जानिए मिशेल ओबामा ने डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिका के लिए ‘गलत’ राष्ट्रपति क्यों बताया
August 19, 2020, Updated on : Wed Aug 19 2020 06:01:30 GMT+0000

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न्यूयार्क, अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को औपचारिक रूप से नामित करने के लिए आयोजित डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन (डीएनसी) के शुरुअती सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प ‘‘हमारे देश के लिए गलत राष्ट्रपति हैं’’ जिन्होंने मुश्किल हालात पैदा किए हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के लिए ‘गलत’ राष्ट्रपति है: मिशेल ओबामा (फोटो साभार (L-R): Power92, FinancialTimes )
उल्लेखनीय है कि पार्टी का चार दिवसीय सम्मेलन विस्कोंसिन में प्रस्तावित था, लेकिन कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हालात को देखते हुए सोमवार को डिजिटल माध्यम से शुरू हुआ। इस सम्मेलन में 55 वर्षीय सीनेटर कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में औपचारिक तौर पर नामित किया जएगा। अमेरिका में किसी प्रमुख पार्टी द्वारा एशियाई-अफ्रीकी मूल की वह प्रथम महिला होंगी जिन्हें इस पद के लिए नामित जाएगा।
मिशेल ने कहा,
‘‘मैं यथा संभव ईमानदार और स्पष्ट होकर कहती हूं कि डोनाल्ड ट्रम्प हमारे देश के लिए गलत राष्ट्रपति हैं। उन्हें कई बार यह साबित करने के लिए मौका मिला कि वह काम कर सकते हैं, लेकिन वह समस्याओं को उलझाते रहे। वह मौजूदा तकाजों को पूरा नहीं कर सकते। वह ऐसे शख्स नहीं जिनकी हमें जरूरत है। यह तथ्य है।’’
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि कुछ लोगों से आपने शायद ही नहीं सुना होगा कि ‘‘हम ऐसे देश में रह रहे हैं जो विभाजित है और मैं काली महिला हूं जो डेमोक्रेटिक पार्टी के सम्मेलन को संबोधित कर रही हूं।’’
मिशेल ने उन अमेरिकियों को आगाह किया जो मानते हैं कि संभवत: इससे खराब स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
उन्होंने कहा,
‘‘मेरा भरोसा कीजिए और यह करना चाहिए, अगर उन्होंने इस चुनाव में बदलाव नहीं किया तो स्थितियां और खराब होंगी। अगर इस अराजकता को खत्म करने की कोई उम्मीद है, तो हमें जो बाइडेन के लिए मतदान करना होगा क्योंकि इसपर हमारी जिंदगी निर्भर करती है।’’
गौरतलब है कि तीन नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में 77 वर्षीय बाइडेन कामौजूदा राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प से मुकाबला होगा।
मिशेल ने कहा कि चार साल पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में कई लोगों ने माना कि उनके मतों से कोई असर नहीं होता है या वे इस व्यवस्था से परेशान हो चुके थे।
उन्होंने कहा,
‘‘कोई भी कारण हो, उन्होंने जिसे ओवल ऑफिस के लिए चुना वह करीब 30 लाख राष्ट्रीय लोकप्रिय मतों से हार गया और हम उसके असर का सामना कर रहे हैं।’’
(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)
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