Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

दिल्ली की इस दबंग लेडी सिंघम से थरथर कांपते हैं राजधानी के मनचले

दिल्ली की इस दबंग लेडी सिंघम से थरथर कांपते हैं राजधानी के मनचले

Monday August 19, 2019 , 3 min Read

राजधानी दिल्ली के ख्याला थाने में तैनात कांस्टेबल जया यादव को देखते ही लड़कियों को परेशान करने वाले मनचले थरथर कांपने लगते हैं। कई बार उन्हे झूठे आरोप लगाने वाली महिलाओं की भीड़ से भी भिड़ना पड़ा है। दबंगई की प्रेरणा उन्हे अपनी हरियाणवी सास जगवती देवी से मिली है।

  


कांस्टेबल जया यादव

कांस्टेबल जया यादव



आईपीएस ऑफिसर छाया शर्मा, आर. श्रीलेखा, रूपा मौदगिल, मीरा बोरवंकर, डॉ बी. संध्या, श्रेष्ठा ठाकुर, अर्चना रामासुंदरम और यूपी पुलिस कांस्टेबल अर्चना जयंत, गीता यादव की तरह इस समय राजधानी दिल्ली की सुर्खियों में हैं ख्याला थाने की बहादुर कांस्टेबल जया यादव, जिनके रोब-रुतबे से मनचले थरथर कांपते हैं।


पिस्टल, एके-47 और एमपी-5 गन चलाने में भी कुशल एवं अब तक एक हजार से अधिक मनचलों को सबक सिखा चुकी जया बैंडमिंटन खिलाड़ी भी हैं। दिल्ली पुलिस में भर्ती होने के बाद हरियाणवी जया पहली तैनाती ट्रैफिक पुलिस में मिली। उसके बाद वह लंबे समय तक पीसीआर में ड्यूटी करती रहीं। उसके बाद उन्हे थानों की राह पकड़ा दी गई। पिछले दो वर्षों से वह राजधानी के ख्याला थाने में रिसेप्शन का काम भी संभाल रही हैं।


जया का मायका उत्तर प्रदेश में और ससुराल हरियाणा में है। उनकी दबंग छवि के पीछे उनकी सास जगवती देवी का सबसे ज्यादा प्रोत्साहन रहा है। वह बताती हैं कि एक वक़्त में उनका बड़ा मन करता था कि बाइक से पट्रोलिंग करें। जब उन्होंने यह मन की बात अपनी सास से साझा की, तो उत्साहित करते हुए उन्होंने न सिर्फ बाइक चलाने बल्कि लड़कियों को परेशान करने वाले मनचलों के साथ दबंगई से पेश आने की सीख दी। उनके में एक ऐसी पुलिस कर्मी की छवि बसी हुई थी, जो वह चाहती थीं कि बहू खूब शान से वर्दी में दिखे। उसके बाद उनका साहस परवाहन चढ़ने लगा। जब भी वह मनचलों से परेशान लड़कियों को देखती हैं, उनके साथ हो लेती हैं और शोहदों को अच्छा सबक सिखाती हैं। अब तक जया कितने लोगों के छक्के छुड़ा चुकी हैं, सभी वाकये गिनाना संभव नहीं। जिस वक़्त वह बाइक पर पेट्रोलिंग करती हैं, कोई महिला या लड़की दिखते ही उसे हिम्मत बंधाने लगती हैं। 





राजधानी दिल्ली में पांच फुट छह इंच की कद-काठी वाली कांस्टेबल जया के दबंग रोल मॉडल बनने की और भी कई वजहें हैं। वह लफंगों से परेशान लड़कियों और महिलाओं ही नहीं, अपने विभाग के अधिकारियों, सहकर्मियों के साथ भी उस वक़्त मुस्तैदी से जा खड़ी होती हैं, जब कोई महिला पद-पैसे का रोब दिखाती हुई उन्हे दबाव में लेने की कोशिश करती है। अपने विभाग के पुरुष अफसरों की तरफदारी में वह सुरक्षा कवच बन जाती हैं। कई बार उन्हे झूठे आरोप लगाने वाली एकजुट महिलाओं की भीड़ का भी अकेले सामना करना पड़ा है।


जया कहती हैं कि कई बार महिलाएं भी गलत होती हैं, जो हावी होने के लिए पुलिस अधिकारियों पर गलत आरोप लगाने से बाज नहीं आती हैं। इसी बेबाकी के चलते वह अपने अधिकारियों में भी लोकप्रिय हैं। अपनी दबंगई, निडरता, काम के प्रति गहरी निष्ठा और ईमानदारी के कारण वह अपने परिजनों की भी रोल मॉडल बन चुकी हैं। रोजाना समय से ड्यूटी पर तैनात हो जाना तो रोजमर्रा में उनके जुनून का हिस्सा है ही।