प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PMGKP) के तहत 42 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को मिली 68,820 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता: वित्त मंत्रालय
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की 1.70 लाख करोड़ रुपये के हिस्से के रूप में, सरकार ने महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को मुफ्त अनाज और नकद भुगतान की घोषणा की। इस पैकेज के तेजी से कार्यान्वयन की केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत लगभग 42 करोड़ गरीब लोगों को 68,820 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
8.94 करोड़ लाभार्थियों को पीएम-किसान की पहली किस्त के भुगतान के लिए 17,891 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत।
20.65 करोड़ (100%) महिला जन धन खाताधारकों को पहली किश्त के रूप में 10,325 करोड़ रुपये जमा किए गए। 20.63 करोड़ (100%) महिला जन धन खाताधारकों को दूसरी किश्त के रूप में 10,315 करोड़ रुपये जमा किए गए। 20.62 करोड़ (100%) महिला जन धन खाताधारकों को तीसरी किश्त के रूप में 10,312 करोड़ रुपये जमा किए गए।
लगभग 2.81 करोड़ बुजुगों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को दो किश्तों में कुल 2,814.5 करोड़ रुपये वितरित किए गए। इस प्रकार 2.81 करोड़ लाभार्थियों दो किश्तों में लाभ हस्तांतरित किए गए।
1.82 करोड़ भवन एवं निर्माण श्रमिकों को 4,987.18 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल 2020 में 75.04 करोड़ लाभार्थियों को 37.52 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया। मई 2020 के दौरान 74.92 करोड़ लाभार्थियों को 37.46 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया। जून 2020 के दौरान 73.24 करोड़ लाभार्थियों को 36.62 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया।
यह योजना पांच महीने यानी नवम्बर तक बढ़ा दी गई है, तब से राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा 98.31 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठान किया है। जुलाई 2020 में 72.18 करोड़ लाभार्थियों को 36.09 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया। अगस्त 2020 में 60.44 करोड़ लाभार्थियों को 30.22 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न और 7 सितम्बर 2020 तक 3.84 करोड़ लाभार्थियों को 1.92 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल-जून 2020 के बीच 18.8 करोड़ लाभार्थियों को 5.43 लाख मीट्रिक टन दालों का वितरण किया गया। यह योजना भी पांच माह के लिए नवम्बर 2020 तक चना वितरण के लिए बढ़ा दी गई है। अभी तक 4.6 लाख मीट्रिक टन चना भेजा जा चुका है। जुलाई में 1.03 लाख मीट्रिक टन चना 10.3 करोड़ लाभार्थी परिवारों में वितरित किया गया है। अगस्त में 2.3 लाख लाभार्थी परिवारों को 23,258 मीट्रिक टन चना वितरित किया गया। 7 सितम्बर, 2020 तक 0.15 करोड़ लाभार्थियों को 1475 मीट्रिक टन चना वितरित किया जा चुका है। अक्टूबर के लिए .008 करोड़ लाभार्थी परिवारों को 86 मीट्रिक टन तथा नवम्बर के लिए .004 करोड़ लाभार्थियों को 40 मीट्रिक टन चना अभी तक वितरित किया जा चुका है।
आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार ने दो मास के लिए प्रवासियों को मुफ्त अनाज और चना देने की घोषणा की है। राज्यों द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रवासियों की अनुमानित संख्या लगभग 2.8 करोड़ है। अगस्त तक की अवधि में 5.32 करोड़ प्रवासियों को 2.67 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया है। इससे पता चलता है कि प्रतिमास लगभग 2.66 करोड़ लाभार्थियों को लाभ पहुंचा है। ये संख्या प्रवासियों की अनुमानित संख्या की लगभग 95 प्रतिशत है। इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के तहत 1.64 करोड़ प्रवासियों को 16,417 मीट्रिक टन चना वितरित किया गया। इस प्रकार प्रतिमास औसत रूप से 82 लाख परिवारों को लाभ हुआ है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत कुल 8.52 करोड़ सिलेंडर बुक हुये, जिनकी इस योजना के तहत अप्रैल और मई 2020 के लिए पहले ही डिलीवरी दी जा चुकी है। जून 2020 के लिए इस योजना के तहत 3.27 करोड़, जुलाई के लिए 1.05 करोड़, अगस्त 2020 के लिए .89 करोड़ और सितम्बर 2020 के लिए .15 लाख मुफ्त सिलेंडर दिये जा चुके हैं।
ईपीएफओ के 36.05 लाख सदस्यों ने ईपीएफओ से 9543 करोड़ रुपये के गैर अदायगी एडवांस राशि ऑनलाइन लेने का लाभ उठाया है।
43 लाख कर्मचारियों का 2476 करोड़ रुपये राशि का 24% ईपीएफ अंशदान हस्तांतरित किया गया है। मार्च में 34.19 लाख कर्मचारियों को 514.6 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया। अप्रैल के लिए 32.87 लाख कर्मचारियों को 500.8 करोड़ रुपये का लाभ, मई के लिए 32.68 लाख कर्मचारियों को 482.6 करोड़ रुपये का लाभ, जून के लिए 32.21 लाख कर्मचारियों को 491.5 करोड़ रुपये का लाभ, जुलाई में 30.01 लाख कर्मचारियों को 461.9 करोड़ रुपये का लाभ और अगस्त के लिए 1.77 लाख कर्मचारियों को 24.74 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया।
मनरेगा: मजदूरी की बढ़ी हुई दरों 01-04-2020 से अधिसूचित किया गया है। चालू वित्त वर्ष में 195.21 करोड़ कार्य-दिवस सृजित किए गए। इसके अलावा, वेतन और सामग्री की लंबित राशियों का भुगतान करने के लिए 59,618 करोड़ रुपये जारी किए गए।
जिला खनिज निधि (डीएमएफ) के तहत, राज्यों को निधियों की 30% राशि खर्च करने के लिए कहा गया है। यह राशि 3,787 करोड़ रुपये है, जिसमें से अब तक 343.66 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
(सौजन्य से- PIB_Delhi)