मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने श्रीनगर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कृषि स्टार्टअप और किसानों की एक परस्पर सम्वाद गोष्ठी को संबोधित किया।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रधानमंत्री कार्यालय एवं, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कृषि स्टार्टअप और किसानों की एक परस्पर सम्वाद गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस क्षेत्र में युवा स्टार्टअप हेतु कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ठोस और प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रयास किए गए हैं।
वहीं दूसरी ओर अतीत में किसान और कृषक काफी हद तक खेती के लिए जलवायु में परिवर्तन और प्रकृति की अनिश्चितताओं पर निर्भर करते रहे हैंI उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, उदाहरण के रूप में नए क्षेत्रों जैसे कश्मीर घाटी में गुलमर्ग आदि के आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ जम्मू क्षेत्र में डोडा और रियासी जिलों में बड़े पैमाने पर लैवेंडर की खेती की क्षमता का पता लगाया गया है।
मंत्री ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में कोई भी सरकार हर युवा के लिए शत-प्रतिशत वेतनभोगी सरकारी नौकरी सुनिश्चित नहीं कर सकती है, लेकिन एक जिम्मेदार सरकार हमेशा आजीविका के साधनों को बढ़ावा देने की योजना बनाती रहती है और यही मोदी सरकार करना चाह रही है।
उन्होंने कहा कि युवाओं और उनके माता-पिता के बीच एक सतत जागरूकता अभियान शुरू करने की आवश्यकता है ताकि उन्हें यह बताया जा सके कि स्व-आजीविका और नए स्टार्टअप के इन विकल्पों के माध्यम से भी बहुत अधिक आकर्षक उपलब्धियां होती हैं और इसलिए केवल सरकारी वेतनभोगी नौकरियों के पीछे भागने में अपना समय और ऊर्जा नष्ट नहीं की जानी चाहिए।
यह दोहराते हुए कि आज की खेती अब पुराने समय वाली खेती नहीं रह गई है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज का किसान वास्तव में अपने आप एक ऐसा कृषि प्रौद्योगिकी विद (टेक्नोक्रेट) या एक कृषि स्टार्टअप है, जिसके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि क्षेत्र में शुरू की गई नई तकनीक और प्रावधानों का उपयोग करके अच्छा मुनाफा कमाने का विकल्प है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार CSIR के माध्यम से खेती के नए तरीकों, कई प्रकार की एकीकृत खेती और मिश्रित (हाइब्रिड) खेती के लिए सभी प्रासंगिक वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है जिसमें प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की क्षमता है।
इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कश्मीर घाटी के सभी दस जिलों के किसानों को खेती के किट का भी वितरण किया। CSIR और SKUAST के बीच सहयोग के एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। CSIR के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे, SKUAST के कुलपति प्रोफेसर जे पी शर्मा और IIIM के निदेशक डॉ. रेड्डी भी इस अवसर पर किसानों के साथ संवाद सत्र में मंत्री महोदय के साथ सम्मिलित हुए।