12 राज्यों में फैला Lumpy Skin Disease, करीब 60 हजार पशुओं की मौत, जानिए यह है क्या?
त्वचा पर गांठ बनने की बीमारी (लम्पी स्किन डिजीज) एक संक्रामक विषाणु जनित बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है. यह बुखार, त्वचा पर गांठ का कारण बनती है और इससे मृत्यु भी हो सकती है. यह रोग मच्छर, मक्खी, ततैया आदि के सीधे संपर्क से और दूषित खाने तथा पानी से फैलता है.
त्वचा पर गांठ बनने की बीमारी (लम्पी स्किन डिजीज) के कारण देशभर में अब तक करीब 57,000 मवेशियों की मौत हो गयी है. यह बीमारी मुख्य तौर पर देश के 12 राज्यों पशुओं को निगल रही है. इसका सबसे अधिक कहर राजस्थान में देखा जा रहा है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रभावित राज्यों से इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिये टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा.
पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने गुरुवार को कहा कि अब तक 57,000 मवेशियों की मौत हो चुकी है और इनमें से लगभग 37,000 राजस्थान में हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यों को लगातार परामर्श भेज रहा है.
क्या है लम्पी स्किन डिजीज?
त्वचा पर गांठ बनने की बीमारी (लम्पी स्किन डिजीज) एक संक्रामक विषाणु जनित बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है. यह बुखार, त्वचा पर गांठ का कारण बनती है और इससे मृत्यु भी हो सकती है. यह रोग मच्छर, मक्खी, ततैया आदि के सीधे संपर्क से और दूषित खाने तथा पानी से फैलता है.
इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में बुखार, दूध में कमी, त्वचा पर गांठें बनना, नाक और आंखों से स्राव, खाने में समस्या आदि शामिल हैं. कई बार इसके कारण मवेशियों की मौत हो जाती है.
कितनी फैल चुकी है बीमारी
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बृहस्पतिवार को कहा था कि रोग का प्रकोप गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में फैल गया है. लंपी से सबसे अधिक प्रभावित राज्य राजस्थान है. राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में 8 लाख के करीब गायें प्रभावित हैं जिसमें से 7.40 का इलाज चल रहा है.
वहीं, मध्य प्रदेश के 10 जिलों में 2,171 पशु लंपी त्वचा रोग से पीड़ित हैं जिनमें से 1,717 पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है. अब तक 77,534 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. महाराष्ट्र में पिछले एक महीने में ‘लंपी’ रोग से कम से कम 22 मवेशियों की मौत हुई है. संक्रमित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में 622 गांवों में कुल 2,21,090 पशुओं को टीके लगाए गए हैं. 1,224 संक्रमित मवेशियों में से 752 इलाज के बाद ठीक हो गए.
हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों में कुल 44,022 पशु लंपी वायरस रोग से ग्रस्त पाए गए हैं जिनमें से 1,623 गौवंश की मृत्यु दर्ज की गई है तथा अब तक 14,820 ठीक हो चुके हैं. पंजाब में इस बीमारी से 1.26 लाख मवेशी प्रभावित हुए हैं. अब तक 10,000 से अधिक मवेशी इस बीमारी की वजह से जान गंवा चुके हैं. राज्य के प्रगतिशील डेयरी किसान संघ (पीडीएफए) ने कहा है कि इस बीमारी की वजह से राज्य में दूध उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक घट गया है. पीडीएफए का दावा है कि लंपी स्किन बीमारी की वजह से पंजाब में अब तक एक लाख से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मवेशियों में लंपी त्वचा रोग के कम से कम 173 मामले सामने आये हैं तथा अधिकतर मामले दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली जिलों से हैं. यूपी में करीब 200 गायों की लंपी वायरस से मौत हुई है. 21 हजार गाय इससे संक्रमित बताई जा रही हैं. प्रभावित जिलों से भी पशुओं के यातायात पर भी रोक लगाई गई है. प्रभावित जिलों में वेटनरी एंबुलेंस काम कर रही हैं. प्रभावित जिलों में 17 लाख 50 हजार से ज्यादा टीके उपलब्ध कराए गए हैं.
केंद्र सरकार के उपाय
केंद्र सरकार का कहना है कि लंपी वायरस को लेकर सभी 12 राज्यों की मांग के अनुसार गोट पॉक्स वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है. पहले राज्य सरकारें खुद इसे खरीद रही थीं लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीन खरीदी जा रही है. इसमें केंद्र 60 फीसदी और राज्य सरकारें 40 फीसदी खर्च उठा रही हैं.
Edited by Vishal Jaiswal