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चेंजमेकर्स को सक्षम बनाने के साथ सामाजिक क्षेत्र में प्रतिभा की खाई पाट रहा है मुंबई का ये संगठन

चेंजमेकर्स को सक्षम बनाने के साथ सामाजिक क्षेत्र में प्रतिभा की खाई पाट रहा है मुंबई का ये संगठन

Thursday January 02, 2020 , 7 min Read

mandeep

मनदीप कौर, फाउंडर- ट्राइब्स फॉर गुड


कॉरपोरेट क्षेत्र में काम करने वाली मीडिया प्रोफेशनल 36 वर्षीय मनदीप कौर 2014 में मुंबई की मलिन बस्तियों से गुजर रही थीं, जब उन्होंने वहां सामाजिक-आर्थिक असमानता देखी। उसी समय उनके दिमाग में खयाल आया कि झुग्गियों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव कैसे लाया जा सकता है। सामाजिक क्षेत्र में अपनी सच्ची लगन को देखते हुए, उन्होंने इसके बारे में कुछ करने का फैसला किया।


मंदीप ने मीडिया मार्केटिंग में अपनी जॉब छोड़ दी और इस क्षेत्र को बेहतर समझने के लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने महसूस किया कि सामाजिक क्षेत्र में बड़ा टैलेंट गैप था, जिसको ध्यान में रखते हुए 2014 में 'ट्राइब्स फॉर गुड' का जन्म हुआ।


सोशल स्टोरी से बात करते हुए, वह कहती हैं,

“इन सभी विचारों ने मुझे समाज के लिए कुछ करने को प्रेरित किया, और एक इम्पैक्ट ट्रैवल फर्म के साथ मेरा पहला कदम मैंने स्वेच्छा से लिया। लोगों में प्रभावशाली काम करने की रुचि बढ़ रही है चाहे वह वॉलिंटियरिंग क्यों न हो।"


मुंबई स्थित ट्राइब्स फॉर गुड, उन लोगों के लिए एक एक्सपेरिएंटल लर्निंग प्रोग्राम (experiential learning programme) है जो सामाजिक क्षेत्र को समझने और बदलाव लाने के लिए देख कर रहे हैं। आज तक, संगठन ने 1,000 से अधिक स्वयंसेवकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है और 50 सामाजिक उद्यमों में प्रभाव पैदा किया है। वर्तमान में इसका नेटवर्क मुंबई की शहरी मलिन बस्तियों - मालवानी, गोरेगांव के कुछ हिस्सों और धारावी में है।

द सलूशन

अकेले भारत में, दो मिलियन से अधिक सोशल इम्पैक्ट बिजनेस अर्थात समाज में प्रभाव पैदा करने वाले व्यवसाय देश के सबसे अधिक दबाव वाले सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं, और रिपोर्टों का सुझाव है कि इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक व्यवसायों के पास बेहद कम लोग हैं, जिससे इन व्यवसायों के पास अपना प्रभाव दोगुना करने का अवसर छूट जाता है।


मंदीप कहती हैं,

"लोग उन प्रभावों को देखना पसंद करते हैं जो वे रियल टाइम में कर रहे हैं और इसे प्राप्त करने व इसको लेकर प्रशिक्षित होने के लिए घंटों लगाने के लिए तैयार हैं।"

युवा दिमाग को यह समझने में मदद करने के लिए कि वह परिवर्तन कैसे ला सकता है, इसके लिए ट्राइब्स फॉर गुड उन्हें कई चरणों की एक श्रृंखला के माध्यम से निर्देशित करता है।

mandeep

स्थानीय समुदाय के साथ मनदीप कौर


उदाहर के लिए, TFG भारत में पिरामिड के आधार पर इनोवेशन्स को लेकर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोप जैसे देशों के छात्रों, पेशेवरों और सेवानिवृत्त लोगों को प्रशिक्षित करता है। मंदीप कहती हैं,

''वे समाज को वापस देना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं है वे कैसे क्या करें।''


इस ऑर्गनाइजेशन का फ्लैगशिप प्रोग्राम, जिसे यंग चेंजमेकर्स कहा जाता है, यह उन यंग एडल्ट्स के लिए उपयुक्त है, जो भविष्य के उद्यमी, सलाहकार और राजनयिक होने की संभावना रखते हैं, और भारत को प्रभावित करने वाले सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद्दों में भाग लेना चाहते हैं।



प्रोग्राम लोगों को संवेदनशील बनाने और आवश्यक समस्या को सुलझाने के कौशल का निर्माण करने में भी मदद करता है। यह प्रतिभागियों को भविष्य की पीढ़ियों के प्रति उनकी जिम्मेदारी को समझने देता है।


TFG की सोशल इम्पैक्ट जर्नी एक सामाजिक बदलाव लाने के लिए लोगों की क्षमता की गहरी समझ विकसित करने पर केंद्रित है। यह भारत में एक सप्ताह तक चलने वाली, डिस्कवरी और इनसाइट की क्यूरेटेड एक्सपीडिशन है जहां पार्टीसिपेंट एक डेडिकेटेड प्रोजेक्ट पर काम करते हैं।


यह ज्यादातर महिला सशक्तीकरण और युवाओं पर केंद्रित है, और पार्टीसिपेंट्स को उनकी मैनेजमेंट स्किल्स का उपयोग करने देता है और सोशल इम्पैक्ट ऑर्गनाइजेशन्स द्वारा फेस किए गए टैलेंट गैप को कम करता है। इसका आखिरी प्रोग्राम सस्टेनेबिलिटी के उद्देश्य से है, जहां भारत में सस्टेनेबिलिटी का क्या सीन है इसको लेकर व्यक्तियों को एक खास परिचय दिया जाता है।


संगठन यंग चेंजमेकर्स प्रोग्राम के लिए 22,000 रुपये का शुल्क लेता है, और सोशल इम्पैक्ट जर्नी की लागत लगभग 50,000 रुपये है। मंदीप कहती हैं,

"यह बाद में समुदाय में वापस चला जाता है और TFG की लॉन्ग टर्म सस्टेनेबिलिटी में काम करता है।"

लोकल कम्युनिटी को जोड़ना

इन प्रोग्राम्स को गैर-लाभकारी या सामाजिक उद्यमों के साथ चलाया जाता है जिनका समुदाय पर एक मजबूत प्रभाव है। पेशेवरों को चुना जाता है क्योंकि वे समुदायों में वर्षों से काम कर रहे हैं और इसलिए नए विचारों पर विश्वास, देखभाल और खुलापन रहता है।


वर्तमान में, ट्राइब्स फॉर द गुड में दुनिया भर में इंजीनियरिंग, कानून, और प्रबंधन पेशेवरों सहित विविध पृष्ठभूमि के मेंटॉर शामिल हैं। इसके अलावा, टीम में मैजिक टूर्स की संस्थापक दीपा कृष्णन जैसे प्रसिद्ध लोग भी हैं; इसके अलावा एक सामाजिक उद्यमी अनुषा भारद्वाज और प्रदीप महतानी बोर्ड में सलाहकार के रूप में हैं।


शुरू करने के लिए, यह संगठन पहले उस क्षेत्र को मैप करता है, जिसके साथ कोई समुदाय काम करना चाहता है - चाहे वह वित्तीय समावेशन हो, डिजिटल समावेशन हो या यहां तक कि उनकी समझ के कौशल में सुधार हो।



चुनौतियों के बारे में बात करते हुए, मनदीप कहती हैं, विजिटर्स, ट्रैवलर्स, और स्टूडेंट्स को वे हाशिए के समुदायों के साथ काम करने के लिए लाते हैं, उन्हें कभी-कभी उनकी सर्विसेस को जल्दी से समझने में मुश्किल होती है।

पार्टिसिपेंट्स

पार्टिसिपेंट्स


वह कहती हैं, पार्टिसिपेंट्स को सुरक्षा, सुविधाओं की कमी और पूर्वाग्रह पर अपनी धारणाओं को दूर करना चाहिए। वे बताती हैं,

"हम संवेदना कार्यशालाओं के माध्यम से व्यक्तियों को अपने पूर्व निर्धारित विचारों और मान्यताओं को पार करने में मदद करते हैं।"

वह कहती हैं, संगठनों और अच्छी व्यक्तिगत आउटरीच और भागीदारी के माध्यम से समुदायों के साथ सड़कों का निर्माण चुनौतीपूर्ण कार्यों में से एक था, जिसमें विभिन्न लोगों को सर्विस देने के लिए फुर्तीली सेवाओं को अपनाना शामिल था।

प्रभाव और आगे का रास्ता

संगठन आफ्टरटेस्ट (Aftertaste) के लिए ईमेल मार्केटिंग, वीडियो और व्यावसायिक संचार कार्यशालाएं बना रहा है, जो कि एक सामाजिक उद्यम है जिसने कम आय वाली महिलाओं के उत्थान के लिए कला के सशक्तिकरण के रूप में इसका उपयोग किया है।


मंदीप कहती हैं,

"हम उनकी मार्केटिंग पहल में संगठन का समर्थन करते हैं और इन महिलाओं के लिए बिजनेस कम्युनिकेशन क्लासेस चलाते हैं ताकि वे सभी के साथ ईवेंट्स या प्रदर्शनियों पर बातचीत कर सकें।"

वीडियो और कम्युनिकेशन मटेरियल का उपयोग फंड जुटाने और ऑर्गनाइजेशन की बॉटम लाइन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए किया गया है। टीएफजी बुनियादी वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण भी चलाता है, जैसे कि ट्रस्ट, एक्सेस और कंफर्ट के प्रमुख कम्पोनेंट्स पर वित्तीय समावेशन और निर्माण को बढ़ाने के लिए एटीएम और BHIM UPI का उपयोग करना।


टीएफजी की पूर्व छात्रा, एडेलिना क्रिप्लानी ने साझा किया कि वह न केवल इस सोशल स्पेस के बारे में जान पाई हैं, बल्कि उन्होंने इस बारे में भी जाना है कि क्या वह एक आकांक्षी चेंजमेकर के रूप में सामाजिक क्षेत्र में प्रयास कर सकती हैं। एडलिना को इस बारे में भी पता चला कि एनजीओ इन बदलावों को लाने के लिए कैसे प्रयास करते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी जाना कि वे बतौर युवा जो हाल ही में ग्रेजुएट हुई हैं क्या उनमें स्वयंसेवक के रूप में, कोई मूल्यवान कौशल था जो स्थायी परिवर्तन बनाने में योगदान दे सकता है।


ये उनके दिमाग में कुछ पहले के सवाल थे जो जो उन्हें ट्राइब्स फॉर गुड की ओर ले गए। एडेलिना कहती हैं,

“मैंने न केवल अद्वितीय व्यक्तिगत विकास का अनुभव किया, बल्कि विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों, समुदायों और लाभार्थियों के साथ बातचीत करने में सक्षम रही। मुझे सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के बारे में और अधिक जानने को मिला, और जानने को मिला कि कैसे इसका हिस्सा बनें और इसके लिए एक प्रेरक शक्ति कैसे बनें। मुझे मेरे इंट्रेस्ट के साथ खेलने और एक्सपेरीमेंट करने की अनुमति दी गई, और मैं खुद को बेहतर जान पाई।”

आगे का रास्ता

मनदीप कहती हैं कि वह छात्रों, व्यक्तियों और सेवानिवृत्त लोगों के साथ भागीदारी करके अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए तत्पर हैं। वह कहती हैं,

''पिछले साल में, हमने उन संगठनों की संख्या दोगुनी कर दी है, जिनके साथ हमने काम किया है और बेंगलुरु और दिल्ली तक विस्तार किया है। हम और अधिक मेंटॉर को आकर्षित कर रहे हैं जो सामाजिक प्रभाव परियोजनाओं पर काम कर सकते हैं।”