न्यायालय की अवमानना के लिए इन मामलों में आईएएस अफ़सरों को जेल भेजने का आदेश निकल चुका है
इस हफ़्ते, 6 जून 2022 को, कर्नाटक हाई कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना के लिए आईएएस अधिकारियों को जेल भेजने के बारे में टिप्पणी की. पूर्व में ऐसा हो भी चुका है.
इस हफ़्ते की शुरुआत में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा अब समय आ गया है कि यदि कोई आईएएस ऑफ़िसर न्यायालय की अवमानना करे तो उसे जेल भेज दिया है. कोर्ट आईएएस अधिकारियों द्वारा कोर्ट के आदेशों की पालना न करने पर विचार कर रहा था.
चीफ़ जस्टिस रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली डिविज़न बेंच ने नगरपालिकाओं के सी और डी समूहों के पदों को मिलाने के सम्बंध में वर्तमान नियमों में बदलाव के लिए आदेश दिये थे जिनकी अनुपालना नहीं की गयी और उसी के सम्बंध में अपना पर्यवेक्षण रखते हुए कोर्ट ने जेल भेजे जाने वाली टिप्पणी थी. अतिरिक्त मुख्य सचिव [नगर विकास] और सुश्री अर्चना, निदेशक [म्यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन] पिछली सुनवाई में जारी निर्देशों के तहत कोर्ट में मौजूद थे.
कर्मचारियों के एक संघ ने उनके विरुद्ध अवमानना के लिए याचिका दायर की थी. उक्त अधिकारियों को कोर्ट के आदेश का दो महीने के भीतर पालन करना था जो उन्होंने नहीं किया था.
इन मामलों में जेल भेजने का आदेश निकल भी चुका है
महीना भर पहले इसी साल मई में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक विशिष्ट मुख्य सचिव समेत तीन आईएएस अधिकारियों को न्यायालय की अवमानना का दोषी मानते हुए जेल भेजने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अक्टूबर 2019 में एक अभ्यर्थी के आवेदन को ग्राम विकाम सहायक [ग्रेड 2] के पद के लिए विचार करने का आदेश दिया था जिसका सम्बंधित अधिकारी निश्चित समय में पालन नहीं कर पाये थे.
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने ही मार्च 2022 में आठ IAS अधिकारियों को एक स्कूल बिल्डिंग में ग़ैर-शैक्षणिक निर्माण कार्य में रोकने संबंधी कोर्ट आदेश की पालना में विफलता के लिए अवमानना का दोषी मानते हुए जेल भेजने का आदेश दिया था. अधिकारियों द्वारा क्षमा याचिका के बाद कोर्ट ने जेल जाने से राहत दे दी थी लेकिन इसके बदले में उन्हें एक साल तक हर महीने सरकार द्वारा चलाए जा रहे छात्रावासों में खाना सर्व करने की सजा सुनाई गयी थी. इस सजा और इसको लागू करने के तौर तरीक़ों को लेकर तब सेवानिवृत आईएएस अधिकारियों ने असंतोष व्यक्त किया था.
इससे पूर्व ज़मीन के एक मामले में भी पाँच अधिकारियों को अवमानना के लिए आंध्र हाई कोर्ट द्वारा जेल भेजने का आदेश दिया गया था.
Edited by Giriraj Kiradoo