परीक्षा पे चर्चा: पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, 'परीक्षा हॉल से बाहर छोड़कर जाएं सारी टेंशन'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा 2021 के दौरान विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से वर्चुअल संवाद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के पहले वर्चुअल संस्करण के दौरान स्टूडेंट्स को एग्जाम के तनाव से निपटने का मंत्र दिया। इसके अलावा उन्होंने अभिभावकों, टीचरों के भी कुछ सवालों के जवाब दिए।
पीएम मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि परीक्षा को लेकर बिल्कुल भी तनाव न लें क्योंकि यह जिंदगी का आखिरी मुकाम नहीं है। जिंदगी बहुत लंबी है। परीक्षा तो एक छोटा सा पड़ाव है। यह जीवन को गढ़ने का एक अवसर है। ऐसे में खुद को इस कसौटी पर कसने के मौके खोजते रहना चाहिए ताकि हम और बेहतर कर सकें। इससे भागना नहीं है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान छात्रों को आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया और कहा बड़े सपने रखिए व देश के लिए सोचिए।
उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए आपके पास दो घंटे हैं तो हर विषय को समान भाव से पढ़िए। पढ़ाई की बात है तो कठिन चीज को पहले लीजिए, आपका माइंड फ्रेश है तो कठिन चीज को पहले लेने का प्रयास कीजिए। कठिन को हल कर लेंगे तो सरल तो और भी आसान हो जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘खाली समय को खाली मत समझिए, ये खजाना है, खजाना। खाली समय एक सौभाग्य है, खाली समय एक अवसर है। आपकी दिनचर्या में खाली समय के पल होने ही चाहिए, वर्ना एक जिंदगी रोबोट जैसी हो जाती है। जब आप खाली समय कमाते हैं तो आपको उसकी सबसे ज्यादा कीमत पता चलती है। इसलिए आपकी लाइफ ऐसी होनी चाहिए कि जब आप खाली समय कमाएं तो वो आपको असीम आनंद दे। अपने विचार को, भावनाओं को बताने का एक क्रिएटिव तरीका दीजिए।
पीएम मोदी ने कहा, किसी को भी मोटिवेट करने का पहला पार्ट है- ट्रेनिंग। प्रोपर ट्रेनिंग एक बार बच्चे का मन ट्रेन हो जाएगा तब उसके बाद मोटिवेशन का समय शुरू होगा।
पीएम ने कहा कि सपनों में खोए रहना अच्छा लगता है। सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन सपने को लेकर के बैठे रहना और सपनों के लिए सोते रहना ये तो सही नहीं है। सपनों से आगे बढ़कर, अपने सपनों को पाने का संकल्प ये बहुत महत्वपूर्ण है। वो बातें जिनसे आप पूरी तरह से जुड़ गए हैं, मग्न हो गए हैं, वो बातें जो आपका हिस्सा बन गई हैं, आपके विचार प्रवाह का हिस्सा बन गई हैं। उन्हें आप कभी भूलते नहीं हैं।
पीएम ने बच्चों के माता-पिता, शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों पर अपने मूल्य थोपने का प्रयास न करें। बल्कि मूल्यों को खुद जीकर बच्चों को प्रेरित करने का प्रयास करें। जब आप इन मूल्यों को पुराण, हमारे इतिहास, पुरखों की बातों से जोड़ें। तब बच्चे इनसे प्रेरित होंगे, उनके आचार व्यवहार में मूल्यों को उतारना आसान हो जाएगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा, "करियर में शॉर्टकट मारना कई बार अंधकार की शुरुआत होता है। जीवन में शॉर्टकट लेने से बचना चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कोरोना काल में अगर काफी कुछ खोया है, तो बहुत कुछ पाया भी है। कोरोना की सबसे पहली सीख तो यही है कि आपने जिस चीज को, जिन-जिन लोगों को मिस किया, उनकी आपके जीवन में कितनी बड़ी भूमिका है, ये कारोना काल में ज्यादा पता चला है। कोरोना काल में एक बात ये भी हुई है कि हमने अपने परिवार में एक दूसरे को ज्यादा नजदीक से समझा है। कोरोना ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मजबूर किया, लेकिन परिवारों में इमोशनल बोंडिंग को भी इसने मजबूत किया है।’