कौन है ये महिला, जो पिछले एक महीने से 15 गांवों में बांट चुकी है मुफ्त में 50 क्विंटल सब्जी
उड़ीसा की छायारानी साहू लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही पिछले एक महीने से 15 गांवों को मुफ्त सब्जी और दूध बांट रही हैं।
चाहे वह आम आदमी हो, कॉरपोरेट्स, एनजीओ या सरकार, इन कठिन समय में अधिक से अच्छा करने के लिए कई पहल की गई हैं। गौरतलब है कि भारत में प्रवासी मजदूरों और दैनिक ग्रामीणों की विशाल संख्या कोरोनोवायरस महामारी के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुई है।
जबकि उनमें से अधिकांश भारत के ग्रामीण इलाकों से संबंधित हैं और वर्तमान में विभिन्न राज्यों में बिना किसी साधन के फंस गए हैं। इन सब के बीछ ओडिशा के एक किसान छायारानी साहू अपनी सब्जी की उपज मुफ्त में जरूरतमंदों को बांट रही हैं। वे 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 15 गांवों में अपने परिवार के साथ मिलकर यह प्रयास कर रही हैं।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होने कहा,
“लोग प्रधान मंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दे रहे हैं। चूंकि मेरे पास नकदी नहीं है, इसलिए मैंने ग्रामीणों के बीच अपने खेत से सब्जियां वितरित करके समाज में योगदान करने का फैसला किया। यह मुझे बहुत खुशी देता है क्योंकि लोग मेरे प्रयास की सराहना करते हैं और मेरे बच्चों को आशीर्वाद देते हैं।"
एक महीने में छियारानी और उनके परिवार ने राज्य के भद्रक जिले में बासुदेवपुर नगरपालिका के भैरबपुर, अलागा, लुंगा, ब्राह्मणगाँव, बिनायकपुर और अन्य गाँवों में 50 क्विंटल ताज़ी सब्जियाँ वितरित की हैं। वह टमाटर, कद्दू, बैंगन, भिंडी, गाजर, बीट, हरी मिर्च और साथ ही पालक जैसी सब्जियों का वितरण करती है।
उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया,
“मैं लॉकडाउन से पहले भी ऐसा कर रही थी। जब भी लोगों को जरूरत होती है, मैं उन्हें सब्जियां और दूध बांटकर मदद करती हूं। लोग सब्जी लेने के लिए घर आते थे। इसके अलावा, मैं विभिन्न यज्ञों (अनुष्ठानों) के लिए एक से दो किलोग्राम घी भी देती हूं और उन वरिष्ठ नागरिकों के बीच दूध वितरित करता हूं, जिनके पास मवेशी नहीं हैं।”
भद्रक जिले के कुरुडा नामक एक गाँव से निकलकर छियारानी पिछले 20 वर्षों से अपने सात एकड़ के खेत में सब्जियाँ उगा रही हैं। इसके अलावा वह 20 गायों का पालन-पोषण करती है और साथ ही डेयरी फार्मिंग के जरिए जीविकोपार्जन करती है। उनके पति सर्वेश्वर साहू भी उनके प्रयासों में उनकी सहायता करते हैं और एक दूध सोसाइटी भी चलाते हैं।
पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से कुछ प्रवासी मजदूरों के ओडिशा में प्रवेश करने के बाद राज्य में फैले कोरोनोवायरस के लिए भद्रक जिला एक नया आकर्षण का केंद्र बन गया है। सोमवार तक ओडिशा में लगभग 108 पॉजिटिव COVID-19 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें एक की मौत हुई है।