मुद्रा योजना से महिलाओं को मिला फायदा, जीएसटी से आई पारदर्शिता: कोविंद
संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है और इस सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों की बैठक को संयुक्त रूप से संबोधित किया। कोविंद ने अपने अभिभाषण में मुद्रा योजना और जीएसटी प्रणाली के बारे में बात की। कोविंद ने कहा कि अब तक देशभर में 15 करोड़ मुद्रा ऋण दिए गए हैं जिसमें से 73 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को प्राप्त हुआ है।
वहीं जीएसटी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिक्कतों के बावजूद देशवासियों ने देश के बेहतर भविष्य के लिए इस नयी कर प्रणाली को अपनाया है। लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का यह अंतिम बजट सत्र है। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में युवाओं, महिलाओं, तीन तलाक, जन-धन योजना, इसरो, सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए किए गए कामों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के हर गांव में बिजली पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पूरे देश में बिजली पहुंचाने का संकल्प किया था, जो पूरा हो गया है। कोविंद ने कहा कि ‘दीन दयाल अंत्योदय योजना’ के तहत लगभग छह करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। ऐसे महिला स्वयं-सहायता समूहों को सरकार द्वारा 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया है। यह राशि, वर्ष 2014 के पहले के चार वर्षों में दिए गए ऋण से ढाई गुना अधिक है।
उन्होंने कहा कि देश के छोटे और मंझोले उद्योगों में महिला उद्यमियों की भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिए अब बड़ी सरकारी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे कम से कम 3 प्रतिशत खरीदारी महिला उद्यमियों के प्रतिष्ठानों से ही करें।
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