पार्ट-2: सावधान! अब बच नहीं पाएंगे धोखेबाज एनआरआई दूल्हे
एनआरआई परित्यक्ताओं को न्याय दिलाने की दिशा में केंद्र सरकार ने कानून (द रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरेज ऑफ नॉन रेजिडेंट इंडियन बिल) बनाकर एक मजबूत पहल की है। साथ ही पीड़ितों के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है। विदेश जाकर चुपचाप दूसरी शादी रचा लेने वाले धोखेबाजों की अब भारतीय संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
हमारे देश की हजारों महिलाए दहेज, घर निकाला, तलाक, सम्बंध विच्छेद आदि के दंश तो मुद्दत से झेल ही रही हैं, तमाम प्रवासी भारतीय भी, आधी आबादी के दर्द की एक और अंतहीन दास्तान लिख रहे हैं, जिन्हें इतिहास कभी क्षमा नहीं करेगा। देश में ऐसी परित्यक्ता महिलाओं की संख्या सौ-पचास नहीं, बल्कि 25 हजार से अधिक हो चुकी है। कोर्ट, सरकार और पुलिस की तरफ से इस दिशा में न्याय दिलाने की कोशिशें भी चल रही हैं, लेकिन ऊंट के मुंह में जीरे की तरह। इसी दिशा में अभी पिछले महीने अप्रैल 2019 में भिवानी (हरियाणा) के एक ऐसे ही एनआरआई पति के खिलाफ मुंबई की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है।
संक्षिप्त घटनाक्रम के अनुसार 22 नवंबर, 2011 को गांव रूपगढ़ निवासी पंकज यादव ने गांव दिनोद निवासी नीरज रानी यादव से शादी रचाई और लंदन चला गया। वहां जाकर उसने दो महीने में ही एक विदेशी युवती से दूसरी शादी रचा ली। इतना नहीं, उसने वहीं से भिवानी के गांव देवसर स्थित पीएनबी बैंक में अपनी मां के साथ फर्जी तरीके से ज्वाइंट अकाउंट भी खुलवा लिया। स्थानीय पुलिस ने उसकी मां के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। शादी से पहले नीरज का परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया था। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पनवेल की न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में घरेलू हिंसा का मामला चला।
अब मुंबई की अदालत ने पंकज यादव की जमीन नीलाम कर पहली पत्नी नीरज रानी को खर्च की भरपाई करने के लिए 10 लाख 20 हजार रुपये दिलाने का आदेश भिवानी जिला प्रशासन को दिया है। हैरत की बात है कि आरोपी एनआरआई पति पांच साल के दौरान एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुआ। यहां तक कि गृह मंत्रालय के प्रयास के बाद भी उसकी इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
इसी क्रम में गुजरात का एक अजीब तरह का घटनाक्रम सामने आया है। कैलिफोर्निया (यूएसए) में रह रहे आरोपी एनआरआई पति और शिकायत करने वाली महिला डिवॉर्स के बाद भी एक साल से साथ रह रहे थे। 46 वर्षीय महिला गुजरात के वडोदरा में अकाउंटेंट हैं, जिन्होंने जुलाई 2018 में में अपने पूर्व पति के खिलाफ दोबारा शादी का झांसा देकर संबंध बनाने का आरोप लगाया था। एनआरआई पति ने उत्पीड़न का आरोप लगाकर दावा किया कि उसकी पूर्व पत्नी को इस बात की भनक लग गई थी कि वह किसी दूसरी महिला से शादी करने जा रहा है।
वडोदरा महिला पुलिस स्टेशन पर एफआईआर दर्ज होने के बाद यूएस बेस्ड पति ने गुजरात हाईकोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए, साथ ही साथ उसे गिरफ्तार न करने को कहा। इस अजीबोगरीब स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने दोनों पार्टियों को समझौता करने को कहा लेकिन पूर्व दंपति ऐसा करने में असफल रहे। दूसरी ओर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर कर ली थी। इस दंपति से कैलिफोर्निया में वर्ष 2007 में एक बेटी हुई। कलह के चलते दोनों ने 2015 में अलग होने का फैसला ले लिया। तलाक के बाद भी दोनों यूएसए में साथ रहने लगे। अब महिला ने एनआरआई पति के खिलाफ रेप और शीलभंग का आरोप लगाया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने ऐसे मामलों के लिए एक सख्त कानून बनाने की पहल की है। कुछ माह पूर्व राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ‘द रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरेज ऑफ नॉन रेजिडेंट इंडियन बिल’ पेश किया था कि अगर कोई एनआरआई अपनी पत्नी को शादी के बाद ठगकर विदेश में भारतीय कानून की अनदेखी करता है तो उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों के रजिस्ट्रार ऑफिस से कहा गया है कि वह शादी के सभी रजिस्ट्रेशन को मंत्रालय की वेबसाइट से जोड़ें।
बिल के पास होने के बाद एनआरआई शादी में उत्पीड़न या धोखे की शिकार महिला के लिए यह सिंगल विंडो सिस्टम का काम करेगा। शादी के 30 दिनों के अंदर हर एनआरआई को उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। अगर वह विदेश में रहने वाली किसी एनआरआई महिला से शादी करता है तो वहां भी शादी के 30 दिनों में वहां के अधिकारी के पास रजिस्टर्ड कराना होगा। अगर कोई एनआरआई शादी रजिस्टर्ड कराए बिना विदेश चला जाता है तो विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उसे नोटिस मिलेगा और माना जाएगा कि उसे यह नोटिस मिल गया है और इस आधार पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
प्रावधान है कि एक खास समयसीमा के भीतर आरोपी एनआरआई को पेश होने का नोटिस मिलेगा जिसके अंदर उसे पेश होना होगा। अगर नहीं हुए तो गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो सकता है। अगर कोर्ट के बुलाने पर भी नहीं पेश होता तो आरोपी को भगोड़ा घोषित किया जाएगा। इसके बाद उसकी संपत्ति जब्ती और पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पिछले तीन वर्षों (जनवरी 2015 से नवंबर 2017 के बीच) ऐसी 3,328 शिकायतें विदेश मंत्रालय पहुंच चुकी हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मामलों की तादाद इसलिए तेजी से बढ़ी है कि बड़ी संख्या में विवाहित-अविवाहित युवा विदेश जाकर नौकरियां करने लगे हैं। उनमें से कई एक युवा आधुनिक चकाचौंध, पाश्चात्य सब्जबाग के झांसे में भारत में एक पत्नी के रहते हुए विदेशी युवतियों से चुपचाप शादियां रचा ले रहे हैं। लगातार ऐसे मामले बढ़ते जाने से ऐसे धोखेबाज एनआरआई के खिलाफ केंद्र सरकार उनकी संयुक्त संपत्ति का हिस्सा जब्त कर लेना चाहती है। साथ ही उनके पासपोर्ट भी जब्त या रद्द किए जा सकते हैं।
एनआरआई पतियों के धोखा देने के चलन पर रोक के लिए केंद्रीय मंत्रियों के समूह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सीआरपीसी, विवाह पंजीकरण अधिनियम और पासपोर्ट नियमों में संशोधन की पहल की है। विदेश मंत्रालय एक ऐसा पोर्टल बना रहा है, जिस पर फरार एनआरआई पतियों के खिलाफ जारी समन, वारंट तामील किया जा सकेगा और अगर आरोपी इस पर कोई जवाब नहीं देता है तो उसे वांछित अपराधी घोषित कर और उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी।
इस तरह के पोर्टल के लिए दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया जाएगा। इस संशोधन के बाद जिला अधिकारी पोर्टल पर अपलोड किये गये समन और वारंट को ‘तामील किया गया’ मानते हुए स्वीकार करेंगे। कानून मंत्रालय, विधानसभा, गृह मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस प्रस्ताव पर सहमति जता चुका है।
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