Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

मिलिए ममता मिश्रा से जिन्होंने सरकारी स्कूल को बना दिया कॉन्वेंट स्कूल, पीएम मोदी भी कर चुके हैं इनकी तारीफ

सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ममता मिश्रा के पढ़ाने के तरीकों से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने प्रभावित हुए की उन्होंने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उनकी तारीफ की और बाद में उनकी हौसलाअफजाई करते हुए उन्हें एक पत्र भी लिखा था।

मिलिए ममता मिश्रा से जिन्होंने सरकारी स्कूल को बना दिया कॉन्वेंट स्कूल, पीएम मोदी भी कर चुके हैं इनकी तारीफ

Tuesday August 11, 2020 , 4 min Read

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के ही विकासखंड चाका स्थित एक अंग्रेजी माध्यम परिषदीय विद्यालय में बतौर शिक्षिका अपनी सेवाएं दे रही ममता मिश्रा के पढ़ाने के तरीकों से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने प्रभावित हुए की उन्होंने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उनकी तारीफ की और बाद में उनकी हौसलाअफजाई करते हुए उन्हें एक पत्र भी लिखा था।


k

स्कूली बच्चों के साथ शिक्षिका ममता मिश्रा (फोटो साभार: ममता मिश्रा)


आज ममता मिश्रा की सरकारी स्कूल के बच्चों को क्षेत्र के निजी स्कूल के बच्चों के बराबर आंका जाता है। और हो भी क्यों न, ममता का पढ़ाने का तरीका ही कुछ ऐसा है कि हर-एक बच्चा पढ़ाई में अव्वल है।

शिक्षिका माँ को माना रोल मॉडल

योरस्टोरी से बात करते हुए ममता ने अपनी शिक्षा और शिक्षिका बनने के बारे बताया,

“मेरी शुरुआती शिक्षा केंद्रीय विद्यालय में हुई तत्पश्चात छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से स्नातक, बी.एड. व परास्नातक उत्तीर्ण किया। मेरी माँ एक शिक्षिका हैं और मैने बचपन से ही उन्हें बड़े परिश्रम, निष्ठा व ईमानदारी से अध्यापन करते हुए देखा है तो कहीं न कहीं बचपन में ही उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हुए शिक्षिका बनने का निश्चय कर लिया था।” 
क

स्कूली बच्चों के साथ ममता मिश्रा (फोटो साभार: ममता मिश्रा)

शुरुआती अनुभव

सरकारी विद्यालय में पढ़ाने के अपने शुरुआती अनुभवों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें ग्रामीण परिवेश, स्थानीय व देशज भाषागत तथा अन्य क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा हालांकि जल्द ही इन सभी के अनुसार ममता ने खुद को ढ़ाल लिया।

बच्चों को पढ़ाने के बारे में बताते हुए ममता कहती हैं,

मेरी सबसे बड़ी चुनौती ऐसे बच्चों को पढ़ाना था जो न सिर्फ खुद बल्कि जिनके परिजन भी प्राथमिक शिक्षा को गंभीरता से नही ले रहे थे।

जब ऐसे बच्चों और उनके माता-पिता से ममता ने बात की तो उन्हें इसकी वजह पता चली और वो थी, अधिकतर परिषदीय छात्र-छात्राएं निम्न आर्थिक तबके से आते हैं, उनके कंधों पर घर, खेत-खलिहान, पशु चारण, दुकान या फेरी आदि लगाने की जिम्मेदारियां होती हैं, लड़कियों को भी अक्सर अपने घर व खेत के कामों में हाथ बंटाने तथा छोटे भाई-बहनों की देखभाल हेतु घर में रुकना पड़ता था।

इन सभी कारणों को जानने के बाद ममता ने बच्चों के परिजनों को शिक्षा का महत्व समझाया। उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक किया। बच्चों के विद्यालय आगमन व ठहराव में रुचि बढ़ाने हेतु न सिर्फ उन्हें घर से लेने गयी पढ़ाई के साथ-साथ स्पोर्ट्स व

एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटिज़ की भी शुरुआत कि। समय-समय पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों के परिजनों खासकर उनकी माताओं को भी विद्यालय स्तर सम्मानित किया।

इनोवेटिव एजुकेशन

ममता मिश्रा ने सरकारी स्कूल के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिये इनोवेटिव एजुकेशन पर जोर दिया। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज शुरू की। स्कूल के बच्चों को स्मार्ट और डिजिटल क्लासेज के जरिये पढ़ाने के लिये डेस्क व बेंच, मोबाइल, टेबलेट, प्रोजेक्टर आदि उपकरण उन्होंने ने अपनी सैलरी और व्यक्तिगत बचत से खरीदे। ममता क्लास में बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें मोबाइल में ‘दीक्षा ऐप’ के जरिए पढ़ने के तरीके भी सिखा रही हैं। 

क

स्कूल के बच्चों के साथ ममता मिश्रा

सरकारी स्कूल के बच्चों के लिये टेक्नोलॉजी के महत्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,

वर्तमान परिदृश्य में शिक्षा और तकनीक एक-दूसरे के पूरक हैं, प्राथमिक स्तर पर ऑडियो-वीडियो तकनीक, आईसीटी, सीसीई आदि से लेकर उच्च स्तरीय रोबोटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, कंप्यूटिंग, अंतरिक्ष व सामरिक अध्धयन, विज्ञान, संचार व प्रौद्योगिकी आदि हर क्षेत्र में तकनीक-रहित शिक्षा अधूरी है इसलिए जरूरत है शिक्षा के हर स्तर पर तकनीक के साथ आगे बढ़ते हुए तकनकी के वैश्विक अंतराल को समाप्त करने की, साथ ही यशस्वी प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने की।

ऑनलाइन क्लासेज के लिये यूट्यूब चैनल

ममता ने अपने स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ दूसरे स्कूल के बच्चों के बारे में भी सोचा। ममता बताती हैं,

जब दूर-दराज के लोगों से सम्पर्क बढ़ा तो सभी से अपने प्रयासों, अनुभवों व नवाचारों को व्यक्तिगत स्तर पर अलग-अलग साझा करना सम्भव नही था, इसलिए मैंने यूट्यूब चैनल MAMTA ANKIT व अन्य डिजिटल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि का सहारा लिया।

MAMTA ANKIT यूट्यूब चैनल पर 700+ वीडियोज उपलब्ध हैं। उनके यूट्यूब चैनल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके इस चैनल के 7 लाख से अधिक सब्सक्राइबर है।



भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,

सीखने-सिखाने की इस प्रक्रिया में अपनी योग्यताओं और क्षमताओं का और अधिक विकास करते हुए लोगों के साथ मिलकर इस दुनिया से अशिक्षा का अंधकार मिटाने हेतु विश्वस्तरीय प्रयास करते हुए विकास पथ पर आगे बढ़ते जाना है।

पीएम मोदी कर चुके हैं तारीफ

सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ममता मिश्रा के पढ़ाने के तरीकों से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने प्रभावित हुए की उन्होंने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उनकी तारीफ की और बाद में उनकी हौसलाअफजाई करते हुए उन्हें एक पत्र भी लिखा था।