Paytm Share Buyback के लिए 810 रुपये की कीमत तय, जानिए अब शेयर खरीदें या दूर ही रहें
पेटीएम अपने ही शेयर बायबैक करने वाली है. यह बायबैक 810 रुपये प्रति शेयर के भाव पर होगा. यहां सवाल ये है कि क्या आपको हर शेयर पर मोटा मुनाफा मिलेगा या नहीं?
की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लिमिडेट (One 97 Communications Ltd) की 13 दिसंबर को हुई बोर्ड की बैठक में शेयर बायबैक (Share Buyback) की योजना को मंजूरी मिल गई है. बोर्ड ने बाजार से शेयर बायबैक के जरिए करीब 850 करोड़ रुपये के शेयर खरीदने की मंजूरी दे दी है. कंपनी की तरफ से शेयर बायबैक अधिकतम 810 रुपये की कीमत पर किया जाएगा. इसके तहत कंपनी कम से कम 52,46,913 इक्विटी शेयर खरीदेगी. वहीं अगर अधिक से अधिक शेयरों की बात करें तो कंपनी करीब 1,04,93,827 इक्विटी शेयर खरीद सकती है. अनुमान है कि अगर कंपनी अधिकतम शेयर बायबैक करती है तो इसके लिए उसे करीब 1048 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. ऐसे में लोगों के मन में बायबैक को लेकर कई सवाल हैं, चलिए एक-एक कर उन्हें समझते हैं.
शेयर बायबैक के लिए पैसे कहां से लाएगी पेटीएम?
मौजूदा वक्त में कंपनी के पास करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है. हालांकि, बायबैक में कंपनी सिर्फ उन्हीं पैसों के इस्तेमाल कर सकती है, जो कंपनी के अपने पैसे हैं. मतलब जो पैसे कंपनी को आईपीओ के जरिए मिले हैं, उसे शेयर बायबैक के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि आईपीओ से मिले पैसों का वही इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके लिए आईपीओ लाया गया था. यहां दिलचस्प ये है कि पेटीएम को हमेशा से नुकसान ही हो रहा है तो सवाल ये है कि आखिर कंपनी शेयर बायबैक के लिए पैसे कहां से लाएगी.
क्या होता है शेयर बायबैक?
शेयर बायबैक वह प्रक्रिया होती है, जिसके तहत कोई कंपनी अपने ही शेयर्स को पब्लिक से वापस खरीद लेती है. इसके लिए कंपनी अपने शेयर की कीमत पर कुछ प्रीमियम भी चुकाती है. शेयर बायबैक के जरिए कंपनी खुद में ही री-इन्वेस्ट करती है. जब कंपनी शेयर बायबैक करती है तो फिर बाजार में उसके आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या कम हो जाती है. शेयरों की संख्या कम हो जाने की वजह से अर्निंग पर शेयर बढ़ जाती है, जिससे निवेशकों को थोड़ा फायदा होता है.
पेटीएम का शेयर अब खरीदें या नहीं?
पेटीएम बायबैक की खबर सुनने के बाद अगर मौजूदा भाव से कैल्कुलेट करें तो आपको तगड़ा फायदा दिखेगा. अभी शेयर 530 रुपये के करीब है, जबकि बायबैक होगा अधिकतम 810 रुपये पर. यानी आपको प्रति शेयर करीब 280 रुपये का मुनाफा अगले 6 महीनों में हो सकता है. हालांकि, बायबैक के पीछे की गणित को भी समझना जरूरी है, ताकि आपको बाद में दिक्कत ना हो. बायबैक के तहत सारे शेयर तो खरीदे नहीं जाते हैं, सिर्फ कुछ फीसदी शेयर ही खरीदे जाते हैं.
अगर आप 280 रुपये प्रति शेयर के लालच में 1 लाख शेयर खरीद लेते हैं तो आपको ये भी समझना होगा कि सारे शेयर नहीं बिकेंगे. आपको बायबैक के लिए आवेदन करना होगा, जिसके बाद आपके कुछ शेयरों की खरीद को मंजूरी मिलेगी. अगर आधे भी शेयर बिक जाते हैं तो भी आपके आधे शेयर फिर पेटीएम में फंस जाएंगे. आने वाले दिनों में अभी पेटीएम के फंडामेंटल मजबूत होते नहीं दिख रहे हैं. अगर आपके पास पहले से ही पेटीएम के शेयर हैं तो दाम बढ़ने पर या बायबैक से मंजूरी मिलने पर आप उन्हें बेचकर इस कंपनी से बाहर निकल सकते हैं. वहीं अगर आप नए शेयर खरीदने पर विचार कर रहे हैं तो ये ख्याल मन से निकाल दें, क्योंकि आगे भी पेटीएम आपको बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं देगा.
आखिर कंपनियां बायबैक क्यों करती हैं शेयर?
बायबैक की बात सुनकर हर कोई ये सोचता है कि आखिर कंपनियां अपने ही शेयर को वापस क्यों खरीदती हैं. कई बार अगर कंपनी के पास अतिरिक्त कैश हो जाता है और वह उसे किसी दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा पाती हैं तो वह शेयर बायबैक कर लेती हैं. इस तरह कंपनी अतिरिक्त कैश को खुद में ही निवेश कर देती हैं. अगर किसी कंपनी के पास अधिक नकदी होती है तो वह बैलेंस शीट में भी दिखती है और नकदी पड़े रहना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में कंपनियां उस नकदी का इस्तेमाल शेयर बायबैक कर के कर लेती हैं. कई बार कंपनियों को लगता है कि उनके शेयर की कीमत कम आंकी गई है, तो भी वह शेयर बायबैक कर लेती हैं, जिससे शेयरों की वैल्यू बढ़ जाती है. इससे निवेशकों में भी एक भरोसा पैदा होता है कि कंपनी की वित्तीय हालत अच्छी है, जिससे कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ती है, जो उसकी कीमत को बढ़ाती है.
निवेशकों को क्या फायदा?
जैसा कि शेयर बायबैक कुछ प्रीमियम पर होता है तो निवेशकों को इसका तो फायदा होता ही है. हालांकि, अगर आपने लंबे वक्त के हिसाब से पैसा लगाया है तो आपको बायबैक में शेयर नहीं बेचने चाहिए. उम्मीद होती है कि भविष्य में कंपनी और बेहतर प्रदर्शन करेगी और ज्यादा रिटर्न देगी. वहीं अगर आपने छोटी अवधि के लिए निवेश किया है तो बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए. वहीं अगर आपको लगे कि कंपनी का शेयर ओवरवैल्यूड है तो भी आपको शेयर बेचकर निकल जाना चाहिए. ऐसा लगे कि कंपनी के शेयर में दम नहीं है तो भी उसे बेच देना चाहिए.
पेटीएम ने डुबाए निवेशकों के पैसे
15 नवंबर 2021 को पेटीएम का आईपीओ आया था. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ था, जिसे महाआईपीओ कहा गया था. आईपीओ के तहत पेटीएम के शेयर की कीमत 2150 रुपये थी, लेकिन उसके बाद से गिरते-गिरते कंपनी के शेयर एक चौथाई के करीब आ चुके हैं. अभी पेटीएम का शेयर करीब 530 रुपये के करीब आ चुका है. सॉफ्टबैंक ने भी हाल ही में पेटीएम के करीब 200 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1630 करोड़ रुपये के शेयर बेचने का फैसला किया था. इसके बाद तो कंपनी के शेयर बुरी तरह टूटे थे.
क्या रहे पेटीएम के दूसरी तिमाही के नतीजे?
पेटीएम के शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हुआ 7 नवंबर से, जब कंपनी के तिमाही नतीजे सार्वजनिक हुए. जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़कर 571.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में 474.5 करोड़ रुपये था. वहीं अगर तिमाही आधार पर देखें तो कंपनी का घाटा कम हुआ है. जून तिमाही में पेटीएम का घाटा 645.4 करोड़ रुपये था. हालांकि, दूसरी तिमाही में पेटीएम का रेवेन्यू करीब 76.2 फीसदी बढ़ा था और 1914 करोड़ रुपये हो गया. यह पिछले साल 1086 करोड़ रुपये था. कमाई बढ़ने की वजहों में मर्चेंट सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू, मंथली ट्रांजेक्शन यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी से बिल पेमेंट में उछाल और लोन डिसबर्समेंट में मजबूत ग्रोथ शामिल हैं.