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दिल्ली-एनसीआर में रियल-टाइम स्ट्रीट-लेवल एयर क्वालिटी को मापने के लिए रिसर्च पार्टनर बने ओला और माइक्रोसॉफ्ट

दिल्ली-एनसीआर में रियल-टाइम स्ट्रीट-लेवल एयर क्वालिटी को मापने के लिए रिसर्च पार्टनर बने ओला और माइक्रोसॉफ्ट

Thursday November 21, 2019 , 3 min Read

ओला और माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च ने वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने, सरकार के प्रयासों को समर्थन देने और दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी पर स्ट्रीट-लेवल डेटा को मापने के लिए एक साझेदारी की है।


इस साझेदारी के हिस्से के रूप में, ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट और माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च संयुक्त रूप से रिसर्च करने और एकत्र आंकड़ों के आधार पर आवधिक रिपोर्ट और अंतर्दृष्टि प्रकाशित करने के लिए अपनी मजबूत रिसर्च और डेटा साइंस क्षमताओं का सहारा लेंगे। इस महीने में शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट से दिल्ली के वायु प्रदूषण में भिन्नता के स्पेक्ट्रम का निरीक्षण करने के लिए एक वर्ष के दौरान लाखों डेटा प्वाइंट्स के संग्रह को शामिल किए जाने की उम्मीद है।


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सांकेतिक फोटो

एक जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) पर डेटा ओला के फ्लीट पर लगे सेंसर के माध्यम से एकत्र किया जाएगा, जिसके लिए कारों की पहचान एक जटिल एल्गोरिदम के आधार पर की गई हैं ताकि डेटा की अधिकतम भौगोलिक कवरेज सुनिश्चित की जा सके। इंजन के डिब्बे में लगाए जाने वाले सेंसर को दिल्ली की एक कंपनी प्यूरोलॉजिक लैब्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कस्टम-मेड बनाया गया है।


माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया के उप प्रबंध निदेशक वेंकट पद्मनाभन ने कहा, “माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया में, हमारे पास रिसर्च करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसे इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के जरिए सामाजिक मुद्दों एड्रेस करने के लिए जाना जाता है। क्लाउड और एआई (एससीएआई) पहल के माध्यम से सामाज में प्रभाव डालने वाले हमारे हालिया लॉन्च हमें समान विचारधारा वाले सहयोगियों के साथ हमारी इंगेजमेंट को गहरा करने में सक्षम बनाते हैं। हम वायु प्रदूषण की महत्वपूर्ण चुनौती पर ओला के साथ भागीदारी करने के लिए उत्साहित हैं। देशभर में उनकी (ओला) पहुंच और IoT- बेस्ड सेंसिंग और AI जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में हमारी विशेषज्ञता के साथ हम इस मुद्दे से निपटने के लिए तैयार हैं।"


इस परियोजना में शिक्षाविदों, वायु प्रदूषण पर महत्वपूर्ण विचारकों, और सरकारी हितधारकों की गहरी रुचि पैदा हुई है। स्ट्रीट-लेवल के डेटा को सरकारों और पर्यावरणविदों के मौजूदा प्रयासों के पूरक और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनकी बड़ी योजनाओं में फीड करने की उम्मीद है।





प्रेस रिलीज में कहा गया है कि एकत्र किए गए डेटा को डैशबोर्ड और रिपोर्ट के रूप में सार्वजनिक किया जाएगा और रॉ डेटा को भी इस क्षेत्र में रिसर्च को सपोर्ट करने के लिए ओपन डेटा के रूप में प्रदान किया जाएगा।


साझेदारी के बारे में, ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट के प्रमुख आनंद शाह ने कहा,

“वायु प्रदूषण आज की सबसे बड़ी वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है। अधिकांश एयर-क्वालिटी वाले सेंसर आज परिवेशी वायु गुणवत्ता को मापते हैं, जो कि स्ट्रीट-लेवल के प्रदूषण को नहीं जांच पाते हैं, जहां लोग दैनिक आधार पर रहते हैं। यह प्रोजेक्ट ओला सिटी सेंस का हिस्सा है, जो शहरों को इंटेलीजेंट डेटा-आधारित अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम है। हमें विश्वास है कि इस अध्ययन से प्राप्त डेटा ज्ञान के एक नए आयाम को जोड़ेगा और हाइपर-लोकल रणनीतियों के माध्यम से समस्या का बेहतर तरीके से मुकाबला करने में मदद करेगा।”

यह डेटा, ट्रैफिक और स्पीड के डेटा के साथ, शहर में एडवर्स एयर क्वालिटी हॉटस्पॉट के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है। इस प्रोजेक्ट में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए अन्य शहरों में दोहराया जाने की क्षमता है।