सबसे कम उम्र में बुकर प्राइज़ जीतने वाली लेखिका बनीं नीदरलैंड की मारिके लुकास रिजनेवेल्ड
टॉमी वाईरिंगा (2019 में लंबे समय के बाद) और हैरी मुलिश (2007 में शॉर्टलिस्ट) के बाद रिजनेवेल्ड पुरस्कार जीतने वाले पहली डच लेखक और नामांकित होने वाली तीसरी डच लेखक हैं।
नीदरलैंड की 29 वर्षीय मारिके लुकास रिजनेवेल्ड अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र की लेखक बन गई हैं।
यह पुरस्कार मूल बुकर पुरस्कार से अलग है और इसका लक्ष्य विश्वभर में अच्छे उपन्यास के अधिक प्रकाशन और उसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।
रिजनेवेल्ड की किताब ‘द डिस्कम्फर्ट ऑफ इवनिंग’ को बुधवार को विजेता घोषित किया गया। यह ग्रामीण नीदरलैंड के एक कट्टर ईसाई समुदाय के एक किसान परिवार की कहानी है।
नियमों के अनुसार पुरस्कार की ईनाम राशि 50,000 पाउंड लेखक और अनुवादक मिशेल हचिसन के बीच बराबर बंटेगी।
इस साल 30 भाषाओं से अनुवाद की गई 124 किताबें दौड़ में थीं।
टॉमी वाईरिंगा (2019 में लंबे समय के बाद) और हैरी मुलिश (2007 में शॉर्टलिस्ट) के बाद रिजनेवेल्ड पुरस्कार जीतने वाले पहली डच लेखक और नामांकित होने वाली तीसरी डच लेखक हैं।
(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)