राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: एकजुट प्रयास से आर्थिक विकास...
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते हुए इन उद्योग प्रमुखों ने भारत के सुनहरे आर्थिक भविष्य में वित्तीय शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका की कुछ मिसालें दी है.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर आर्थिक और तकनीकी शिक्षा का यह महत्व उभर कर सामने आया है कि इससे आर्थिक मजबूती के रास्ते निकलते हैं. दरअसल शिक्षा विभिन्न उद्योगों में बड़े बदलाव का सशक्त साधन है इस लिहाज से भी इसकी अनिवार्यता बढ़ जाती है.
आयकार्ट के सीईओ और सह-संस्थापक देबर्षि दत्ता विभिन्न व्यवसायों की नई संरचना करने, आर्थिक साक्षरता बढ़ाने और भारत के तीव्र आर्थिक विकास के अनुरूप समाधान पेश करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका सामने रखते हैं.
‘‘आर्थिक और तकनीकी शिक्षा बड़ा महत्वपूर्ण है और इसी से बड़े बदलाव आते हैं. यह हमेशा से समय की मांग रही है. शिक्षा बढ़ने का प्रभाव विभिनन उद्योगों पर पड़ता है और खास कर खाद्य और कृषि के वैल्यू चेन में यह अधिक स्पष्ट दिखता है. आज के दौर में जब तकनीक तेजी से कारोबार को नया आकार दे रही है, एमएसएमई को चाहिए आर्थिक और तकनीकी सहायता, जिसके अभाव में वे खुद को पिछड़ता महसूस करते हैं. अक्सर उनके कारोबार के आर्थिक परिणाम उनके वश में नहीं रह जाता है.
यह एक गंभीर चुनौती है जिसके समाधान में फिनटेक इंडस्ट्री आशा की किरण बन कर सामने आई है. यह एमएसएमई की निजी जरूरतों के अनुसार समाधान, तकनीक, बाजार से संपर्क और मूल्य वर्धित सेवाएं देती है. ये इनोवेशन विभिन्न मोर्चों पर एमएसएमई की कमी दूर करते हैं. इस तरह उन्हें ऋण मिलना आसान होता है और वे तकनीकी तरक्की का भी लाभ ले पाते हैं. और वर्तमान उद्योग जगत को नया आकार देने में ऐसे इनोवेशनों की अहमियत बढ़ रही है. फिनटेक कम्पनियां विभिन्न वित्तीय संस्थानों और एमएसएमई से साझेदारी कर आर्थिक सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत कर रही हैं. साथ ही, यह सुनिश्चित करती हैं कि एमएसएमई की एक आवाज पर सभी सहयोग मिले.
वित्तीय और तकनीकी शिक्षा बड़े बदलाव की बुनियाद है. फिनटेक से ज्ञान और कौशल प्राप्त कर एमएसएमई सोच-समझ कर सही निर्णय लेने, तकनीक का लाभ उठाने और लगातार बदलते व्यावसायिक परिदृश्य में आगे बढ़ने में सक्षम होते हैं. इससे एमएसएमई की आर्थिक स्थिति अधिक सुदृढ़ होने की संभावना बनती है और उनका भविष्य अधिक सुरक्षित होता है. वे खाद्य और कृषि वैल्यू चेन की बढ़ोतरी और सतत विकास में योगदान देते हैं.
खाद्य कृषि जगत के वैल्यू चेन के लिए जरूरी तकनीक और वित्तीय सहायता देने में अग्रणी नाम आयकार्ट का है जो भारत का पहला इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन फाइनैंस प्लैटफॉफर्म है. यह प्रचलित व्यवसायों के इकोसिस्टम में उनका विश्वास कायम रखने और बढ़ाने के साथ उन्हें आधुनिक तकनीक और वित्त का लाभ लेने योग्य बनाता है ताकि उनके काम-काज में दक्षता और सुविधा बढ़े. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर हम उद्योगों को नया आकार देने, वित्तीय सुविधा और तकनीकी शिक्षा देने के तमाम प्रयासों की सराहना करते हैं क्योंकि ये एमएसएमई को उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य और प्रत्येक की जरूरत के अनुसार सभी समाधान सुनिश्चित करते हैं.
क्रेडएबल के सीईओ और सह-संस्थापक नीरव चोकसी का यह मानना है कि भारत के गांव-देहात में जन-जन को आर्थिक सुविधा देने की चुनौतियां हैं और इसलिए वे व्यापक आर्थिक साक्षरता के पैरोकार हैं. इससे वंचित समुदाय आगे बढ़ कर सुनियोजित वित्तीय सेवाएं लेंगे.
नीरव चोकसी ने बताया, ‘‘भारत में सब के आर्थिक विकास और सदैव आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी भूमिका आर्थिक शिक्षा और जागरूकता की होगी. लेकिन ग्रामीण भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा आज भी सुव्यवस्थित और नियमित अर्थ व्यवस्था से कोसों दूर है. यह देखते हुए सब का आर्थिक विकास एक गंभीर चुनौती नजर आती है. पर यह आशा की किरण दिख रही है कि अब तक जो लाखों लोग इससे पूरी तरह और आंशिक रूप से वंचित थे आज नकद लेनदेन के बदले मोबाइल फोन या डिजिटल भुगतान कर रहे हैं. जन-जन के आर्थिक विकास का नया दौर शुरू हो गया है. ये डिजिटल समाधान सस्ते और कारगर हैं पर पूरी तरह तभी सफल और जन-जन के लिए सुलभ होंगे जब पूरे देश भर में आर्थिक साक्षरता की पहल प्राथमिकता बनेगी.
यह देख कर आर्थिक साक्षरता बढ़ने का भरोसा हो गया है कि देश के अग्रणी बैंक वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और अंततः सब के आर्थिक विकास के लक्ष्य से विशेष आर्थिक शिक्षा केंद्र खोल रहे हैं. ऐसे में क्रेडएबल में हमारा मानना है कि जन-जन को वित्तीय साक्षर बनाने का एक सुनियोजित देशव्यापी कार्यक्रम हो जो वित्तीय बाजारों की सही मायनों में सफलता और इमानदारी बढ़ाने के लिए अत्यतं महत्वपूर्ण प्रतीत होता है. हम व्यवसाय जगत के लिए वित्त और उपलब्ध अवसर के बीच सेतु का काम कर रहे हैं. आदि से अंत तक उपयोगी डिजिटल समाधान पेश कर वित्त और अवसर के बीच सेतु बन कर वित्त एवं विकास संबंधी व्यवसाय संगठनों की जरूरतें पूरी कर रहे हैं. एमएसएमई को डिजिटल क्षमताओं से अवगत करने से लेकर सोच-समझ कर वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम बनाने तक हम पूरे देश में वर्किंग कैपिटल की चुनौतियां कम कर रहे हैं. और यह तो बस एक शुरुआत है.
इस संबंध में कॉइनस्विच के सह-संस्थापक और सीओओ विमल सागर तिवारी ने ठीक ही कहा कि शिक्षा किसी फ्लाईव्हील की तरह प्रभावी होती है जो भारत को इनोवेटरों का देश बनाती है. ‘‘क्षमता विकास का सर्वश्रेष्ठ प्रयास शिक्षा देना है. उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के फ्लाईव्हील प्रभाव से आज भारत इंजीनियरों और उद्यमियों का देश कहलाता है और इसकी बदौलत हमारी अर्थव्यवस्था छलांग लगाते हुए पश्चिमी देशों से भी आगे निकलने वाली है.
भारत के वित्तीय आंकड़े काफी प्रभावित करने वाले हैं. आज प्रति माह 11 अरब से अधिक यूपीआई लेनदेन, 80 मिलियन से अधिक क्रेडिट कार्ड धारक और पूंजी बाजार में पहले से कहीं अधिक निवेशक हैं. डीमैट खातों की संख्या 130 मिलियन पार कर गई है. वित्तीय सुलभता बड़ी तेजी से बढ़ी है. बेशक यह अत्यधिक लाभदायक है और इसलिए भी स्कूलों में वित्तीय साक्षरता पर जोर देना समय की मांग है.
वर्तमान में चार में सिर्फ एक भारतीय नागरिक आर्थिक रूप से साक्षर है. वित्तीय उत्पादों के बारे में जागरूकता की कमी लाजमी है. इतना नहीं वित्तीय उत्पादों के जोखिमों और लाभों की समझ भी बहुत कम है जो काफी महंगी पड़ सकती है. खास कर यह देखते हुए कि 1.4 अरब की आबादी वाला हमारा मजबूत देश तेजी से डिजिटलीकरण कर रहा है, जागरूकता बढ़ाना जरूरी है.
एक आधुनिक भारत के लिए वित्तीय साक्षरता पर विशेष ध्यान देना होगा. स्कूल ही नहीं, हर वित्तीय उत्पाद और निवेश के प्लैटफॉर्म भी यह भूमिका निभाए. जाहिर है, फिनटेक प्रोडक्ट के यूजरों की वित्तीय शिक्षा पर निवेश करना देश की प्राथमिकता हो.’’
क्रेडिलियो फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ श्री आदित्य गुप्ता ने कहा, “क्रेडिलियो इस मामले में भारत के युवाओं की वित्तीय जरूरतों को पूरा कर बड़ा योगदान देता है. उनके लिए सुरक्षित क्रेडिट कार्ड पेश करता है ताकि वे न केवल वित्तीय जिम्मेदारी समझें बल्कि सुरक्षित वित्तीय भविष्य की नींव रखें.
“भारतीय युवा निरंतर विकास कर रहे हैं. वे कम उम्र से पैसा कमाने और खर्च करने लगे हैं. वित्तीय रूप से काफी समझदार हैं. अक्सर डिजिटल भुगतान करते हैं, जिसका श्रेय यूपीआई को देना होगा.
क्रेडिलियो का क्रेडिट कार्ड सुरक्षित है. यह देश के युवाओं को सशक्त बना रहा है. यह उनका पहला ‘लाइफस्टाइल फाइनैंशियल प्रोडक्ट’ है जिसका सही इस्तेमाल कर वे क्रेडिट स्कोर दर्ज करते हैं. क्रेडिलियो ने उनकी निजी जरूरतें पूरी करने के साथ एक विशिष्ट लक्ष्य रखा है - युवाओं को क्रेडिट कार्ड का लाभ देने के साथ-साथ अच्छा क्रेडिट प्रोफ़ाइल और स्कोर दर्ज करने का अवसर देना. क्रेडिट कार्ड के संग उनका यह सफर 18 साल की उम्र से ही शुरू हो सकता है. इससे ठोस वित्तीय नींव पड़ेगी जहां भविष्य में बेहतर अवसर मिलेंगे.
क्रेडिलियो में हम ने बतौर चुनौती युवाओं को वित्तीय सक्षम बनाने की शुरुआत की. उनके लिए उत्साहवर्धक, सुरक्षित क्रेडिट कार्ड तैयार किया जो विशेष रूप से कॉलेज के छात्रों के लिए है जो सुरक्षित वित्तीय भविष्य बनाने के इच्छुक हैं. हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह इनोवेटिव प्रोडक्ट हमारे युवाओं के लिए पहला कदम होगा जो उन्हें एक उज्जवल वित्तीय भविष्य की ओर ले जाएगा. यह एक लंबे सफर के लिए सोच-समझ कर लिया गया पहला कदम होगा.’’
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते हुए इन उद्योग प्रमुखों ने भारत के सुनहरे आर्थिक भविष्य में वित्तीय शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका की कुछ मिसालें दी है. उनका यह साझा प्रयास वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और एकजुट हो कर एक ऐसे उज्जवल वित्तीय परिदृश्य बनाने की प्रतिबद्धता है जिसमें अधिक से अधिक लोग आर्थिक विकास की मुख्य धारा में शामिल किए जाएंगे.