अपनी पेंटिंग बेचकर अनाथ बच्चों की मदद कर रही हैं नागपुर ये तीन लड़कियां
उनके पास अब भी कई पेंटिंग के ऑर्डर हैं और उनका लक्ष्य इसके जरिए एक लाख रुपये इकट्ठे करना है।
नागपुर, महाराष्ट्र के नागपुर जिले की तीन किशोरियां अपनी कला का जौहर दिखा कोविड-यौद्धाओं, मानसिक रूप से अक्षम बच्चों और एक अनाथालय के लिए पैसे इकट्ठे कर ही हैं।
सौम्या डालमिया (17), प्रेशा भट्टाड (15) और दित्या थापर ने लॉकडाउन का सही इस्तेमाल करते हुए 44 पेंटिंग बनाई है और इसे बेच कर अभी तक वे 84,000 रुपये एकत्रित कर चुकी हैं।
इसका 50 प्रतिशत वे प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देंगी और बाकी पैसे उन्होंने लड़कियों के एक अनाथालय और मानसिक रूप से अक्षम बच्चों के एक केन्द्र को देने का मन बनाया है।
सौम्या ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वे कक्षा तीसरी कक्षा से पेंटिंग बना रही हैं। लोगों की परेशानी देखने के बाद उन्होंने और उनकी दो दोस्तों ने अपनी कला के जरिए जरूरतमंदों की मदद करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 44 पेंटिंग बनाई और सोशल मीडिया के जरिए उसका प्रचार किया। मेरा इंस्टाग्राम पर एक पेज है, जिसके जरिए इन पेंटिंग को बेचा गया। हमने ऑर्डर पर भी पेंटिंग बनाई।’’
उन्होंने बताया कि गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘स्वच्छ नागपुर’ के जरिए उन्हें शहर में लड़कियों के एक अनाथालय और मानसिक रूप से अक्षम बच्चों के एक केन्द्र के बारे में पता चला और फिर उन्होंने उसकी भी आर्थिक मदद करने का फैसला किया।
प्रेशा ने कहा, ‘‘ हमने पेंटिंग बनाकर उन्हें बेचना शुरू किया। हमें पेंटिंग के और ऑर्डर मिलने लगे। मुझे अपनी मां से यह काम करने की प्रेरणा मिली क्योंकि मैंने उन्हें हमेशा दान करते हुए देखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ समाज के लिए कुछ कर पाना एक बेहद अच्छा अनुभव है और कई लोग हमारी इसमें मदद भी कर रहे हैं।’’
इन किशोरियों ने कहा कि उनके पास अब भी कई पेंटिंग के ऑर्डर हैं और उनका लक्ष्य इसके जरिए एक लाख रुपये इकट्ठे करना है।