Wipro चेयरमैन ने 'मूनलाइटिंग' को बताया धोखाधड़ी, जानिए यह क्या है और किन कंपनियों ने लागू किया है?

कुछ दिन पहले ही स्विगी ने इस शर्त के साथ अपने कर्मचारियों को मूनलाइटिंग की मंजूरी दी थी कि वह स्विगी के कारोबार के हितों के साथ टकराव पैदा करने वाला नहीं होना चाहिए और न ही उससे फुल टाइम जॉब की प्रोडक्टिविटी प्रभावित होनी चाहिए.

Wipro चेयरमैन ने 'मूनलाइटिंग' को बताया धोखाधड़ी, जानिए यह क्या है और किन कंपनियों ने लागू किया है?

Monday August 22, 2022,

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'मूनलाइटिंग' (एक कंपनी के फुल टाइम कर्मचारी रहते हुए पार्ट टाइम काम करने की आजादी) को लेकर पारंपरिक टेक कंपनियों और नई कंपनियों के बीच मतभेद पैदा हो गया है. देश की दिग्गज टेक कंपनी विप्रो Wipro Ltd के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने मूनलाइटिंग को धोखाधड़ी करार दिया है. बीते शनिवार को प्रेमजी ने ट्वीट किया कि टेक इंडस्ट्री में मूनलाइटिंग को लेकर काफी चर्चा हो रही है. यह साफ तौर पर धोखाधड़ी है.

बता दें कि, कुछ दिन पहले ही स्विगी Swiggy ने इस शर्त के साथ अपने कर्मचारियों को मूनलाइटिंग (Moonlighting) की मंजूरी दी थी कि वह स्विगी के कारोबार के हितों के साथ टकराव पैदा करने वाला नहीं होना चाहिए और न ही उससे फुल टाइम जॉब की प्रोडक्टिविटी प्रभावित होनी चाहिए.

दरअसल, कोविड-19 महामारी के दौरान जब देशव्यापी लॉकडाउन लगा था तब अच्छी खासी संख्या में कामकाजी लोगों ने नई हॉबिज को अपनाना शुरू कर दिया था. या फिर वे अतिरिक्त कमाई के लिए कोई काम करने लगे थे. इसके लिए वे किसी एनजीओ के साथ वालंटियर के तौर पर जुड़े, डांस इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम किया या सोशल मीडिया पर अपना कंटेंट बनाया.

कुछ महीने पहले ही टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि नासकॉम NASSCOM के नोएडा रिजनल काउंसिल चेयर के पास एक शिकायत आई थी जिसमें उनका एक कर्मचारी एक साथ सात कंपनियों के लिए काम कर रहा था. उस कर्मचारी को एक कंपनी के एचआर ने उसके कई पीएफ अकाउंट्स के आधार पर पकड़ा था.

बता दें कि, अधिकतर पारंपरिक कंपनियां कमर्शियल टर्म्स पर बाहरी काम करने की इजाजत नहीं देती हैं. एचआर प्रोफेशनल्स और लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि मूनलाइटिंग करते पाए जाने पर कोर्ट्स ने कंपनियों को कर्मचारी को टर्मिनेट करने की मंजूरी दी है. फैक्टरिज एक्ट के तहत दोहरी नौकरी करने पर पाबंदी है लेकिन कई राज्यों की आईटी कंपनियों पर यह कानून लागू नहीं होता है. कई कंपनियों का मानना है कि दूसरी जॉब औऱ पार्ट टाइम जॉब में अंतर करना जरूरी होता है.

स्विगी ने कहा था कि उसका मानना है कि अपनी फुल टाइम जॉब से बाहर जाकर ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम करना किसी कर्मचारी के प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों ही तरीके से आगे बढ़ने में मदद करेगा.

स्विगी के हेड एचआर गिरीश मेनन ने कहा था कि मूनलाइटिंग पॉलिसी के साथ, हमारा लक्ष्य कर्मचारियों को हमारे साथ फुलटाइम जॉब के बावजूद बिना किसी बाधा के अपने पैशन को फॉलो करने के लिए प्रोत्साहित करना है. यह विश्व स्तरीय 'पीपल फर्स्ट' ऑर्गेनाइजेशन बनाने की दिशा में हमारी यात्रा का एक और कदम है.


Edited by Vishal Jaiswal