अब रिटेल बिजनस में मुकेश अंबानी लेंगे गौतम अडानी से टक्कर, शेयरधारकों से मांग रहे एक खास इजाजत!
मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के जरिए टेलीकॉम सेक्टर पर कब्जा जमा लिया है. अब उनका टारगेट रिटेल का बिजनस है. वह रिलायंस रिटेल को बेहद बड़ा बनाने के लिए कंपनी की उधारी की लिमिट को बढ़ाने जा रहे हैं.
के जरिए मुकेश अंबानी टेलीकॉम सेक्टर में तहलका मचा चुके हैं. अब मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी का अगला टारगेट रिटेल सेक्टर हो सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उन्होंने रिटेल सेक्टर में एक बड़ी क्रांति के लिए कमर कस ली है. दरअसल, ने अपनी उधारी की लिमिट (Reliance Retail Borrowing Limit) बढ़ाने की सोची है. इसके लिए कंपनी ने शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है. अभी उधारी की लिमिट 50 हजार करोड़ रुपये है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये किए जाने की इजाजत मांगी गई है.
अभी कितना कर्ज है रिलायंस रिटेल पर
अगर 31 मार्च 2022 तक के आंकड़ों की बात करें तो रिलायंस रिटेल के ऊपर कुल उधारी 40 हजार करोड़ रुपये है. इसमें से 12,021 करोड़ रुपये लंबी अवधि का कर्ज है, जबकि 28,735.44 करोड़ रुपये छोटी अवधि का कर्ज है. ऐसे में अगर शेयर धारकों की तरफ से कंपनी को 1 लाख करोड़ रुपये तक की उधारी लेने की इजाजत मिल जाती है तो कंपनी के पास 60 हजार करोड़ रुपये तक का कर्ज लेने का स्कोप होगा. शेयरधारकों से यह मंजूरी 30 सितंबर को होने वाली रिलायंस रिटेल की सालाना बैठक में ली जाएगी.
क्या है कंपनी का प्लान?
कंपनी अपने कर्ज की लिमिट को बढ़ाने का प्रस्ताव इसलिए दे रही है, क्योंकि वह अपने बिजनस का विस्तार करना चाहती है और इसके लिए ढेर सारी पूंजी की जरूरत होगी. वैसे भी, हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम में रिलायंस रिटेल की चेयरमैन ईशा अंबानी कह चुकी हैं कि कंपनी जल्द ही एफएमसीजी कैटेगरी में उतरने वाली है. रिलायंस रिटेल ने पिछले साल शेयर धारकों से उधारी की लिमिट को 50 हजार करोड़ रुपये करने की मंजूरी ली थी. रिलायंस रिटेल ने 2020-21 में 14,745.88 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो छोटी अवधि का लोन है.
रिटेल से तगड़ी कमाई कर रही है कंपनी
पिछले साल रिलायंस रिटेल ने 2000 से भी अधिक नए स्टोर खोले हैं और अब उनकी संख्या को बढ़ाकर 14,385 करने की योजना है. कंपनी को रिटेल बिजनस से तगड़ी कमाई हो रही है और इसमें मौके भी खूब बन रहे हैं. 2021-22 में रिलायंस रिटेल को 1,93,456 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो पिछले साल की तुलना में 29 फीसदी अधिक थी. वहीं इस दौरान कंपनी को 4,934 करोड़ रुपये का मुनाफा भी हुआ था. कंपनी के रजिस्टर्ड ग्राहकों की संख्या में भी करीब 24 फीसदी का इजाफा हुआ है और ये 19.3 करोड़ पर पहुंच गई है.