दुनियाभर में घट रही अरबपतियों की संख्या लेकिन भारत में बढ़ी, रेखा झुनझुनवाला टॉप पर

साल 2023 की M3M Hurun Global Rich List के अनुसार, दुनियाभर में अरबपतियों की संख्या में 8 फीसदी की गिरावट देखी गई है जबकि भारत के 16 कारोबारी अरबपतियों की सूची में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं.

दुनियाभर में घट रही अरबपतियों की संख्या लेकिन भारत में बढ़ी, रेखा झुनझुनवाला टॉप पर

Wednesday March 22, 2023,

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एक तरफ जहां दुनियाभर में अरबपतियों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है तो वहीं भारत में अरबपतियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. यही कारण है कि साल 2023 की M3M Hurun Global Rich List में नए अरबपतियों को जोड़ने के मामले में भारत तीसरे पायदान पर कब्जा जमाने में कामयाब रहा.

साल 2023 की M3M Hurun Global Rich List के अनुसार, दुनियाभर में अरबपतियों की संख्या में 8 फीसदी की गिरावट देखी गई है जबकि भारत के 16 कारोबारी अरबपतियों की सूची में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं.

भारत के वारेन बफेट कहे जाने वाले दिवंगत कारोबारी राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा राकेश झुनझुनवाला और परिवार, 2023 की हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट में शीर्ष 16 नए भारतीय अरबपतियों की सूची में सबसे ऊपर है. रेखा झुनझुनवाला को अपने दिवंगत पति राकेश झुनझुनवाला से एक स्टॉक पोर्टफोलियो विरासत में मिला.

वैश्विक स्तर पर 2023 एम3एम हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट में दुनियाभर के 18 इंडस्ट्रीज और 99 शहरों से 176 नए चेहरे शामिल हुए.

भारतीय अरबपतियों ने पिछले पांच सालों में अपनी कुल संपत्ति में लगभग 360 बिलियन डॉलर जोड़े हैं. सूची में कहा गया है कि 360 अरब डॉलर का आंकड़ा हांगकांग के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है.

विश्व स्तर पर अरबपतियों की कुल संख्या पिछले साल 2022 में 3,384 से गिरकर 2023 में 3,112 अरबपति हो गई. ये अरबपति 69 देशों से हैं और कुल मिलाकर 2,356 कंपनियों के मालिक हैं.

एम3एम हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट में अप्रवासी अरबपतियों का अनुपात पांच वर्षों की अवधि में लगभग आधा (2018 में 23 प्रतिशत से 2023 में 14 प्रतिशत) हो जाने के कारण देशी अरबपतियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है.

भारत में रहने वाले अरबपतियों की संख्या व्यापक बाजार सूचकांक के प्रदर्शन के अनुरूप लगभग दोगुनी हो गई है, जिसमें पिछले वर्ष के दौरान 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि पिछले दशक में अधिकांश संपत्ति निवासी भारतीयों द्वारा बनाई गई थी.

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Edited by Vishal Jaiswal