इस मुस्लिम दूल्हे ने अपनी शादी में पहनी सिख पगड़ी, वजह जानकर आप भी करेंगे सोच को सलाम

इस मुस्लिम दूल्हे ने अपनी शादी में पहनी सिख पगड़ी, वजह जानकर आप भी करेंगे सोच को सलाम

Saturday March 07, 2020,

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नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में 23 फरवरी से शुरू हुए दंगों में कई लोगों की जान गई। ऐसे डरावने माहौल में भी कुछ लोग दंगों में फंसे लोगों के लिए मसीहा बनकर सामने आए। दिल्ली के दंगों में सिख समुदाय के लोगों ने कई मुस्लिमों की जान बचाई थी। बस इसी बात का शुक्रिया अदा करने और समाज में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देने के लिए एक मुस्लिम दूल्हे ने अपनी शादी में सिख पगड़ी धारण की।


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फोटो क्रेडिट: twitter



पंजाब के गिदहबाड़ा में अब्दुल हकीम नाम के मुस्लिम दूल्हे ने अपने निकाह में सिखों वाली पगड़ी पहनी। इसके बाद से यह शादी आसपास के इलाके में चर्चा का विषय बन गई। केवल दूल्हे ने ही नहीं बल्कि उसके कई दोस्तों ने भी शादी में पगड़ी पहनी।


द ट्रिब्यून की एक खबर के मुताबिक यह शादी 1 मार्च को हुई थी। इस 'खास' शादी का फोटो रेशमा आलम नाम की ट्विटर यूजर ने अपने अकाउंट पर पोस्ट किया। 


ट्वीट में रेशमा ने लिखा,

'गिदहबाड़ा में एक शादी हुई। इसमें दिल्ली दंगों में मुस्लिमों की मदद करने वाले सिखों के सम्मान में मुस्लिम दूल्हे ने सिख पगड़ी पहनी। इस शादी में मुस्लिम दूल्हे और 100 से अधिक मुस्लिम बारातियों ने ऐसा करके समाज में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया है।'

अब्दुल के ससुर सलीम खान ने बताया,

'ऐसा करके मेरे दामाद ने समाज में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया है। एक सच्चा मुसलमान सिर्फ अपनी टोपी से ही नहीं बल्कि अपनी ईमानदारी से भी जाना जाता है। इसी तरह से एक सिख की पहचान भी सिर्फ उसकी पगड़ी से नहीं बल्कि उसकी गुरसिखी से भी होती है।'


ससुर ने कहा कि उनके दामाद ने शादी में आए हर मेहमान का दिल जीता है।





आगे सलीम खान ने बताया,

'लोग अभी भी मुझे बधाई दे रहे हैं। अब्दुल ने हमें पहले ही बता दिया था कि दिल्ली दंगों में सिखों ने मुस्लिमों की मदद की है। इसलिए वह शादी में सिख पगड़ी धारण करेगा और ऐसा करके सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देगा। हम उसके निर्णय से खुश हैं।'


इस शादी को लेकर गिदड़बाहा के एक निवासी ने कहा,

'सभी समुदायों के लोगों के बीच के संबंध अच्छे रहने चाहिए। अब्दुल की तरह ही हम सभी को सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करनी चाहिए।'


मालूम हो, 23 फरवरी की शाम से नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगे शुरू हुए थे। जाफराबाद से उठी दंगों की आंच में मौजपुर, करावल नगर, सीलमपुर सहित कई इलाके झुलस गए थे। लोगों के घरों में आगजनी, पुलिस पर पथराव, दुकानों में लूटपाट जैसी कई घटनाओं ने देश की राजधानी को शर्मिंदा किया।


इन दंगों में 50 से अधिक लोगों की जान गई और 400 से अधिक लोग घायल हुए। एक कॉन्सटेबल रतन लाल की मौत हुई और शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए थे।