WeWork: कभी 47 अरब डॉलर थी वैल्यू; अब हुई दिवालिया...
कोवर्किंग कंपनी बड़े पैमाने पर कर्ज और भारी घाटे से जूझ रही है. कंपनी ने सोमवार को कहा कि सभी प्रभावित सदस्यों को इसके बारे में अग्रिम नोटिस भेज दिया गया है.
सॉफ्टबैंक ग्रुप समर्थित ऑफिस-शेयरिंग कंपनी
ने सोमवार को अमेरिका की न्यू जर्सी संघीय अदालत में दिवालिया घोषित होने के लिए आवेदन दायर किया. कोवर्किंग कंपनी बड़े पैमाने पर कर्ज और भारी घाटे से जूझ रही है. कंपनी ने सोमवार को कहा कि सभी प्रभावित सदस्यों को इसके बारे में अग्रिम नोटिस भेज दिया गया है.बता दें कि WeWork की शुरुआत Adam Neumann ने की थी. सॉफ्टबैंक की WeWork में लगभग 60% हिस्सेदारी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जून के अंत तक WeWork पर 2.9 अरब डॉलर का नेट लॉन्ग टर्म डेट था और लॉन्ग टर्म लीज में 13 अरब डॉलर से अधिक थे. साल 2019 में WeWork की वैल्यूएशन निजी तौर पर 47 अरब डॉलर थी. कंपनी के शेयरों में इस वर्ष लगभग 96 प्रतिशत की गिरावट आई है.
WeWork ने दिवाला संरक्षण के चैप्टर 11 के तहत यह आवेदन किया है. इसके साथ ही कंपनी ने अपने कर्ज को कम करने तथा बही-खाते को दुरुस्त करने के लिए व्यापक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है. 2023 की दूसरी तिमाही में WeWork के रेवेन्यू में स्पेस लीज की 74 फीसदी हिस्सेदारी थी. बैंकरप्सी फाइलिंग में कंपनी ने अपने एसेट और लायबिलिटी 10 अरब से 50 अरब डॉलर की रेंज में बताया है.
न्यूयॉर्क एक्सचेंज में सूचीबद्ध WeWork ने कहा है कि अमेरिका और कनाडा के बाहर स्थित उसके केंद्र इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे.
वहीं, WeWork India में एम्बेसी ग्रुप की 73 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि इसमें WeWork Global की 27 फीसदी हिस्सेदारी है. WeWork India के भारत के 7 शहरों- नई दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में 50 केंद्र हैं.