शिपिंग कॉरपोरेशन का भी निजीकरण करेगी सरकार, मार्च तिमाही में वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की योजना

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने दिसंबर, 2020 में कंपनी में सरकार की समूची 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे. हिस्सेदारी बिक्री के साथ ही कंपनी का प्रबंधन भी स्थानांतरित किया जाना है.

शिपिंग कॉरपोरेशन का भी निजीकरण करेगी सरकार, मार्च तिमाही में वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की योजना

Tuesday August 30, 2022,

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सरकार मार्च तिमाही में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) के निजीकरण के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकती है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘शिपिंग कॉरपोरेशन की गैर-प्रमुख संपत्तियों और भूमि को अलग करने का काम अंतिम चरण में है. यह प्रक्रिया करीब तीन महीने में पूरी होने की उम्मीद है. इसके बाद वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी.’’

अधिकारी ने कहा कि संभावित निवेशकों से वित्तीय बोलियां जनवरी-मार्च तिमाही में आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है. रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया के तहत सरकार शिपिंग हाउस और प्रशिक्षण संस्थान सहित एससीआई की कुछ गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग कर रही है.

एससीआई के निदेशक मंडल ने कंपनी की गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की योजना को पिछले साल अगस्त में मंजूरी दी थी. उसके बाद नवंबर, 2021 में एससीआईएलएएल का गठन किया गया था.

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने दिसंबर, 2020 में कंपनी में सरकार की समूची 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे. हिस्सेदारी बिक्री के साथ ही कंपनी का प्रबंधन भी स्थानांतरित किया जाना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर, 2020 में शिपिंग कॉरपोरेशन के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी.

इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की एक और कंपनी भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड (BEML) के निजीकरण के लिए दिसंबर तिमाही में वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकती है. सरकार की रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम बीईएमएल में 54.03 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में बीईएमएल की जमीन और गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग कर बीईएमएल लैंड एसेट्स लिमिटेड में शामिल करने को मंजूरी दी थी.

साल 2016 में केंद्रीय कैबिनेट ने कंपनी के प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी. अब तक, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के माध्यम से 65 हजार करोड़ रुपये के पूर्ण वर्ष के बजट लक्ष्य के मुकाबले 24,544 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

बता दें कि, जून में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) की उन इकाइयों की रणनीतिक बिक्री को जल्द पूरा किया जाएगा जिनके लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है.

वित्त मंत्रालय का कहना है कि ऐसी इकाइयां जिनके लिए मंत्रिमंडल की हरी झंडी मिल चुकी है, उनकी रणनीतिक बिक्री संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम दीपम द्वारा तय दिशानिर्देशों के तहत करेंगे. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जिन इकाइयों की रणनीतिक बिक्री के लिए रुचि पत्र (ईओआई) निकाले जा चुके हैं, उनकी बिक्री निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा की जाएगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 मई को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को इकाइयों/अनुषंगी कंपनियों को बंद करने, रणनीतिक या अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री का अधिकार दिया था. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अधिक स्वायत्तता मिली है. इसके बाद दीपम ने यह कार्यालय ज्ञापन निकाला है. केंद्रीय मंत्रिमंडल 2016 से 35 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और उनकी इकाइयों/अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी दे चुका है. इनमें से नौ का लेनदेन पूरा हो गया है.


Edited by Vishal Jaiswal