BCCI का टाइटल स्पॉन्सरशिप छोड़ना चाहता है Paytm, BYJU’s पर 86 करोड़ रुपये बकाया
फिनटेक कंपनी पेटीएम ने बीसीसीआई से अपने भारत के घरेलू क्रिकेट ‘टाइटल’ अधिकार मास्टरकार्ड को देने का अनुरोध किया है. पेटीएम और बीसीसीआई के बीच मौजूदा करार सितंबर 2019 से लेकर 31 मार्च 2023 तक का है.
पेमेंट एग्रीगेटर फिनटेक कंपनी और ‘टाइटल’ प्रायोजक पेटीएम ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से घरेलू मैचों के अपने अधिकार तीसरे पक्ष को देने का अनुरोध किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, फिनटेक कंपनी पेटीएम ने बीसीसीआई से अपने भारत के घरेलू क्रिकेट ‘टाइटल’ अधिकार मास्टरकार्ड को देने का अनुरोध किया है. पेटीएम और बीसीसीआई के बीच मौजूदा करार सितंबर 2019 से लेकर 31 मार्च 2023 तक का है.
सूत्र ने कहा, ‘पेटीएम ने बीसीसीआई से प्रायोजन को किसी अन्य कंपनी को सौंपने का अनुरोध किया है और बोर्ड इस पर विचार कर रहा है.’
अगस्त 2019 में पेटीएम ने 3.80 करोड़ रुपये प्रति मैच की दर से भारत में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट के मैचों के ‘टाइटल’ प्रायोजक के तौर पर जुड़ाव चार साल के लिये बढ़ाया था.
बता दें कि, साल 2010 में बीसीसीआई की टाइटल प्रायोजक हासिल करने की रेस में 10 कंपनियां शामिल थीं. हालांकि, 2015 आते-आते केवल दो प्रायोजक माइक्रोमैक्स और पेटीएम इस रेस में बचे.
पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने तब कहा था कि उनका लक्ष्य 50 करोड़ यूजर तक पहुंचना है और ऐसे बड़े मार्केट में क्रिकेट मदद करेगा.
BYJU’s पर BCCI का 86.21 करोड़ रुपये बकाया
वहीं, दूसरी तरफ भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के स्पॉन्सर बायजूस पर कथित रूप से बीसीसीआई का 86.21 करोड़ रुपये का बकाया है.
बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की बैठक में गुरूवार को इस मुद्दे पर चर्चा की गयी. बीसीसीआई के एक सूत्र ने बैठक के बाद कहा, ‘अब तक बायजूस पर बोर्ड का 86.21 करोड़ रुपये का बकाया है.’
हालांकि, इस पर बायजूस के प्रवक्ता ने कहा कि हमने बीसीसीआई के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट आगे बढ़ाया है लेकिन अभी उस पर साइन नहीं हुआ है. कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के बाद कॉन्ट्रैक्चुअल पेमेंट टर्म्स के आधार पर पेमेंट्स किए जाएंगे. तो हमारी तरफ से कोई बकाया नहीं है.
बता दें कि, बीसीसीआई के साथ बायजूस का करार 2019 में शुरू हुआ था. 2019 में मोबाइल मैन्यूफैक्चरर ओप्पो ने अपना स्पॉन्सरशिप राइट्स ऑनलाइन ट्यूटोरियल कंपनी को ट्रांसफर कर दिया था.