देश में रोजगार बढ़ाने के लिए नए टेक स्टार्टअप्स में 500 करोड़ निवेश करेगा पेटीएम
ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम ने डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए उठाया ये कदम
देश की सबसे लोकप्रिय ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम ने सोमवार को कहा कि वह कुछ नए स्टार्टअप्स में 500 करोड़ रुपये का निवेश करने पर विचार कर रही है।
कंपनी का उद्देश्य डिजिटल इकोसिस्टम को तेजी से आगे ले जाना है। कंपनी ने कहा कि वह नए इनोवेशन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित टेक्नॉलोजी और बिग डाटा सॉल्यूशन पर फोकस करेगी ताकि एक बड़े स्तर पर रोजगार उत्पन्न हो सकें।
अपने एक बयान में पेटीएम ने कहा,
'कंपनी ने अर्ली स्टेज स्टार्टअप (वे स्टार्टअप जो अपने शुरुआती दौर में हैं) में 500 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। यह निवेश ऐसे स्टार्टअप्स में किया जाएगा जो डिजिटल इकोसिस्टम में पूरक तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं।' कंपनी ने कहा कि वह तेजी से बढ़ते इंटरनेट पर एआई के मामले में दबदबा कायम करना चाहती है। पेटीएम के डेप्युटी चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर विकास गर्ग ने कहा, 'हम डिजिटल क्रांति के फायदों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के राष्ट्रीय मिशन को पूरा करने में लगे हुए हैं। हमने ऐसे स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी की है जिनमें आने वाले समय में डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करने की क्षमता है।'
उन्होंने आगे कहा,
'पेटीएम का मानना है कि भारत का आंत्रप्रन्योर प्रणाली इनोवेटिव है और तेजी से आगे बढ़ रही है। हमारा यह निवेश इस तरफ इशारा कर रहा है।'
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि देखा जाए तो हम हर साल अलग-अलग कंपनियों और प्रोपर्टीज में 200 से 250 करोड़ रुपये निवेश करते हैं ताकि पूरक तकनीकी कंपनियां तैयार हो सकें। इन कंपनियों में इनसाइडर, नियरबाय, लॉजिकनेक्सट, हंगर बॉक्स, रिक्रूटर ग्रिड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
हाल ही में नियरबाय कंपनी के सीईओ अंकुर वेरिको ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि नवंबर 2019 में वह कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा देंगे और बोर्ड मेंबर और शेयर होल्डर के तौर पर कंपनी के साथ बने रहेंगे। वेरिको ने पोस्ट में लिखा था कि नियरबाय के को-फाउंडर रवि शंकर नए सीईओ और स्नेहेष मित्रा सीओओ बनेंगे।
आपको बता दें, दिसंबर 2017 में पेटीएम ने नियरबाय और लिटिल को खरीदकर दोनों को मर्ज (एक) कर दिया था। नियरबाय देश के 35 शहरों में काम करता है। देश की 1 लाख से अधिक लोकेशन पर इसके 50 हजार से अधिक व्यापारी हैं।