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जन्मदिन से एक दिन पहले चली गई जान, लेकिन पांच लोगों को दे गया दूसरा जीवन

22 वर्षीय एंटो को एक तेज रफ्तार कार ने मार डाला तब उसके परिवार ने उसके अंग पांच लोगों को दान कर दिए।

जन्मदिन से एक दिन पहले चली गई जान, लेकिन पांच लोगों को दे गया दूसरा जीवन

Friday April 16, 2021 , 2 min Read

केरल में एक 22 वर्षीय व्यक्ति, जिसकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी, के परिवार ने उसके अंगों को पांच लोगों को दान कर दिया है, इसलिए उनके पास सामान्य जीवन का ये दूसरा मौका हो सकता है। मातृभूमि की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह अपनी बहन जोसेफिन को लेने के लिए जा रहा था, जो एक कपड़े की दुकान में काम कर रही थी तब वह एक कार से टकरा गया था। उसकी बहन को इस दुर्घटना के बारे में पता चला जब अक्सानो वादे के मुताबिक उसे लेने के लिए नहीं पहुँचा।


सड़क पर जमा भीड़ को देखकर, वह यह जानकर हतप्रभ रह गई कि यह उसका भाई था जिसकी दुर्घटना हुई थी। उसे कोल्लम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (GNCH) में ले जाया गया।


उसकी मां मैरी और बहनें जोसेफिन और सिंसि ने कहा कि वे उसके अंगों का दान करना चाहेंगे। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले को राज्य सरकार के अंग दान कार्यक्रम 'मृथासंजीवनी' के लिए भेजा गया था।

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22 वर्षीय एंटो की सड़क दुर्घटना में 23 वें जन्मदिन के एक दिन पहले मौत हो गई। उनके अंगों को पांच लोगों की जान बचाने के लिए दान कर दिया गया था

हार्वेस्टिंग मृत्संजीवनी के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. नोबल ग्रेशियस, GMCH के ट्रांसप्लांट प्रक्योरमेंट मैनेजर डॉ. अनिल सत्यदास, एनेस्थेटिस्ट डॉ. जयचंद्रन, ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर्स पी. वी. अनीश और एस एल विनोद कुमार की एक टीम द्वारा की गई थी।


उनकी किडनी दो मरीज़ों - रोहित मैथ्यू और GMCH, सुबेहाट को प्रत्यारोपित की गई थी। अक्सानो के हृदय के वाल्वों को श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी अस्पताल के रोगियों को प्रत्यारोपित किया गया था और उनके लीवर को कोच्चि के अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एक मरीज को प्रत्यारोपित किया गया था। अक्सानो के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।


अक्सानो के परिवार में माँ और बहनें बचीं हैं और परिवार एक किराए के घर में रहता है। जब उसके पिता अनवर का देहांत हुआ, तो अक्सानो ने परिवार का जिम्मा संभाला और आय के लिए एक इलेक्ट्रीशियन और मछुआरे के रूप में काम कर रहा था। उसे उसके 23वें जन्मदिन के ठीक एक दिन पहले दफनाया गया।