Paytm का शेयर दो दिन में 16% गिरकर नए रिकॉर्ड लो पर, जानें क्या है एक्सपर्ट्स की राय
बुधवार को Paytm का शेयर BSE पर 5.20 प्रतिशत टूटकर 452.30 रुपये और NSE पर 5.62 प्रतिशत गिरकर 450 रुपये पर बंद हुआ है.
की पेरेंट कंपनी One 97 Communications का शेयर गिरकर नए रिकॉर्ड लो पर आ गया है. पेटीएम का शेयर पिछले दो दिनों में 16 प्रतिशत से ज्यादा टूटा है. इसकी वजह मैक्वेरी रिसर्च की एक चेतावनी है. दरअसल मैक्वेरी रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि Reliance Industries के स्वामित्व वाली Jio Financial Services (JFS) वित्तीय सेवा देने वाली भारत की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है. इससे पेटीएम और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों के लिए ग्रोथ व मार्केट शेयर को लेकर बड़ा रिस्क पैदा हो सकता है.
बुधवार को पेटीएम का शेयर बीएसई पर 5.20 प्रतिशत टूटकर 452.30 रुपये और एनएसई पर 5.62 प्रतिशत गिरकर 450 रुपये पर बंद हुआ है. पूरे दिन के कारोबार में शेयर बीएसई पर 440.35 रुपये तक भी गया था, जो इसका रिकॉर्ड लो है. पेटीएम का मार्केट कैप घटकर 29,361.31 करोड़ रुपये रह गया है.
एक दिन पहले कितना गिरा था
एक दिन पहले मंगलवार को बीएसई पर Paytm की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का शेयर 11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 477.10 रुपये पर बंद हुआ था. दिन में यह 474.30 रुपये के रिकॉर्ड लो पर आ गया था. वहीं एनएसई पर शेयर 11.44 प्रतिशत टूटकर 475.55 रुपये पर बंद हुआ था.
क्या करें निवेशक
Proficient equities Private limited के फाउंडर व डायरेक्टर मनोज कुमार डालमिया का कहना है कि पेटीएम के शेयर, वीकली टाइमफ्रेम में कमजोर दिख रहे हैं. इसकी गिरावट की जर्नी 292 रुपये के स्तर तक आने तक जारी रह सकती है. निवेशक इस स्टॉक को खरीदने से बच सकते हैं क्योंकि उन्हें आगे नुकसान हो सकता है. Share India के वाइस प्रेसिडेंट और हेड आॅफ रिसर्च रवि सिंह का मानना है कि बड़े फंडों द्वारा शेयरहोल्डिंग की लगातार डंपिंग के बीच पेटीएम शेयर की कीमत में बिकवाली जारी रह सकती है. प्री-आईपीओ निवेशकों द्वारा बिकवाली का यह दबाव जल्द ही बंद होने की संभावना नहीं है.
नवंबर 2021 में लिस्ट हुई थी Paytm
पेटीएम ने नवंबर 2021 में शेयर मार्केट में डेब्यू किया था. तब से लेकर अब तक कंपनी का शेयर, लिस्टिंग प्राइस से लगभग 75 प्रतिशत गिर चुका है. पेटीएम का घाटा बढ़ता जा रहा है और सॉफ्ट बैंक ग्रुप ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी है. मैक्वेरी के विश्लेषकों के अनुसार, मुकेश अंबानी की रिलायंस के पास पहले से ही एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी का लाइसेंस है, जिसका उपयोग वह बड़े पैमाने पर उपभोक्ता और मर्चेंट लेंडिंग को किकस्टार्ट करने के लिए कर सकती है.
अक्टूबर महीने में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की थी कि वह अपनी वित्तीय सेवा इकाई को उपभोक्ता व्यवसायों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए सूचीबद्ध करेगी. यह पेटीएम के लिए एक नई चुनौती पेश करता है, जो 2021 में लाए गए अपने 2.3 अरब डॉलर के आईपीओ के फ्लॉप होने के बाद से संघर्षरत है.