इंडिया में 12% CAGR की दर से बढ़ रही गेमर्स की संख्या, अगले 2 सालों में 70 करोड़ छू सकता है आंकड़ा
डेन्त्सु की गेमिंग रिपोर्ट इंडिया 2022-फॉर दी गेम नाम की एक रिपोर्ट में इंडियन गेमिंग इंडस्ट्री का आउटलुक जारी किया है. उसके मुताबिक ईस्पोर्ट्स और स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म्स के विस्तार के साथ गेमिंग में खेलने वालों के साथ-साथ दर्शकों के लिए भी स्पेस बन गया है.
इंडियन गेमिंग मार्केट दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले गेमिंग मार्केट्स में से एक है. कोविड में लगे लॉकडाउन की वजह से गेमिंग इंडस्ट्री को एकाएक बड़ी ग्रोथ देखने को मिली. लॉकडाउन के दौरान गेमर्स की संख्या उस अनुमान से बढ़कर दोगुनी हो गई जो लॉकडाउन से पहले रहने का अंदाजा लगाया गया था.
गेमिंग इंडस्ट्री के बदलते परिदृश्य को पर डेन्त्सु ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें इस इंडस्ट्री से जुड़े कई अहम जानकारियों को बताया गया है. आइए एक नजर डालते हैं रिपोर्ट के नतीजों पर.
डेन्त्सु की गेमिंग रिपोर्ट इंडिया 2022-फॉर दी गेम नाम की एक रिपोर्ट कहती है कि भारतीय गेमर्स की संख्या 12 फीसदी कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) की दर से बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 700 मिलियन पर पहुंच सकती है जो वित्त वर्ष 2020-21 में 507 मिलियन रही थी. कुल गेमर्स की संख्या में 46 फीसदी महिलाएं हैं.
इसके अलावा रिपोर्ट बताती है कि रियल मनी गेम यानी पैसे लगाकर होने वाले गेम्स के पास कुल मार्केट साइज का 57 फीसदी हिस्सा है. मगर इन-ऐप बाइंग की वजह से आने वाले समय में यह ग्रोथ 34 फीसदी CAGR की दर से हो सकती है.
वित्त वर्ष 2022 में पेड यूजर्स की संख्या 129 मिलियन थी, 24 फीसदी कनवर्जन रेट दिखाती है यानी ये ऐसे यूजर्स थे जिन्होंने फ्री वर्जन खेलने के बाद पर्चेज करके गेम खेला.
डेन्त्सु गेमिंग की लीड और कैरेट इंडिया की सीईओ अनिता कोटवानी ने कहा, गेमिंग को लेकर पहले से ही काफी क्रेज है, मेटावर्स आने के साथ गेमर्स की संख्या और बढ़ेगी ही. इसलिए ऐडवर्टाइजर्स के पास जबरदस्त मौके हैं.
ईस्पोर्ट्स और स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म्स के एक्सपैंशन के साथ गेमिंग में दर्शकों के लिए स्पेस बन गया है. गेमिंग प्लैटफॉर्म्स अब सोशल कनेक्शन और सेल्फ एक्सप्रेशन का जरिया बन चुके हैं.
ग्लोबल लेवल पर बात करें तो इंडिया में जो खेल सदियों से चले आ रहे हैं उन्हें रमी और तीन पत्ती जैसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स ने और बढ़ावा दिया है. बोर्ड गेम लूडो और उनो जैसे गेम्स को भी अलग-अलग उम्र के लोगों के बीच लोकप्रियता मिली है. लेकिन एक हॉबी के तौर पर गेमिंग में जाना चाहते हैं तो ये महंगा कदम हो सकता है.
औसतन एक हार्डकोर गेमर औसतन 6500 रुपये एक्सेसरीज और बाकी की चीजों पर खर्च करता है ताकि उसे अव्वल दर्जे का गेमिंग एक्सपीरियंस मिल सके. ऐसे गेमर्स टीवी और ऑनलाइन भी कंटेंट देखकर कुछ कुछ नया सीखते रहते हैं.
लेकिन कभी कभार खेलने वाले यूजर्स के साथ कुछ अलग मसला है. संख्या के लिहाज से इनकी आबादी यकीनन ज्यादा है मगर ये लोग ज्यादातर टाइम अपने स्मार्टफोन को ही गेमिंग डिवाइस की तरह इस्तेमाल करते हैं.
Edited by Upasana