी अगरबत्तियां खरीदेगा।
KVIC के अध्यक्ष सक्सेना ने कहा कि पूर्वोत्तर में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुये खादी गतिविधियों को प्रधानमंत्री की परिकल्पना “आत्मनिर्भर भारत” के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा, “KVIC ने पूर्वोत्तर में स्थायी रोजगार सृजन और पारंपरिक शिल्प को मजबूत करने पर लगातार जोर दिया है। KVIC के समर्थन से काष्ठशिल्प, अगरबत्ती निर्माण और अचार बनाने जैसे कृषि व खाद्य-आधारित उद्योगों के बल पर स्थानीय युवा व महिलायें सशक्त बनेंगी तथा उन्हें घर में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।”
गौरतलब हो कि हाल में ही KVIC ने अरुणाचल प्रदेश में दो ‘Eri Silk Training and Production Centres’ खोले हैं। साथ ही तवांग में मोनपा (Monpa) हैंडमेड पेपर इंडस्ट्री को दोबारा जीवित किया गया है। इसके अतिरिक्त KVIC ने पिछले दो वर्षों में अगरबत्ती और गोल बांस की छड़ी बनाने सहित बांस के प्रोडक्ट्स बनाने के लिए 430 युनिट्स असम और अरुणाचल प्रदेश में लगाई हैं।