कैप्टन कूल रह चुके धोनी सिर्फ बिजनेस ही नहीं करते, खेती में भी उनका जवाब नहीं, जानिए क्या-क्या उगाते हैं
महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट के मैदान में अपने बल्ले का जलवा दिखाकर पहले ही सबको अपना फैन बना लिया है. अब वह अपने खेत में सब्जियां उगाकर और ट्रैक्टर चलाकर लोगों को मोहित कर रहे हैं.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (Cricket) को अलविदा कह चुके हैं और अब खेती पर फोकस कर रहे हैं. उन्होंने एक किसान की तरह रांची में अपनी नई पारी की शुरुआत भी कर दी है. बता दें कि रांची के सैंबो में महेंद्र सिंह धोनी का फार्म है. यह फार्म करीब 43 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें धोनी सब्जियां उगाते हैं. धोनी के इस फार्म का नाम इजा (Eeja) फार्म है. इसके अलावा वह गौपाल, मुर्गीपालन और मछली पालन भी करते हैं.
क्या-क्या उगाते हैं धोनी?
महेंद्र सिंह धोनी अपने फार्म में फूलगोभी, आलू, मटर, ब्रोकली, खीरा, गाजर, ओल टमाटर, मूली और स्ट्रॉबेरी आदि की खेती करते हैं. इतना ही नहीं, वह पपीते की खेती भी करते हैं. अच्छी बात तो ये है कि वह अपने फार्म में खुद ही पौधे लगाते या ट्रैक्टर चलाते हुए भी दिख जाते हैं.
ऑर्गेनिक और मिश्रित खेती पर रखते हैं फोकस
महेंद्र सिंह धोनी अपने खेतों में ऑर्गेनिक खेती पर काफी फोकस रखते हैं. वह मिश्रित खेती भी करते हैं, यानी एक ही जगह पर कई तरह की सब्जियों की खेती करते हैं.
इंटीग्रेटेड फार्मिंग है धोनी का मॉडल
एक किसान को अपने खेतों से तगड़ा फायदा तब होता है, जब वह इंटीग्रेटेड फार्मिंग करता है. इंटीग्रेटेड फार्मिंग में खेती के साथ-साथ गाय पालना, मछली पालना, मुर्गे पालना ये सब शामिल होता है. खेती से गाय के लिए चारा मिल जाता है, जबकि गाय से खेत के लिए गोबर की खाद मिलती है. वहीं मुर्गियों से मछली के लिए चारा मिल जाता है और कई तरह की घास भी मछलियां खाती हैं तो खेत से उनके लिए भी चारा मिल जाता है. कई तरह के अनाज जैसे मक्का आदि अपने ही खेत में उगाकर मुर्गों को खिलाया जा सकता है.
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पालते हैं कड़कनाथ मुर्गे
महेंद्र सिंह धोनी ने मध्य प्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ मुर्गों के 2 हजार चूजे मंगवाए थे. मध्य प्रदेश सरकार के पास कड़कनाथ मुर्गों का जीआई टैग है ये कड़कनाथ 'प्योर लाइन' नस्ल के हैं, जिनका मांस ना सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि बहुत अधिक पौष्टिक भी होता है. इसके सेवन से प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसकी खास बात ये होती है ये मुर्गा पूरा काला होता है और इसका मांस भी काला होता है. ये मुर्गे बहुत ज्यादा महंगे भी होते हैं. ये मुर्गे 1000-1200 रुपये किलो बिकते हैं. वहीं इनके अंडे 35-40 रुपये के बिकते हैं.
प्लांट बेस्ड फूड में भी है दिलचस्पी
महेंद्र सिंह धोनी ने ‘शाका हैरी’ (Shaka Harry) स्टार्टअप में भी निवेश किया हुआ है. धोनी को वैसे तो चिकन बहुत पसंद है, लेकिन अब वह संतुलित आहार पसंद करते हैं. वह कहते हैं कि प्लांट बेस्ड मीट पारंपरिक मीट आइटम्स की तुलना में एक स्वस्थ अनुभव प्रदान करते हैं. प्लांट बेस्ड मीट पौधों से मिलने वाली सामाग्रियों से तैयार किया जाता है, लेकिन स्वाद में मीट जैसा होता है. यही वजह है कि पूर्णतः पौधे आधारित सामग्रियों से बना होता है इसलिए इसे guilt-free meat भी कहा जाता है.
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