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Freshworks ने वैश्विक स्तर पर 90 कर्मचारियों की छंटनी की; भारत में 60 को निकाला

अमेरिकी शेयर बाजार Nasdaq में सूचीबद्ध सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) कंपनी फ्रेशवर्क्स (Freshworks) ने अपने कर्मचारियों की छंटनी की है. YourStory ने सबसे पहले इसकी जानकारी दी.

कंपनी ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी कुल वर्कफोर्स का लगभग 2 प्रतिशत यानि कि 90 कर्मचारियों की छंटनी की है. इसमें से करीब 60 प्रभावित कर्मचारी भारत के हैं. कंपनी ने व्यापार वृद्धि को बढ़ावा देने का हावाला देते हुए यह निर्णय लेने की बात कही.

कंपनी के पास कुल 5,200 लोगों का स्टाफ है.

कंपनी ने एक बयान में कहा, "अपने व्यवसाय के विकास को बढ़ावा देने के लिए, हमने कंपनी में बेहतर अलाइनमेंट बनाने के लिए संगठनात्मक परिवर्तन किए. हमने अधिक महत्वपूर्ण पहलों का समर्थन करने के लिए प्रोडक्ट, मार्केटिंग और सेल्स में कुछ मौजूदा भूमिकाओं को ट्रांसफर कर दिया और 2 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की है."

कंपनी के फाउंडर और सीईओ गिरीश मथरुबूथम ने भी इसे कंपनी-व्यापी छंटनी के बजाय एक संरचनात्मक परिवर्तन करार दिया. अपने कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में, मथरुबूथम ने कथित तौर पर कहा कि उन्होंने अपने अधिकांश कर्मचारियों को बनाए रखा है और केवल 90 कर्मचारियों की छंटनी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि प्रभावित कर्मचारियों को ट्रांजिशन फेज के दौरान फ्रेशवर्क्स द्वारा सपोर्ट किया जाएगा.

आपको बता दें कि फ्रेशवर्क्स का IPO 22 सितंबर को 2021 को लिस्ट हुआ और वह अमेरिकी बाजार में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय SaaS कंपनी बन गई. लिस्टिंग से फ्रेशवर्क्स को 1.03 बिलियन डॉलर का फंड मिला और वैल्यूएशन बढ़कर 10 बिलियन डॉलर हो गया. NASDAQ पर उसकी लिस्टिंग के बाद शेयरों को काफी तगड़ा रेस्पॉन्स मिला और एक समय इसका वैल्यूएशन 12 बिलियन डॉलर के भी पार निकल गया. 

कड़ी मेहनत की बदौलत कंपनी ने 8 सालों के अंदर-अंदर 2018 रेवेन्यू 100 मिलियन डॉलर तक पहुंचा लिया. एक साल बाद ही कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर 200 मिलियन डॉलर पहुंच गया और कस्टमर बेस डेढ़ लाख से बढ़कर 2 लाख 20 हजार हो गया. फरवरी 2021 में ही कंपनी ने 300 मिलियन डॉलर का मार्क छू लिया. 

अगर आंकड़ों को कैलकुलेट करें तो निकलकर आता है कि कंपनी ने महामारी के दौरान भी 40 फीसदी सालाना के हिसाब से ग्रोथ हासिल की है. कंपनी इस समय अमेरिका, यूरोप के पेरिस, नीदरलैंड्स, फ्रांस जैसे देशों से लेकर, जापान, इंडिया में अपने दफ्तर खोल चुकी है. कंपनी ने मार्च तिमाही में 42 पर्सेंट का रेवेन्यू ग्रोथ हासिल किया है. मगर कंपनी का लॉस कुछ बढ़ा है. कंपनी को मार्च तिमाही में 49.1 मिलियन डॉलर का घाटा हुआ जो 2021 के मार्च तिमाही में 2.4 मिलियन डॉलर ही था.

अमेरिकी बाजार में मंदी के बाद, भारतीय SaaS खिलाड़ी हाल के दिनों में नौकरी में कटौती सहित लागत में कटौती के विभिन्न उपायों के साथ सामने आए. Chargebee, Salesforce और Zendesk सहित इस सेक्टर की कई अन्य कंपनियों ने भी हाल ही में छंटनी की घोषणा की थी.