Reliance ने SEBI पर किया कंटेम्प्ट का मुकदमा, जानें क्या लगाया है आरोप
रिलायंस का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब सेबी सुप्रीम कोर्ट के 5 अगस्त के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रही थी. रिलायंस ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी पत्र लिखकर 22 अगस्त को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना के समक्ष मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सुप्रीम कोर्ट में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के खिलाफ अवमानना (कंटेम्प्ट) का मुकदमा दायर किया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सेबी पर जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है. यह मामला करीब दो दशक पहले के स्टॉक अलॉटमेंट का है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आदेश दिया था कि वह रिलायंस को कुछ दस्तावेज सौंप दे.
रिलायंस का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब सेबी सुप्रीम कोर्ट के 5 अगस्त के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रही थी. रिलायंस ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी पत्र लिखकर 22 अगस्त को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना के समक्ष मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की है.
बता दें कि, ये दस्तावेज 2002 में एस. गुरुमूर्ति द्वारा सेबी में रिलायंस, उसकी सहयोगी कंपनियों और निदेशकों के खिलाफ दायर की गई शिकायत से संबंधित हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रिलायंस ने कथित तौर पर प्रमोटरों से जुड़ी संस्थाओं को 12 करोड़ इक्विटी शेयर धोखे से आवंटित किए थे, और यह कि आवंटन आरआईएल और अन्य समूह फर्मों द्वारा वित्त पोषित किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिलायंस ने सेबी को दो बार पत्र लिखकर तीन दस्तावेजों की प्रतियां मांगीं. सेबी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वह अपने वरिष्ठ वकील से कानूनी सलाह ले रहा है. इसके बाद रिलायंस ने बाजार नियामक से दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान करने की अपील करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने आरआईएल की उस याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद रिलायंस ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था.
बीते 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आरआईएल को शेयर अधिग्रहण मामले से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराने का आदेश दिया था.
रिलायंस को बड़ी राहत प्रदान करते हुए मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि बाजार नियामक का काम निष्पक्ष रूप से कार्य करने का है.
पीठ ने साथ ही बाजार नियामक को रिलायंस को वे दस्तावेजों मुहैया करने के लिए कहा, जो कंपनी के दोषमुक्त होने का दावा करते हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने रिलायंस की अपील को मंजूर करते हुए कहा था, ‘‘सेबी एक नियामक है और उसका काम निष्पक्ष रूप से कार्य करने का है. नियामक को निष्पक्षता दिखानी होगी. हम इसकी अनुमति देते हैं और सेबी को आरआईएल द्वारा मांगे गए दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं.’’
Edited by Vishal Jaiswal