हम भारत को आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं : पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सोमवार को कृत्रिम मेधा (एआई) पर पांच दिवसीय वैश्विक डिजिटल शिखर सम्मेलन ‘‘रिस्पांसिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर सोशल एम्पावरमेंट'' (आरएआईएसई-2020) के उद्घाटन के अवसर पर यह बातें कहीं।
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस) की कृषि, शहरी बुनियादी अधोसंरचना और आपदा प्रबंधन के तंत्र को और मजबूत करने में बहुत बड़ी भूमिका है लेकिन साथ ही सरकार से इतर पक्षों द्वारा इसके शस्त्रीकरण के खिलाफ विश्व को सुरक्षित रखना भी सुनिश्चित करना होगा।
पीएम मोदी ने सोमवार को कृत्रिम मेधा (एआई) पर पांच दिवसीय वैश्विक डिजिटल शिखर सम्मेलन ‘‘रिस्पांसिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर सोशल एम्पावरमेंट'' (आरएआईएसई-2020) के उद्घाटन के अवसर पर यह बातें कहीं।
इसका आयोजन सरकार द्वारा उद्योग और शिक्षा के साथ साझेदारी में किया जा रहा है। इसका लक्ष्य स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि क्षेत्रों में परिवर्तन करना है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं एआई की कृषि, शहरी बुनियादी अधोसंरचना और आपदा प्रबंधन के तंत्र को और मजबूत करने में बहुत बड़ी भूमिका देखता हूं।''
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा तकनीकी मंच बनाया जा रहा है जो ई-शिक्षा इकाई का निर्माण करेगा ताकि डिजिटल अधोसंरचना, डिजिटल विषय-वस्तु और क्षमता को मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि कैसे एआई का इस्तेमाल होता है। गणित के सवालों को हल करने के नियमों की प्रणाली (एल्गोरिदम) की पारदर्शिता इस विश्वास को स्थापित करने की कुंजी है। हमें ‘नॉन स्टेट एक्टर्स' द्वारा इसके शस्त्रीकरण के खिलाफ विश्व को सुरक्षित रखना भी सुनिश्चित करना होगा।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव जाति के साथ एआई का टीम वर्क पृथ्वी के लिए विस्मित करने वाले परिणाम दे सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को एआई के केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं। कई भारतीय इस दिशा में काम भी कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले दिनों में बहुत सारे लोग इससे जुड़ेंगे।''
(साभार: भाषा पीटीआई)