स्काई एयर मोबिलिटी, ड्रोन फेस्टिवल धर्मशाला में दिखाएगी अपने शानदार ड्रोन्स और संचालन क्षमताएं
14 दिसंबर को महत्वपूर्ण हेल्थकेयर सप्लाईज जैसे टीके, दवाएं और ब्लड पैकेट्स आदि ले जाने वाली ऑटोनॉमस बीवीएलओएस उड़ानों का प्रदर्शन करने के लिए दिखाएगी अपनी क्षमता।
Skye Air Mobility, दिल्ली की प्रमुख ड्रोन लॉजिस्टिक्स कंपनी 14 दिसंबर 2021 को धर्मशाला में ड्रोन फेस्टिवल में शामिल होकर ड्रोन संचालन और सर्विसेज में अपनी क्षमताएं दिखाएगी।
पिछले दो महीनों में टीके, भोजन और किराने का सामान पहुंचाने वाली 750 से अधिक सफल ऑटोनॉमस बीवीएलओएस उड़ानें पूरी करने के बाद, स्काई एयर इस कार्यक्रम में अपनी क्षमता और उत्पादों का प्रदर्शन करेगी, जहां हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ हिमाचल प्रदेश के माननीय तकनीकी शिक्षा मंत्री राम लाल मारकंडा इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
स्काई एयर हिमाचल प्रदेश में लगभग 12 किमी (हवाई) की दूरी को कवर करते हुए साई स्पोर्ट्स ग्राउंड से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए ऑटोनॉमस बीवीएलओएस उड़ान का प्रदर्शन करेगा। उड़ानें स्काई शिप वन नामक अपनी कस्टमाइज्ड स्माल कैटेगरी के ड्रोन द्वारा टीके और दवाएं ले जाएंगी।
आगामी महोत्सव में भाग लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए, स्काई एयर के को-फाउंडर स्वप्निक जक्कमपुडी ने कहा कि “हमें ड्रोन महोत्सव, धर्मशाला में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन करने में खुशी हो रही है। इस भागीदारी का उद्देश्य ड्रोन की दक्षता और क्षमता का प्रदर्शन करना है, जैसे कि जीवन रक्षक मेडिकल सप्लाईज-रक्त, टीके और दवाओं जैसी वस्तुओं को सड़क मार्ग की तुलना में अधिक तेजी से वितरित किया जा सकता है। इस तरह के आयोजनों में भाग लेकर हम राष्ट्र को दिखाना चाहते हैं कि यह तकनीक जल्द ही कई सेक्टर्स में लॉजिक्ट्सि के संबंध में गेम चेंजर कैसे साबित होगी।“
ऑटोनॉमस बीवीएलओएस उड़ान पर और जानकारी देते हुए, स्वप्न जक्कमपुडी ने कहा कि “वैक्सीन और अन्य मेडिसन सप्लाईज की खेप से लैस उड़ानें 12 किलोमीटर की हवाई दूरी को कवर करेंगी।
हाल ही में स्काई एयर ने तेलंगाना के मेडिसिन फ्रॉम द स्काई प्रोजेक्ट में अपनी भागीदारी से काफी चर्चा बटोरीं है। इसने 21 दिनों के भीतर ड्रोन के माध्यम से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य आपूर्ति जैसे टीकों, दवाओं और रक्त की 175 बीवीएलओएस उड़ानों का सफलतापूर्वक संचालन किया। परीक्षणों में स्काई एयर द्वारा कई ऑटोनॉमस लंबी दूरी की उड़ानें सफलतापूर्वक पूरी की गईं।