राजस्थान: 5.94 लाख किसानों को मिली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की चौथी किस्त
राजस्थान के 5.94 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की चौथी किस्त की राशि मिली है।
सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने मंगलवार को बताया कि राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना की चौथी किस्त की राशि जारी हो चुकी है तथा 5 लाख 94694 किसानों को 118 करोड़ 93.88 लाख रुपये का भुगतान उनके खातों में किया गया।
उन्होंने बताया कि इस योजना की पहली किस्त में 47.09 लाख किसानों, द्वितीय किस्त में 46.06 लाख तथा तीसरी किस्त में 36.34 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि उनके खातों में जमा हो चुकी है।
पवन ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों को योजना की चार किश्तों के रूप में कुल 3073.14 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है।
उन्होंने बताया कि दूसरी किस्त के बाद केंद्र सरकार स्वयं के स्तर पर किसानों का आधार आधारित प्रमाणन कर रही है और बिना आधार प्रमाणन के किसानों की किस्त जारी नहीं हो रही है।
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
- प्रधानमंत्री किसान निधि (PM-KISAN) एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसमें भारत सरकार से 100% वित्त पोषण होता है।
- यह योजना 1.12.2018 से प्रभावी है।
- इस योजना के तहत देश भर के सभी किसान परिवारों को हर चार महीने में 2000/- की तीन समान किस्तों में रुपये 6000/- प्रति वर्ष की आय सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना के लिए परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं।
- लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी जिम्मेदारी राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों पर टिकी हुई है।
- फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता है।
- परिचालन दिशानिर्देश के बहिष्करण मानदंड के तहत कवर किए गए किसान योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं हैं।
- नामांकन के लिए, किसान को राज्य सरकार द्वारा नामित स्थानीय पटवारी / राजस्व अधिकारी / नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क करना होगा।
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) को फीस के भुगतान पर योजना के लिए किसानों का पंजीकरण करने के लिए अधिकृत किया गया है।
- किसान पोर्टल में किसान कॉर्नर के माध्यम से अपना पंजीकरण भी करा सकते हैं।
- पोर्टल में किसान कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने आधार डेटाबेस / कार्ड के अनुसार अपना नाम पीएम-किसान डेटाबेस में भी संपादित कर सकते हैं।
- पोर्टल में किसान कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने भुगतान की स्थिति भी जान सकते हैं।
(Edited by रविकांत पारीक )